'सरकारी बीमा योजनाएं'

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  • Business | Reported by: भाषा |गुरुवार अप्रैल 6, 2023 12:25 PM IST
    वित्त मंत्रालय ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, मुद्रा योजना समेत वित्तीय समावेशन से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों की बैठक बुलायी है. बैठक वित्तीय सेवा सचिव की अध्यक्षता में 13 अप्रैल को होगी. सूत्रों के अनुसार, बैठक में स्टैंड-अप इंडिया और पीएम-स्वनिधि योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी.
  • India | Written by: विवेक रस्तोगी |शुक्रवार मार्च 6, 2020 10:57 AM IST
    भविष्य में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बने रहने के लिए हमारे देश में भी ढेरों बचत योजनाएं मौजूद हैं, जिनमें निवेश कर न सिर्फ आप अपना आने वाला कल सुरक्षित कर सकते हैं, बल्कि आज भी आयकर में बचत हासिल कर लाभ कमा सकते हैं. जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने के अलावा भारतीय डाक विभाग भी कई अलग-अलग बचत योजनाएं संचालित कर रहा है, जो निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. इन बचत योजनाओं का सबसे आकर्षक पहलू यही है कि ये सब सरकारी योजनाएं हैं, इसलिए इनमें निवेश करना कतई सुरक्षित माना जाता है. ऐसी अधिकतर योजनाओं के लिए भारतीय डाक विभाग, यानी इंडिया पोस्ट का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन बहुत-से लोग ऐसे हैं, जिन्हें आज भी नहीं मालूम कि किस योजना में निवेश से हासिल होने वाली वापसी करमुक्त होगी, और किस-किस योजना में निवेश करने पर कितना-कितना ब्याज हासिल होगा. आइए, आज हम आपको बता रहे हैं कि भारतीय डाक विभाग की किस बचत योजना में निवेश करने पर आपको कितना ब्याज हासिल हो सकता है.
  • Blogs | रवीश कुमार |बुधवार फ़रवरी 21, 2018 10:24 PM IST
    जब नोटबंदी के लिए बैंक के कर्मचारी रात रात भर जाग रहे थे तब किसी ने नहीं कहा कि सरकारी बैंकों को प्राइवेट हाथों में बेच दो. जब लाखों बैंक कर्मचारी अपने काम से अतिरिक्त समय निकाल कर जनधन के लाखों खाते खोल रहे थे तब किसी ने नहीं कहा कि ये नकारे हैं, बोझ हैं, इन बैंकों को प्राइवेट हाथों में बेच दो. जब कई प्रकार की प्रधानमंत्री बीमा योजनाएं, मनरेगा से लेकर वृद्धा पेंशन के खातों में 200 से 1000 रुपये खाते में जमा किए जा रहे थे तब किसी ने नहीं कहा कि सरकार बैंक के कर्मचारी नकारे हैं, इन बैंकों को बेच दो. 
  • Blogs | रवीश कुमार |सोमवार जुलाई 24, 2017 11:27 PM IST
    भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक, सीएजी की रिपोर्ट की अजीब स्थिति है. सरकारी पक्ष नहीं चाहता कि इस रिपोर्ट को कोई और देख ले, विपक्ष नहीं देख पाता क्योंकि इस रिपोर्ट में उनकी सरकारों के बारे में भी टिप्पणियां होती हैं. सीएजी की रिपोर्ट से गुज़रते हुए आप तमाम विभागों की हालत तमाम राज्यों में समझ सकते हैं.
  • Business | भाषा |बुधवार अगस्त 10, 2016 08:56 AM IST
    भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA) ने पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) तथा साझा सेवा केंद्रो (सीएससी) को सरकारी बीमा योजनाओं मसलन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजनाएं बेचने की अनुमति दे दी है.
  • Blogs | मंगलवार मई 12, 2015 09:39 PM IST
    रेडियो टीवी पर बीमा की शर्तों को दनदनाकर पढ़ते हुए सुनने से हमेशा लगता है कि बीमा तो बस ले लेने का मैटर है, समझने का चैप्टर नहीं है। शर्तें लागू को इस तरह से पढ़ा जाता है कि अगर दुर्घटना से बच भी गए तो इन शर्तों से मारे जाएंगे।
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