Supreme Court On Marriage
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शादी आपसी विश्वास, सहयोग और साझा अनुभवों पर बनने वाला रिश्ता : सुप्रीम कोर्ट
- Sunday December 22, 2024
- Reported by: भाषा, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, ‘‘विवाह आपसी विश्वास, साहचर्य और साझा अनुभवों पर बना एक रिश्ता है. जब ये आवश्यक तत्व लंबे समय तक गायब रहते हैं तो वैवाहिक बंधन किसी भी सार से रहित केवल कानूनी औपचारिकता बनकर रह जाता है.’’
- ndtv.in
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नाबालिग से शादी... क्या कहता है मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड? जानें यहां सब कुछ
- Friday October 18, 2024
- Written by: समरजीत सिंह
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अगर कोई नाबालिग बच्ची से सगाई करता है और उसके बालिक होने के बाद उससे शादी करता है, तो इसे भी गैर-कानूनी माना जाएगा. और ऐसा करने वाले खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.
- ndtv.in
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"सहनशीलता है अच्छे विवाह की नींव, छोटे-मोटे झगड़ों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश न करें" : दहेज मालमे पर SC
- Saturday May 4, 2024
- Edited by: मेघा शर्मा
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि महिला, उसके माता-पिता और रिश्तेदारों के दिमाग में सबसे पहली चीज जो आती है वह है पुलिस, जैसे कि यह वह सभी बुराईयों का रामबाण इलाज हो.
- ndtv.in
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"सात फेरों के बिना हिंदू विवाह मान्य नहीं" : सुप्रीम कोर्ट का शादी पर बड़ा फैसला
- Wednesday May 1, 2024
- Reported by: आशीष भार्गव
सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत हिंदू विवाह की कानूनी आवश्यकताओं और पवित्रता को स्पष्ट किया है.
- ndtv.in
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सुप्रीम कोर्ट ने पकडौआ विवाह' या "जबरन विवाह' से जुड़े एक मामले में पटना हाई कोर्ट के आदेश पर फिलहाल लगाई रोक
- Friday January 5, 2024
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: बिक्रम कुमार सिंह
दरअसल नवंबर 2023 में पटना हाईकोर्ट ने पकड़ौआ विवाह के एक मामले को रद्द कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि विवाह का पारंपरिक हिंदू रूप ‘सप्तपर्व’ और ‘दत होम’ के अभाव में वैध नहीं होता है. यदि ‘सप्तपदी’ पूरी नहीं हुई है, तो विवाह पूर्ण और बाध्यकारी नहीं माना जाएगा.
- ndtv.in
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सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला : अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चों का भी माता-पिता की पैतृक संपत्ति पर हक
- Friday September 1, 2023
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया है. अमान्य और शून्य विवाह से पैदा हुए बच्चों को भी माता-पिता की पैतृक संपत्ति में हक मिलेगा. ऐसे बच्चों को भी वैध कानूनी वारिसों के साथ हिस्सा मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने यह नई व्यवस्था दी. अब तक ऐसी संतानों को माता- पिता की स्वत: अर्जित संपत्ति में ही हिस्सा मिलता था. हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 16(3) का दायरा बढ़ाया गया है. 11 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का निपटारा किया.
- ndtv.in
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"ये कानून में संशोधन का मामला है", लड़कियों की शादी की उम्र की याचिका को SC ने किया खारिज
- Monday March 27, 2023
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: समरजीत सिंह
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये कानून संसोधन का मामला है. ऐसे में अदालत इस मामले में संसद को कानून लाने का आदेश नहीं दे सकता है.
- ndtv.in
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समलैंगिक विवाह पर क्यों मचा है बवाल? केंद्र सरकार ने क्या दिया हलफनामा? LGBTQ एक्टिविस्ट की राय
- Wednesday March 15, 2023
- Reported by: ANI, Translated by: विजय शंकर पांडेय
केंद्र सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि संविधान में पति और पत्नी की परिभाषा जैविक तौर पर दी गई है. उसी के मुताबिक दोनों के कानूनी अधिकार भी हैं. समलैंगिक विवाह में विवाद की स्थिति में पति और पत्नी को कैसे अलग-अलग माना जा सकेगा?
- ndtv.in
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समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता दें या नहीं - SC तय करेगा, केंद्र से जवाब तलब
- Friday November 25, 2022
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: विजय शंकर पांडेय
समलैंगिंक युवकों के दो जोड़ों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल कर समलैंगिक लोगों की शादी को स्पेशल मैरिज एक्ट में शामिल करने की मांग की है.
- ndtv.in
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नाबालिग पत्नी से बनाया शारीरिक संबंध तो वह होगा रेप, सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 बातें
- Wednesday October 11, 2017
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए कहा कि 18 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाना रेप हो सकता है, अगर नाबालिग पत्नी इसकी शिकायत एक साल में करती है तो. कोर्ट ने कहा कि शारीरिक संबंधों के लिए उम्र 18 साल से कम करना असंवैधानिक है. कोर्ट ने IPC की धारा 375 के अपवाद को अंसवैधानिक करार दिया. अगर पति 15 से 18 साल की पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाता है तो रेप माना जाए. कोर्ट ने कहा ऐसे मामले में एक साल के भीतर अगर महिला शिकायत करने पर रेप का मामला दर्ज हो सकता है.
- ndtv.in
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तलाक मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी कानूनी अड़चन को किया समाप्त
- Tuesday September 12, 2017
- Reported by: आशीष भार्गव
सुप्रीम कोर्ट ने तलाक मामलों में बड़ी कानूनी अड़चन को खत्म कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि अगर परिस्थितियां खास हों तो तलाक के लिए 6 महीने का इंतज़ार अनिवार्य नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने हिन्दू मैरिज एक्ट के सेक्शन 13B(2) को अनिवार्य मानने से मना कर दिया है. इस सेक्शन के तहत आपसी सहमति से तलाक के मामलों में भी अंतिम आदेश 6 महीने बाद दिया जाता है. दरअसल सेक्शन 13B(2) में कहा गया है कि पहले मोशन यानी तलाक की अर्ज़ी फैमिली जज के सामने आने के 6 महीने बाद ही दूसरा मोशन हो सकता है.
- ndtv.in
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बाल विवाह पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, कहा - ये मैरिज नहीं मिराज है
- Tuesday September 5, 2017
- Reported by: आशीष भार्गव
सुप्रीम कोर्ट ने आज बाल विवाह पर चिंता जताई और कहा कि ये मैरिज नहीं मिराज है. बाल विवाह के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि कानून में बाल विवाह को अपराध माना गया है, उसके बावजूद लोग बाल विवाह करते हैं. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ये शादी नहीं बल्कि मिराज यानी मृगतृष्णा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे पास तीन विकल्प है. पहला इस अपवाद को हटा दें जिसका मतलब है कि बाल विवाह के मामले में 15 से 18 साल की लड़की के साथ अगर उसका पति संबंध बनाता और उसे रेप माना जाए.
- ndtv.in
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शादी आपसी विश्वास, सहयोग और साझा अनुभवों पर बनने वाला रिश्ता : सुप्रीम कोर्ट
- Sunday December 22, 2024
- Reported by: भाषा, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, ‘‘विवाह आपसी विश्वास, साहचर्य और साझा अनुभवों पर बना एक रिश्ता है. जब ये आवश्यक तत्व लंबे समय तक गायब रहते हैं तो वैवाहिक बंधन किसी भी सार से रहित केवल कानूनी औपचारिकता बनकर रह जाता है.’’
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नाबालिग से शादी... क्या कहता है मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड? जानें यहां सब कुछ
- Friday October 18, 2024
- Written by: समरजीत सिंह
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अगर कोई नाबालिग बच्ची से सगाई करता है और उसके बालिक होने के बाद उससे शादी करता है, तो इसे भी गैर-कानूनी माना जाएगा. और ऐसा करने वाले खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.
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"सहनशीलता है अच्छे विवाह की नींव, छोटे-मोटे झगड़ों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश न करें" : दहेज मालमे पर SC
- Saturday May 4, 2024
- Edited by: मेघा शर्मा
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि महिला, उसके माता-पिता और रिश्तेदारों के दिमाग में सबसे पहली चीज जो आती है वह है पुलिस, जैसे कि यह वह सभी बुराईयों का रामबाण इलाज हो.
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"सात फेरों के बिना हिंदू विवाह मान्य नहीं" : सुप्रीम कोर्ट का शादी पर बड़ा फैसला
- Wednesday May 1, 2024
- Reported by: आशीष भार्गव
सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत हिंदू विवाह की कानूनी आवश्यकताओं और पवित्रता को स्पष्ट किया है.
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सुप्रीम कोर्ट ने पकडौआ विवाह' या "जबरन विवाह' से जुड़े एक मामले में पटना हाई कोर्ट के आदेश पर फिलहाल लगाई रोक
- Friday January 5, 2024
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: बिक्रम कुमार सिंह
दरअसल नवंबर 2023 में पटना हाईकोर्ट ने पकड़ौआ विवाह के एक मामले को रद्द कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि विवाह का पारंपरिक हिंदू रूप ‘सप्तपर्व’ और ‘दत होम’ के अभाव में वैध नहीं होता है. यदि ‘सप्तपदी’ पूरी नहीं हुई है, तो विवाह पूर्ण और बाध्यकारी नहीं माना जाएगा.
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सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला : अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चों का भी माता-पिता की पैतृक संपत्ति पर हक
- Friday September 1, 2023
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया है. अमान्य और शून्य विवाह से पैदा हुए बच्चों को भी माता-पिता की पैतृक संपत्ति में हक मिलेगा. ऐसे बच्चों को भी वैध कानूनी वारिसों के साथ हिस्सा मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने यह नई व्यवस्था दी. अब तक ऐसी संतानों को माता- पिता की स्वत: अर्जित संपत्ति में ही हिस्सा मिलता था. हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 16(3) का दायरा बढ़ाया गया है. 11 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का निपटारा किया.
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"ये कानून में संशोधन का मामला है", लड़कियों की शादी की उम्र की याचिका को SC ने किया खारिज
- Monday March 27, 2023
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: समरजीत सिंह
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये कानून संसोधन का मामला है. ऐसे में अदालत इस मामले में संसद को कानून लाने का आदेश नहीं दे सकता है.
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समलैंगिक विवाह पर क्यों मचा है बवाल? केंद्र सरकार ने क्या दिया हलफनामा? LGBTQ एक्टिविस्ट की राय
- Wednesday March 15, 2023
- Reported by: ANI, Translated by: विजय शंकर पांडेय
केंद्र सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि संविधान में पति और पत्नी की परिभाषा जैविक तौर पर दी गई है. उसी के मुताबिक दोनों के कानूनी अधिकार भी हैं. समलैंगिक विवाह में विवाद की स्थिति में पति और पत्नी को कैसे अलग-अलग माना जा सकेगा?
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समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता दें या नहीं - SC तय करेगा, केंद्र से जवाब तलब
- Friday November 25, 2022
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: विजय शंकर पांडेय
समलैंगिंक युवकों के दो जोड़ों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल कर समलैंगिक लोगों की शादी को स्पेशल मैरिज एक्ट में शामिल करने की मांग की है.
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नाबालिग पत्नी से बनाया शारीरिक संबंध तो वह होगा रेप, सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 बातें
- Wednesday October 11, 2017
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए कहा कि 18 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाना रेप हो सकता है, अगर नाबालिग पत्नी इसकी शिकायत एक साल में करती है तो. कोर्ट ने कहा कि शारीरिक संबंधों के लिए उम्र 18 साल से कम करना असंवैधानिक है. कोर्ट ने IPC की धारा 375 के अपवाद को अंसवैधानिक करार दिया. अगर पति 15 से 18 साल की पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाता है तो रेप माना जाए. कोर्ट ने कहा ऐसे मामले में एक साल के भीतर अगर महिला शिकायत करने पर रेप का मामला दर्ज हो सकता है.
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तलाक मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी कानूनी अड़चन को किया समाप्त
- Tuesday September 12, 2017
- Reported by: आशीष भार्गव
सुप्रीम कोर्ट ने तलाक मामलों में बड़ी कानूनी अड़चन को खत्म कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि अगर परिस्थितियां खास हों तो तलाक के लिए 6 महीने का इंतज़ार अनिवार्य नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने हिन्दू मैरिज एक्ट के सेक्शन 13B(2) को अनिवार्य मानने से मना कर दिया है. इस सेक्शन के तहत आपसी सहमति से तलाक के मामलों में भी अंतिम आदेश 6 महीने बाद दिया जाता है. दरअसल सेक्शन 13B(2) में कहा गया है कि पहले मोशन यानी तलाक की अर्ज़ी फैमिली जज के सामने आने के 6 महीने बाद ही दूसरा मोशन हो सकता है.
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बाल विवाह पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, कहा - ये मैरिज नहीं मिराज है
- Tuesday September 5, 2017
- Reported by: आशीष भार्गव
सुप्रीम कोर्ट ने आज बाल विवाह पर चिंता जताई और कहा कि ये मैरिज नहीं मिराज है. बाल विवाह के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि कानून में बाल विवाह को अपराध माना गया है, उसके बावजूद लोग बाल विवाह करते हैं. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ये शादी नहीं बल्कि मिराज यानी मृगतृष्णा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे पास तीन विकल्प है. पहला इस अपवाद को हटा दें जिसका मतलब है कि बाल विवाह के मामले में 15 से 18 साल की लड़की के साथ अगर उसका पति संबंध बनाता और उसे रेप माना जाए.
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