Swami Vivekanand Quotes
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11 सितंबर 1893 को शिकागो में दिया गया स्वामी विवेकानंद का वो भाषण, जो आज भी प्रासंगिक है
- Tuesday September 11, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
'सिस्टर्स एंड ब्रदर्स ऑफ अमेरिका'...11 सितंबर 1893 को जब शिकागों में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद ने इन शब्दों से अपने भाषण की शुरुआत की तो तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा हॉल गूंज पड़ा. वह पहला मौका था जब पश्चिम का पूरब से सामना हो रहा था.
- ndtv.in
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Swami Vivekananda Death Anniversary: जब स्वामी विवेकानंद ने की थी अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी
- Wednesday July 4, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
अमेरिका में हुई धर्म संसद में जब स्वामी विवेकानंद ने 'अमेरिका के भाइयों और बहनों' के संबोधन से भाषण शुरू किया तो पूरे दो मिनट तक आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो में तालियां बजती रहीं.
- ndtv.in
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स्वामी विवेकानंद की ये 21 बातें सिखाती हैं जिंदगी जीने का बिंदास तरीका
- Friday January 12, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
स्वामी विवेकानंद ने न सिर्फ भारत के उत्थान के लिए काम किया बल्कि लोगों को जीवन जीने की कला भी सिखाई. परोपकार, भाई-चारा, प्रेम, आत्म सम्मान, शिक्षा और महिला मुक्ति के लिए उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और आने वाले समय में भी लोगों रास्ता दिखाते रहेंगे.
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11 सितंबर 1893 को शिकागो में दिया गया स्वामी विवेकानंद का वो भाषण, जो आज भी प्रासंगिक है
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'सिस्टर्स एंड ब्रदर्स ऑफ अमेरिका'...11 सितंबर 1893 को जब शिकागों में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद ने इन शब्दों से अपने भाषण की शुरुआत की तो तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा हॉल गूंज पड़ा. वह पहला मौका था जब पश्चिम का पूरब से सामना हो रहा था.
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Swami Vivekananda Death Anniversary: जब स्वामी विवेकानंद ने की थी अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी
- Wednesday July 4, 2018
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अमेरिका में हुई धर्म संसद में जब स्वामी विवेकानंद ने 'अमेरिका के भाइयों और बहनों' के संबोधन से भाषण शुरू किया तो पूरे दो मिनट तक आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो में तालियां बजती रहीं.
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स्वामी विवेकानंद की ये 21 बातें सिखाती हैं जिंदगी जीने का बिंदास तरीका
- Friday January 12, 2018
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स्वामी विवेकानंद ने न सिर्फ भारत के उत्थान के लिए काम किया बल्कि लोगों को जीवन जीने की कला भी सिखाई. परोपकार, भाई-चारा, प्रेम, आत्म सम्मान, शिक्षा और महिला मुक्ति के लिए उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और आने वाले समय में भी लोगों रास्ता दिखाते रहेंगे.
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