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Utkarsh Kumar Writes On Struggling Civil Services Aspirant

'Utkarsh Kumar Writes On Struggling Civil Services Aspirant' - 1 News Result(s)
  • ना हो इसके 'आस की सांझ'

    ना हो इसके 'आस की सांझ'

    कुंदन दिल्ली आया.  यहां वज़ीराबाद में रहने लगा. पढ़ाई करने लगा. इसकी शादी हो रखी है. 2 बेटियां भी हैं. बीवी बिहार में रहकर बच्चों की देखभाल कर रही है. पिता आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. काफ़ी बीमार भी रहते हैं. कुंदन को आइएएस बनने की चाह थी तो ससुर ने पैसे का जुगाड़ कर अपनी क्षमता के मुताबिक पैसे देकर दिल्ली भेजा.

'Utkarsh Kumar Writes On Struggling Civil Services Aspirant' - 1 News Result(s)
  • ना हो इसके 'आस की सांझ'

    ना हो इसके 'आस की सांझ'

    कुंदन दिल्ली आया.  यहां वज़ीराबाद में रहने लगा. पढ़ाई करने लगा. इसकी शादी हो रखी है. 2 बेटियां भी हैं. बीवी बिहार में रहकर बच्चों की देखभाल कर रही है. पिता आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. काफ़ी बीमार भी रहते हैं. कुंदन को आइएएस बनने की चाह थी तो ससुर ने पैसे का जुगाड़ कर अपनी क्षमता के मुताबिक पैसे देकर दिल्ली भेजा.