इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि वह फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना की अनुमति नहीं देंगे. उन्होंने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि यहूदी राष्ट्र ने सऊदी अरब के साथ रिश्तों को सामान्य बनाने की कोशिशों के तहत 'फिलिस्तीनी राज्य की ओर बढ़ने' पर सहमति जताई. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, इजरायली मीडिया ने पहले बताया था कि सऊदी अरब के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के लिए समझौते पर चल रही बातचीत के तहत 'फिलिस्तीनी राज्य' के दर्जे पर विचार किया जा रहा है.
इस बीच, सऊदी अरब ने भी इस रिपोर्ट का जोरदार खंडन करते हुए कहा कि अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है.
एक अनाम सऊदी अधिकारी की तरफ से पत्रकारों को जारी बयान में कहा गया, "यह धारणा कि राज्य के नेतृत्व ने स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के लिए अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को संशोधित किया है, निराधार है."
बयान में कहा गया, "सऊदी अरब गाजा में युद्ध को समाप्त करने, फिलिस्तीनी लोगों को स्वतंत्र राज्य का अधिकार दिलाने में मदद करने के लिए काम करना जारी रखेगा."
नेतन्याहू, जो लंबे समय से सऊदी अरब के साथ औपचारिक संबंधों को एक महत्वपूर्ण रणनीतिक उद्देश्य मानते हैं, ने इन रिपोर्टों को खारिज कर दिया.
इजरायल ने 1967 के मध्य पूर्व युद्ध में वेस्ट बैंक, पूर्वी यरुशलम और गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया था. फिलिस्तीनी उन क्षेत्रों में एक स्वतंत्र राज्य स्थापित करना चाहते हैं.
नेतन्याहू ने फिलिस्तीनी राज्य की जगह संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब जैसे अरब देशों को युद्ध के बाद गाजा के प्रशासन में योगदान देने का विचार पेश किया है. हालांकि, उन देशों और क्षेत्र के अन्य देशों ने बार-बार कहा है कि वे फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) की भागीदारी के बिना युद्ध के बाद गाजा के प्रबंधन या पुनर्निर्माण में भाग नहीं लेंगे.
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