Sankha Ghosh
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शंख घोष ने नई ऊंचाईयों पर पहुंचाया बांग्ला साहित्य, मिल चुके हैं कई अवॉर्ड्स
- Sunday December 25, 2016
- Written by: Sumit Kumar Rai
शंख घोष की प्रमुख रचनाओं में आदिम लता-गुलमोमॉय, मूखरे बारो, सामाजिक नोय, बाबोरेर प्रार्थना, दिनगुली रातगुली और निहिता पातालछाया शामिल हैं. उन्हें कवि, आलोचक और विद्वान के तौर पर जाना जाता है और उनकी पहचान बांग्ला साहित्य में ऊर्जा भरने वाले कवि के रूप में है.
- ndtv.in
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1965 से अब तक इन कवियों और लेखकों को मिल चुका है ज्ञानपीठ पुरस्कार
- Friday December 23, 2016
- Written by: Sumit Kumar Rai
ज्ञानपीठ पुरस्कार के रूप 11 लाख रुपये, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है. प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार 1965 में मलयालम लेखक जी शंकर कुरुप को प्रदान किया गया था. जिसके बाद यह पुरस्कार हर साल दिया जाता है. अब तक 56 लेखकों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. साल 1967, 1973, 1999, 2006 और 2009 में यह पुरस्कार दो-दो लोगों को दिया गया था.
- ndtv.in
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शंख घोष ने नई ऊंचाईयों पर पहुंचाया बांग्ला साहित्य, मिल चुके हैं कई अवॉर्ड्स
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शंख घोष की प्रमुख रचनाओं में आदिम लता-गुलमोमॉय, मूखरे बारो, सामाजिक नोय, बाबोरेर प्रार्थना, दिनगुली रातगुली और निहिता पातालछाया शामिल हैं. उन्हें कवि, आलोचक और विद्वान के तौर पर जाना जाता है और उनकी पहचान बांग्ला साहित्य में ऊर्जा भरने वाले कवि के रूप में है.
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- Friday December 23, 2016
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ज्ञानपीठ पुरस्कार के रूप 11 लाख रुपये, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है. प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार 1965 में मलयालम लेखक जी शंकर कुरुप को प्रदान किया गया था. जिसके बाद यह पुरस्कार हर साल दिया जाता है. अब तक 56 लेखकों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. साल 1967, 1973, 1999, 2006 और 2009 में यह पुरस्कार दो-दो लोगों को दिया गया था.
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