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क्या है एफ़रमेटिव एक्शन, जिसके ख़िलाफ़ US सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फ़ैसला...?
- Friday June 30, 2023
- Translated by: विवेक रस्तोगी
एफ़रमेटिव एक्शन का उद्देश्य चुनिंदा नस्लों और जातियों से जुड़े लोगों के ख़िलाफ़ सदियों से चले आ रहे पूर्वाग्रह का मुकाबला करना था. उच्च शिक्षा के संदर्भ में, एफ़रमेटिव एक्शन आमतौर पर यूनिवर्सिटी परिसर में अश्वेत, हिस्पैनिक और अन्य अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की तादाद बढ़ाने के उद्देश्य से प्रवेश नीतियों में इस्तेमाल किया जाता रहा है.
- ndtv.in
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US सुप्रीम कोर्ट ने यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए नस्ल-जातीयता के इस्तेमाल पर लगाया बैन, बाइडेन ने जताई आपत्ति
- Friday June 30, 2023
- Reported by: एएफपी, Translated by: अंजलि कर्मकार
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दशकों पुरानी प्रथा के लिए एक बड़ा झटका है. इस प्रथा ने अफ्रीकी-अमेरिकियों के लिए शैक्षिक अवसरों को बढ़ावा दिया है. अन्य अल्पसंख्यकों के लिए भी रास्ते खोले हैं. यह फैसला दशकों की मिसाल से दूर चला गया है."
- ndtv.in
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US सुप्रीम कोर्ट ने खत्म किया यूनिवर्सिटी एडमिशन में नस्ल, जाति के आधार पर 'आरक्षण'
- Friday June 30, 2023
- Edited by: सूर्यकांत पाठक
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यूनिवर्सिटी एडमिशन में नस्ल और जातीयता के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया. इससे दशकों सकारात्मक भेदभाव कही जाने वाली पुरानी प्रथा को बड़ा झटका लगा है. फैसले से अफ्रीकी-अमेरिकियों व अन्य अल्पसंख्यकों को शिक्षा के अवसरों के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने बहुमत की राय में लिखा, "छात्र के साथ एक व्यक्ति के रूप में उसके अनुभवों के आधार पर व्यवहार किया जाना चाहिए, नस्ल के आधार पर नहीं." कोर्ट के फैसले पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा, ''इसने हमें यह दिखाने का मौका दिया कि हम मेज पर एक सीट से कहीं अधिक योग्य हैं.''
- ndtv.in
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फूल बेचने वाली लड़की को मिला US की शीर्ष यूनिवर्सिटी में दाखिला, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से करेगी पीएचडी
- Tuesday May 17, 2022
- Written by: पूनम मिश्रा
वह कहते हैं न कि मेहनत और लगन से अपनी किस्मत बदली जा सकती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया गया मुंबई की सरिता माली ने. मुंबई की 28 वर्षीय सरिता माली अपने पिता के साथ सड़कों पर फूल बेचा करती है और अब वह अमेरिका के शीर्ष यूनिवर्सिटी में पीएचडी की पढ़ाई करेंगी.
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क्या है एफ़रमेटिव एक्शन, जिसके ख़िलाफ़ US सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फ़ैसला...?
- Friday June 30, 2023
- Translated by: विवेक रस्तोगी
एफ़रमेटिव एक्शन का उद्देश्य चुनिंदा नस्लों और जातियों से जुड़े लोगों के ख़िलाफ़ सदियों से चले आ रहे पूर्वाग्रह का मुकाबला करना था. उच्च शिक्षा के संदर्भ में, एफ़रमेटिव एक्शन आमतौर पर यूनिवर्सिटी परिसर में अश्वेत, हिस्पैनिक और अन्य अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की तादाद बढ़ाने के उद्देश्य से प्रवेश नीतियों में इस्तेमाल किया जाता रहा है.
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US सुप्रीम कोर्ट ने यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए नस्ल-जातीयता के इस्तेमाल पर लगाया बैन, बाइडेन ने जताई आपत्ति
- Friday June 30, 2023
- Reported by: एएफपी, Translated by: अंजलि कर्मकार
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दशकों पुरानी प्रथा के लिए एक बड़ा झटका है. इस प्रथा ने अफ्रीकी-अमेरिकियों के लिए शैक्षिक अवसरों को बढ़ावा दिया है. अन्य अल्पसंख्यकों के लिए भी रास्ते खोले हैं. यह फैसला दशकों की मिसाल से दूर चला गया है."
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- Friday June 30, 2023
- Edited by: सूर्यकांत पाठक
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यूनिवर्सिटी एडमिशन में नस्ल और जातीयता के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया. इससे दशकों सकारात्मक भेदभाव कही जाने वाली पुरानी प्रथा को बड़ा झटका लगा है. फैसले से अफ्रीकी-अमेरिकियों व अन्य अल्पसंख्यकों को शिक्षा के अवसरों के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने बहुमत की राय में लिखा, "छात्र के साथ एक व्यक्ति के रूप में उसके अनुभवों के आधार पर व्यवहार किया जाना चाहिए, नस्ल के आधार पर नहीं." कोर्ट के फैसले पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा, ''इसने हमें यह दिखाने का मौका दिया कि हम मेज पर एक सीट से कहीं अधिक योग्य हैं.''
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फूल बेचने वाली लड़की को मिला US की शीर्ष यूनिवर्सिटी में दाखिला, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से करेगी पीएचडी
- Tuesday May 17, 2022
- Written by: पूनम मिश्रा
वह कहते हैं न कि मेहनत और लगन से अपनी किस्मत बदली जा सकती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया गया मुंबई की सरिता माली ने. मुंबई की 28 वर्षीय सरिता माली अपने पिता के साथ सड़कों पर फूल बेचा करती है और अब वह अमेरिका के शीर्ष यूनिवर्सिटी में पीएचडी की पढ़ाई करेंगी.
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