नई दिल्ली:
दुनिया में एक बार फिर चीन ने अपनी सैन्य ताकत का परिचय दिया है। चीन ने नए सुपरसोनिक परमाणु वाहन के सफल परीक्षण की घोषणा की है। इस परीक्षण के बाद दक्षिण चीन सागर में बढ़ रहे तनाव के कारण अमेरिका ने बयान में कहा है कि यह सैन्य अभ्यास की इंतेहा है। इस परीक्षण को अमेरिका ने डब्ल्यूयू-14 का नाम दिया है।
इस परीक्षण की सबसे पहले खबर देने वाली अमेरिकी वेबसाइट वॉशिंगटन फ्री बीकॉन के अनुसार यह नया वाहन एक उच्च तकनीक से बना रणनीतिक हथियार है जो परमाणु और पारंपरिक हथियारों को लक्ष्य तक ले जाने में सक्षम है। इसकी खूबी यह है कि यह अमेरिकी मिसाइलों को चकमा देकर बच निकलने में सक्षम है। डब्ल्यूयू-14 को आवाज से 10 गुना ज्यादा रफ्तार पर चलने के लिए बनाया गया है। यह टेस्ट केंद्रीय सैन्य आयोग के उपाध्यक्ष फेन चैंगलॉन्ग की एक सप्ताह की अमेरिका यात्रा के ठीक एक दिन पहले किया गया।
बता दें कि चीन की पीपल लिबरेशन आर्मी ने 18 महीनों में इस हथियार का चौथी बार सफल परीक्षण किया है। हॉन्गकॉन्ग के अखबार साउथ चायना मॉर्निंग पोस्ट में चीन के रक्षा मंत्रालय के हवाले से छपी एक खबर में कहा गया है कि हमारी टेरेटरी में इस तरह के पहले से निर्धारित वैज्ञानिक शोध और प्रयोग साधारण बात है और इन परीक्षणों को किसी देश या विशेष उद्देश्य को लक्ष्य बनाकर नहीं किया जाता।
वहीं, अखबार ने यह भी लिखा है कि अमेरिका द्वारा चीन के सीमा विवाद में लगातार हस्तक्षेप के जवाब में बीजिंग अपनी परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर रहा है।
इस परीक्षण की सबसे पहले खबर देने वाली अमेरिकी वेबसाइट वॉशिंगटन फ्री बीकॉन के अनुसार यह नया वाहन एक उच्च तकनीक से बना रणनीतिक हथियार है जो परमाणु और पारंपरिक हथियारों को लक्ष्य तक ले जाने में सक्षम है। इसकी खूबी यह है कि यह अमेरिकी मिसाइलों को चकमा देकर बच निकलने में सक्षम है। डब्ल्यूयू-14 को आवाज से 10 गुना ज्यादा रफ्तार पर चलने के लिए बनाया गया है। यह टेस्ट केंद्रीय सैन्य आयोग के उपाध्यक्ष फेन चैंगलॉन्ग की एक सप्ताह की अमेरिका यात्रा के ठीक एक दिन पहले किया गया।
बता दें कि चीन की पीपल लिबरेशन आर्मी ने 18 महीनों में इस हथियार का चौथी बार सफल परीक्षण किया है। हॉन्गकॉन्ग के अखबार साउथ चायना मॉर्निंग पोस्ट में चीन के रक्षा मंत्रालय के हवाले से छपी एक खबर में कहा गया है कि हमारी टेरेटरी में इस तरह के पहले से निर्धारित वैज्ञानिक शोध और प्रयोग साधारण बात है और इन परीक्षणों को किसी देश या विशेष उद्देश्य को लक्ष्य बनाकर नहीं किया जाता।
वहीं, अखबार ने यह भी लिखा है कि अमेरिका द्वारा चीन के सीमा विवाद में लगातार हस्तक्षेप के जवाब में बीजिंग अपनी परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर रहा है।
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