Ramdhari Singh Dinkar Hindi Kavita
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राष्ट्रकवि जयंती विशेष: 'अब प्राण का भी मोह नहीं...' जब 'उर्वशी' के लिए दिनकर ने लगा दी जान की बाजी, मिला 'ज्ञानपीठ' पुरस्कार
- Tuesday September 23, 2025
सबसे कठिन समय तब आया जब 1960 में दिनकर गंभीर रूप से बीमार पड़ गए. शरीर जवाब देने लगा था, और यह भय सताने लगा कि कहीं मृत्यु पहले न आ जाए और 'उर्वशी' अधूरी न रह जाए. पर दिनकर ने निर्णय लिया, अब चाहे कुछ भी हो, इस कविता को पूरा किए बिना वे प्राण नहीं त्यागेंगे.
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Ramdhari dinkar Poem: कलम, आज उनकी जय बोल... क्या पढ़ी आपने रामधारी दिनकर की ये कविता?
- Thursday September 11, 2025
इन दिनों दिनकर की एक कविता काफी पढ़ी जा रही है, जो बेहद ही कमाल की है. आप भी पढ़िए रामधारी दिनकर की फेमस कविता कलम, आज उनकी जय बोल...
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