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Senior Citizen Act

'Senior Citizen Act' - 2 News Result(s)
  • वसीयत होते ही बेटा बना 'होशियार', अब बुजुर्ग की फ्लैट वापसी की गुहार, जानिए क्या अधिकार

    वसीयत होते ही बेटा बना 'होशियार', अब बुजुर्ग की फ्लैट वापसी की गुहार, जानिए क्या अधिकार

    माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण (संशोधन) विधेयक, 2019 में नटवरलाल जैसे बुजुर्गों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा के लिए कई प्रावधान दिये गए हैं. लेकिन क्‍या मौजूदा कानून के हिसाब से नटवरलाल को क्‍या अपना घर वापस मिल पाएगा, जो उन्‍होंने अपने बेटे को गिफ्ट डीड में दिया है?

  • वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के प्रावधानों को 97 साल के बुजुर्ग ने अदालत में दी चुनौती

    वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के प्रावधानों को 97 साल के बुजुर्ग ने अदालत में दी चुनौती

    दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में एक 97 वर्षीय व्यक्ति ने अर्जी देकर बुजुर्गों की देखभाल के लिए बने कानून के कुछ प्रावधानों को चुनौती दी है. यह प्रावधान देखभाल के बदले अपनी संपत्ति बच्चों/अन्य को देने वाले बुजुर्गों की उचित देखभाल नहीं होने पर संपत्ति हस्तांतरण को अवैध करार देने से जुड़े हैं. बुजुर्ग द्वारा दी गई याचिका में ‘माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक देखभाल और कल्याण कानून, 2007’ के प्रावधानों को चुनौती दी गई है. इस कानून के तहत एक वरिष्ठ नागरिक ने अपनी मौलिक जरूरतों और सामान्य देखभाल की शर्त पर अपनी संपत्ति किसी और को हस्तांतरित की थी.

'Senior Citizen Act' - 2 News Result(s)
  • वसीयत होते ही बेटा बना 'होशियार', अब बुजुर्ग की फ्लैट वापसी की गुहार, जानिए क्या अधिकार

    वसीयत होते ही बेटा बना 'होशियार', अब बुजुर्ग की फ्लैट वापसी की गुहार, जानिए क्या अधिकार

    माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण (संशोधन) विधेयक, 2019 में नटवरलाल जैसे बुजुर्गों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा के लिए कई प्रावधान दिये गए हैं. लेकिन क्‍या मौजूदा कानून के हिसाब से नटवरलाल को क्‍या अपना घर वापस मिल पाएगा, जो उन्‍होंने अपने बेटे को गिफ्ट डीड में दिया है?

  • वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के प्रावधानों को 97 साल के बुजुर्ग ने अदालत में दी चुनौती

    वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के प्रावधानों को 97 साल के बुजुर्ग ने अदालत में दी चुनौती

    दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में एक 97 वर्षीय व्यक्ति ने अर्जी देकर बुजुर्गों की देखभाल के लिए बने कानून के कुछ प्रावधानों को चुनौती दी है. यह प्रावधान देखभाल के बदले अपनी संपत्ति बच्चों/अन्य को देने वाले बुजुर्गों की उचित देखभाल नहीं होने पर संपत्ति हस्तांतरण को अवैध करार देने से जुड़े हैं. बुजुर्ग द्वारा दी गई याचिका में ‘माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक देखभाल और कल्याण कानून, 2007’ के प्रावधानों को चुनौती दी गई है. इस कानून के तहत एक वरिष्ठ नागरिक ने अपनी मौलिक जरूरतों और सामान्य देखभाल की शर्त पर अपनी संपत्ति किसी और को हस्तांतरित की थी.