Blogs | रवीश कुमार |मंगलवार मई 23, 2017 01:52 AM IST लोकतंत्र की एक खूबी यह है कि वह कोई ठोस पदार्थ नहीं है. लोकतंत्र तरल पदार्थ है, इसलिए आज की राजनीति में प्रॉपेगेंडा के द्वारा इसे ठोस पदार्थ में बदलने का प्रयास होता रहता है. मतदान करने की उम्र भले ही 18 साल हो, मगर लोकतंत्र में भागीदारी की कोई उम्र नहीं हो सकती है. किसने सोचा था कि हरियाणा के रेवाड़ी ज़िले की 9वीं और 10वीं की 80 से अधिक लड़कियां धरने पर बैठ जाएंगी और सरकार से अपनी मांग मनवा लेंगी.