
उत्तराखंड में 35 हजार किलोमीटर की सड़कों का जाल बिछा हुआ है, जिसमें ग्रामीण सड़क, स्टेट हाईवे, जिला हाईवे, अन्य जिला हाईवे और नेशनल हाईवे शामिल है, जो राज्य को एक छोर से दूसरे छोर तक जोड़ते है. लेकिन इन सड़कों को जोड़ने के लिए पुलों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है. लेकिन कई पुल जर्जर हालत में है तो कई पुलों की हालत ऐसी है कि उनको बंद ही करना पड़ा. वैसे उत्तराखंड में 3417 पुलों की संख्या है.
उत्तराखंड में कई पुल ऐसे है, जिनकी भार क्षमता कम
हाल ही में महाराष्ट्र के पुणे की मावल तहसील स्थित कुंडमाल क्षेत्र में इंद्रायणी नदी पर बना 30 साल पुराना लोहे का पुल बारिश और तेज बहाव के कारण अचानक ढह गया और पुल पर मौजूद लोग नदी में बह गए थे. उत्तराखंड राज्य में कई पुल ऐसे है, जिनकी भार क्षमता कम है और उनको अपग्रेड किया जा रहा है. यानी राज्य में बी क्लास वाले पुलों को ए क्लास अपग्रेड किया जाएगा.

हालांकि, यह योजना 2 साल से चल रही है. लेकिन अभी तक जानकारी के मुताबिक पीडब्ल्यूडी विभाग के पास पूरे राज्य में बी क्लास श्रेणी के पुल 339 है. लोक निर्माण विभाग पहले चरण में 296 पुलों को बी क्लास लोडिंग से ए क्लास लोडिंग बनाने का काम करने जा रहा है. वैसे बता दे की क्लास बी लोडिंग पुल की भार क्षमता 16.2 टन है और इन तमाम क्लास बी लोडिंग पुलों को क्लास ए लोडिंग पुल जो कि 16.2 टन से ज्यादा भार क्षमता उठा सकते हैं.
1200 करोड रुपए का बजट पुलों को किया जाएगा अपग्रेड
उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग में 180 क्लास बी लोडिंग पुलों को लेकर डीपीआर तैयार कर ली है, जिसमें 43 पुलों पर काम शुरू करना प्रस्तावित हुआ है. जानकारी के मुताबिक 1200 करोड रुपए का बजट पुलों को अपग्रेड ओर अन्य कार्यों के लिए रख गया है, जिसमें 1000 करोड रुपए पुलों को अपग्रेड किया जाएगा और 200 करोड रुपए लैंडस्लाइड जोन के लिए रखे गए हैं.
वैसे उत्तराखंड में कई जगह है जिसमे कई पुल सालों पुराने है और उनमें वाहनों का आवागमन हो रहा है. जब ये पुल बने थे तब ट्रैफिक नहीं था और न ही बड़े वाहन की संख्या ज्यादा थी. लेकिन समय के साथ-साथ ट्रैफिक भी बढ़ा है और बड़े वाहनों की संख्या भी बढ़ी है यही वजह है कि अब पुलों को अपग्रेड की जरूरत है. लेकिन कम सुस्त रफ्तार से चल रहा है.
उत्तराखंड के लोक निर्माण विभाग ने 54 ऐसे पुल है, जिनको पूर्ण रूप से बंद कर दिया है. इसके अलावा इनमें से कुछ ऐसे पुल जिनकी जगह पर नए पुल बना दिए गए हैं. वहीं, इसके अलावा राज्य में कई ऐसे जगह हैं जहां पर पुल नहीं होने के कारण आम लोगों को नदियों को ट्रॉली के जरिये जाना पड़ता है. लेकिन लोक निर्माण विभाग अब ट्रॉली की जगह वहां पुल बनाये जाएंगे.
राज्य में 30 पुलों (ट्रॉली) की पहचान की गई है. 4 जगहों पर पुलों की आवश्यकता नहीं है. 6 जगहों पर पुलों का निर्माण विश्व बैंक द्वारा किया जा रहा है. 1 जगह पर पुल का निर्माण पीएमजीएसवाई द्वारा किया जा रहा है. 17 जगहों पर पुलों के निर्माण के लिए राज्य योजना में स्वीकृति दी गई है. 1 जगह पर पुल का निर्माण बीआरओ द्वारा किया जा रहा है.
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