छांगुर बाबा मामले के गवाह पर हुआ हमला
- छांगुर को यूपी एटीएस ने रिमांड खत्म होने के बाद जेल भेज दिया है, जहां से उसने कई राज खोले हैं.
- छांगुर के समर्थकों ने गवाह हरजीत कश्यप पर हमला किया. पुलिस ने तीन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
- छांगुर ने पुलिस को बताया कि वह धर्मांतरण के लिए एक पूरी फौज तैयार करता था.
जलालुद्दीन उर्फ 'छांगुर' का हर बीतते दिन के साथ भेद खुलता जा रहा है. पुलिस रिमांड में रहते हुए छांगुर और उसके गुर्गे ने कई राज खोले. हालांकि, अब यूपी एटीएस ने छांगुर की रिमांड खत्म होने के बाद उसे जेल भेज दिया है. रिमांड में रखते हुए यूपी एटीएस ने छांगुर और उसकी महिला सहयोगी नसरीन से पूरे एक हफ्ते पूछताछ की. पुलिस के अनुसार जेल भेजे जाने से पहले जब छांगुर का जब मेडिकल कराया जा रहा था उस दौरान छांगुर के गुर्गों ने एक गवाह पर हमला कर दिया. पुलिस फिलहाल इस पूरे मामले की जांच कर रही है. जिस गवाह पर छांगुर के समर्थकों ने हमला किया है उसकी पहचान हरजीत कश्यप के रूप में की गई है.
हरजीत के अनुसार छांगुर के समर्थकों ने उसकी पिटाई की. हरजीत का कहना है कि छांगुर के गुर्गों ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी हैं. छांगुर के समर्थकों ने मुझे कहा कि हम तुम्हें बर्बाद कर देंगे. हरजीत के बयान पर छांगुर के तीन समर्थकों पर मारपीट करने और धमकी देने का एफआईआर हो गया है. इनके नाम हैं रियाज, कमालुद्दीन और नवाब. रियाज और कमालुद्दीन को छांगुर का करीबी माना जाता है. ये दोनों साल 2022 में छांगुर के संपर्क में आए. रियाज ने ही छांगुर के कहने पर उसके कट्टर विरोधी बब्बू चौधरी पर इसी साल मुकदमा तकिया था.
पुलिस पूछताछ में छांगुर ने कई बड़े राज भी खोले थे. उसने बताया था कि वह दूसरे लोगों का धर्मांतरण कराने के लिए तरह-तरह की प्लानिंग करता था. इसके लिए उसने अपने साथ अपने गुर्गों की एक पूरी फौज तैयार रखी थी जो पहले ऐसे लोगों की तलाश करता थे जिन्हें आसानी से धर्मांतरण के लिए तैयार किया जा सके. इसके लिए वो ऐसे लोगों को पैसे से लेकर तमाम तरह की मदद का वादा भी करते थे. इन सब के बीच पुलिस पूछताछ में छांगुर ने धर्मांतरण कराने के लिए अपनी तैयारियों के बारे में जो कुछ बताया है वह होश उड़ाने वाले हैं.
छांगुर ने पुलिस को बताया है कि उसने "शिजार-ए-तैय्यबा" पुस्तक का इस्तेमाल कर बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कराने की योजना बनाई थी. वह इन पुस्तकों के बड़े पैमाने पर प्रकाशन के लिए प्रकाशक की सक्रिय रूप से तलाश भी कर रहा था.वो ऐसा इसलिए कर रहा था ताकि ज़्यादा ध्यान आकर्षित किए बिना इन्हें छापा जा सके और इस तरह लोगों के धर्मांतरण को बढ़ावा मिले.
बताया जाता है कि छांगुर जिन किताबों को छपवाने की योजना बना रहा था उनमें कथित तौर पर इस पुस्तक में हिंदू धर्म का अपमान और इस्लाम का महिमामंडन करने वाली सामग्री के साथ-साथ कई भ्रामक बातें भी थीं. इसके अलावा, वह धर्मांतरण के लिए व्यापक प्रशिक्षण सत्रों की योजना बना रहा था. वह इन प्रशिक्षणों के लिए अपने निवास स्थान के दूसरे हिस्से में स्थित एक इमारत का इस्तेमाल कर रहा था.
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