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This Article is From Jul 04, 2018

Swami Vivekananda Death Anniversary: जब स्‍वामी विवेकानंद ने की थी अपनी मृत्‍यु की भविष्‍यवाणी

स्‍वामी विवेकानंद (Swami Vivekanada) की आज पुण्‍यतिथि है. रामकृष्‍ण परमहंस के शिष्‍य स्‍वामी विवेकानंद ने अमेरिका की धर्म संसद में जो भाषण दिया था उसे आज भी याद किया जाता है.

Swami Vivekananda Death Anniversary: जब स्‍वामी विवेकानंद ने की थी अपनी मृत्‍यु की भविष्‍यवाणी
स्‍वामी विवेकानंद का निधन 4 जुलाई 1902 को बेलूर में हुआ था
नई दिल्‍ली: स्‍वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) की आज पुण्‍यतिथि है. आज ही के दिन यानी कि 4 जुलाई 1902 को उन्‍होंने बेलूर स्थित रामकृष्‍ण मठ में ध्‍यानमग्‍न अवस्‍था में महासमाध‍ि धारण कर प्राण त्‍याग द‍िए थे. स्‍वामी विवेकानंद जीवन भर संन्‍यासी रहे और अपनी आख‍िरी सांस तक वह समाज की भलाई के लिए काम करते रहे. उनकी पुण्‍यतिथि के मौके पर हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बता रहे हैं:

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1. स्‍वामी विवेकानंद का जन्‍म कलकत्ता के कायस्‍थ परिवार में हुआ था. उनके बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था. नरेन्द्र बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे. कम उम्र में ही उन्‍होंने वेद और दर्शन शास्‍त्र का ज्ञान हासिल कर लिया था.  नरेंद्रनाथ 1871 में आठ साल की उम्र में स्कूल गए. 1879 में उन्‍होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज की प्रवेश परीक्षा में पहला स्‍थान हास‍िल क‍िया. 

2. रामकृष्‍ण परमहंस और स्‍वामी विवेकानंद की मुलाकात 1881 कलकत्ता के दक्षिणेश्वर के काली मंदिर में हुई थी. परमहंस ने उन्हें शिक्षा दी कि सेवा कभी दान नहीं, बल्कि सारी मानवता में निहित ईश्वर की सचेतन आराधना होनी चाहिए.

3. 25 बरस की उम्र में नरेन्द्र दत्त ने गेरुए वस्‍त्र पहन ल‍िए. अपने गुरु से प्रेरित होकर उन्‍होंने सांसारिक मोह-माया त्‍याग दी और संन्‍यासी बन गए.

4. अमेरिका में हुई धर्म संसद में जब स्‍वामी विवेकानंद ने 'अमेरिका के भाइयों और बहनों' के संबोधन से भाषण शुरू किया तो पूरे दो मिनट तक आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो में तालियां बजती रहीं. 11 सितंबर 1893 का वो द‍िन हमेशा-हमेशा के ल‍िए इतिहास में दर्ज हो गया. 

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5. स्‍वामी विवेकानंद ने 1 मई 1897 में कलकत्ता में रामकृष्ण मिशन और 9 दिसंबर 1898 को गंगा नदी के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना की. यही नहीं उन्‍होंने 'योग', 'राजयोग' और 'ज्ञानयोग' जैसे ग्रंथों की रचना भी की.

6. स्‍वामी विवेकानंद को दमा और शुगर की बीमारी थी. उन्‍होंने कहा भी था, 'ये बीमार‍ियां मुझे 40 साल भी पार नहीं करने देंगी.' अपनी मृत्‍यु के बारे में उनकी भव‍िष्‍यवाणी सच साबित हुई और उन्‍होंने 39 बरस की बेहद कम उम्र में 4 जुलाई 1902 को बेलूर स्थित रामकृष्‍ण मठ में ध्‍यानमग्‍न अवस्‍था में महासमाध‍ि धारण कर प्राण त्‍याग द‍िए. 

7. बेलूर में गंगा तट पर उनका अंतिम संस्‍कार किया गया. इसी गंगा तट के दूसरी ओर उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस का अन्तिम संस्कार हुआ था. 

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