ढाका:
बांग्लादेश ने माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम के करीबी साथी दाऊद मर्चेंट को भारत प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। देश के गृहमंत्री असदुज्जमान खान कमाल ने सोमवार को यह जानकारी दी।
कमाल ने अपने कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम कई विदेशी कैदियों की कैद की अवधि पूरा होने पर उनके देश वापस भेज रहे हैं। दाऊद मर्चेंट उनमें से एक है।’’ मर्चेंट का नाम अब्दुर रऊफ भी है जिसे 1997 में गुलशन कुमार की हत्या में दोषी ठहराया गया था। उसे कुमार की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय अपने फैसले से अवगत कराने के लिए संबंधित दूतावासों या उच्चायुक्तों के साथ संपर्क में है और उनसे वापसी के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है।
बांग्लादेश पुलिस ने मई 2009 में मर्चेंट को एक गुप्त सूचना पर ब्राह्मणबरिया जिले से गिरफ्तार किया था। वह मुंबई में अपने परिवार से मुलाकात के लिए पैरोल पर रिहा होने के दौरान भारत से भाग गया था।
उसे बाद में बांग्लादेश में अवैध तरीके से प्रवेश करने और रहने के मामले में दोषी ठहराया गया और दिसंबर 2014 में रिहा कर दिया गया। उसकी रिहाई के तुरंत बाद उसे फिर गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने तब कहा था कि इस्लामी आतंकवादियों से उसके संभावित संपर्कों का पता लगाने के लिए पूछताछ जरूरी है।
मंत्री के बयान इन खबरों के बीच में आए हैं कि भारत बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के संयुक्त महासचिव सलाउद्दीन अहमद को बांग्लादेश को सौंपेगा जो पिछले साल रहस्यमयी तरीके से गायब होने के बाद भारत की हिरासत में है।
हालांकि कमाल ने प्रस्तावित प्रत्यर्पण को अहमद की स्वदेश वापसी से जोड़ने से इनकार करते हुए कहा कि यह आदान-प्रदान कार्यक्रम की तरह नहीं है। शार्प शूटर मर्चेंट को कोलकाता पुलिस ने 2001 में गिरफ्तार किया था। लेकिन वह 15 दिन की पैरोल के दौरान छिप गया और बांग्लादेश चला गया।
कमाल ने अपने कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम कई विदेशी कैदियों की कैद की अवधि पूरा होने पर उनके देश वापस भेज रहे हैं। दाऊद मर्चेंट उनमें से एक है।’’ मर्चेंट का नाम अब्दुर रऊफ भी है जिसे 1997 में गुलशन कुमार की हत्या में दोषी ठहराया गया था। उसे कुमार की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय अपने फैसले से अवगत कराने के लिए संबंधित दूतावासों या उच्चायुक्तों के साथ संपर्क में है और उनसे वापसी के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है।
बांग्लादेश पुलिस ने मई 2009 में मर्चेंट को एक गुप्त सूचना पर ब्राह्मणबरिया जिले से गिरफ्तार किया था। वह मुंबई में अपने परिवार से मुलाकात के लिए पैरोल पर रिहा होने के दौरान भारत से भाग गया था।
उसे बाद में बांग्लादेश में अवैध तरीके से प्रवेश करने और रहने के मामले में दोषी ठहराया गया और दिसंबर 2014 में रिहा कर दिया गया। उसकी रिहाई के तुरंत बाद उसे फिर गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने तब कहा था कि इस्लामी आतंकवादियों से उसके संभावित संपर्कों का पता लगाने के लिए पूछताछ जरूरी है।
मंत्री के बयान इन खबरों के बीच में आए हैं कि भारत बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के संयुक्त महासचिव सलाउद्दीन अहमद को बांग्लादेश को सौंपेगा जो पिछले साल रहस्यमयी तरीके से गायब होने के बाद भारत की हिरासत में है।
हालांकि कमाल ने प्रस्तावित प्रत्यर्पण को अहमद की स्वदेश वापसी से जोड़ने से इनकार करते हुए कहा कि यह आदान-प्रदान कार्यक्रम की तरह नहीं है। शार्प शूटर मर्चेंट को कोलकाता पुलिस ने 2001 में गिरफ्तार किया था। लेकिन वह 15 दिन की पैरोल के दौरान छिप गया और बांग्लादेश चला गया।
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