Vinod Kumar Shukla Passes Away
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विनोद कुमार शुक्ल नहीं रहे... दीवार से देह निकल गई, शब्दों की खिड़की से रोशनी आती रहेगी
- Tuesday December 23, 2025
- Priyadarshan
विनोद कुमार शुक्ल लिख और छप तो सातवें दशक से रहे थे और अपनी सहज प्रयोगशीलता के साथ रचनाकर्म को बरत रहे थे, लेकिन कीर्ति संभवतः उन्हें कुछ देर से मिली. सत्तर और अस्सी के दशक बहुत ऊंची आवाज़ में सुनाई पड़ने वाली जनपक्षधर कविताओं के थे जिनके बड़े नायक नागार्जुन, त्रिलोचन और केदारनाथ अग्रवाल जैसे कवि थे.
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ndtv.in
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'नौकर की कमीज, दीवार में एक खिड़की रहती थी' रचने वाले विनोद कुमार शुक्ल नहीं रहे, रायपुर में निधन
- Tuesday December 23, 2025
विनोद कुमार शुक्ल पिछले कुछ दिनों से क्रिटिकल केयर यूनिट में गंभीर श्वसन रोग से पीड़ित थे. एम्स रायपुर ने आज उनके निधन की आधिकारिक घोषणा की.
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