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Rajbhasha Hindi

'Rajbhasha Hindi' - 6 News Result(s)
  • डॉक्टर अमरनाथ झा: अंग्रेजी का वो प्रोफेसर जिसके दिल में रहती थी हिंदी, जहां पढ़े वहीं के कुलपति रहे

    डॉक्टर अमरनाथ झा: अंग्रेजी का वो प्रोफेसर जिसके दिल में रहती थी हिंदी, जहां पढ़े वहीं के कुलपति रहे

    बिहार में पैदा हुए प्रोफेसर अमरनाथ झा की कर्मभूमि उत्तर प्रदेश रहा. वो प्रदेश में दो विश्वविद्यालयों के कुलपति रहे. उन्होंने हिंदी को राजभाषा बनाने के लिए बहुमूल्य योगदान दिया था.सरकार ने हिंदी को राजभाषा बनाने के उनके सुझाव को स्वीकार किया था.

  • खुद हिन्दी पढ़ें, और बच्चों को देखने दें - बस, सुधर जाएगी हिन्दी की हालत...

    खुद हिन्दी पढ़ें, और बच्चों को देखने दें - बस, सुधर जाएगी हिन्दी की हालत...

    भाषा से जुड़ा सबसे बड़ा सच यह है कि कोई भी शख्स आमतौर पर उसी भाषा को आत्मसात कर भली प्रकार प्रयोग कर सकता है, जिसमें वह सोचता है, गुनता है, शब्दों और वाक्यों को बुनता है... अगर वह इंग्लिश में सोचेगा, उसी में विचार करेगा, तो स्वाभाविक रूप से इंग्लिश में ही स्वयं को सरलता और सहजता से अभिव्यक्त कर पाएगा...

  • Hindi Diwas Speech: हिंदी दिवस पर दें ये भाषण

    Hindi Diwas Speech: हिंदी दिवस पर दें ये भाषण

    हिंदी दिवस (Hindi Diwas) 14 सितंबर को मनाया जाता है. देश में 14 सितंबर (14 September) 1953 को पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया और उसके बाद से ही हर साल 14 सितंबर को पूरे देश में हिंदी दिवस (Hindi Diwas) बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाने लगा. हिंदी दिवस के मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है. स्‍कूलों, कॉलेजों और  शैक्षणिक संस्‍थानों में निबंध प्रतिया,  वाद-विवाद प्रतियोगता, कविता पाठ, नाटक, और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है.

  • Hindi Diwas 2019: जानिए क्यों हिंदी को नहीं मिल पाया भारत की राष्ट्रीय भाषा का दर्जा

    Hindi Diwas 2019: जानिए क्यों हिंदी को नहीं मिल पाया भारत की राष्ट्रीय भाषा का दर्जा

    14 सितंबर को देश भर में हिंदी दिवस मनाया जाता है. भारत विभिन्‍न्‍ताओं वाला देश है. यहां हर राज्‍य की अपनी अलग सांस्‍कृतिक, राजनीतिक और ऐतिहासिक पहचान है. यही नहीं सभी जगह की बोली भी अलग है. इसके बावजूद हिंदी भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है. यही वजह है कि राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहा था. उन्‍होंने 1918 में आयोजित हिंदी साहित्‍य सम्‍मेलन में हिंदी को राष्‍ट्र भाषा बनाने के लिए कहा था.  Hindi Diwas 2019 know Why Hindi isn't the national language

  • Hindi Diwas 2019: क्‍यों मनाया जाता है हिंदी दिवस, जानिए इसका इतिहास और 8 दिलचस्प बातें

    Hindi Diwas 2019: क्‍यों मनाया जाता है हिंदी दिवस, जानिए इसका इतिहास और 8 दिलचस्प बातें

    हिंदी दिवस (Hindi Diwas) हर साल 14 सितंबर (14 September) को मनाया जाता है. हिंदी विश्व की प्राचीन, समृद्ध और सरल भाषा है. हिंदी (Hindi) भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में बोली जाती हिंदी हिन्दी हमारी 'राजभाषा' (Hindi Rajbhasha) है. दुनिया की भाषाओं का इतिहास रखने वाली संस्था एथ्नोलॉग (Ethnologue) के मुताबिक हिंदी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली तीसरी भाषा है. हिंदी हमें दुनिया भर में सम्मान दिलाती है.

  • हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तानी बच्चे, और हिन्दी की हालत...

    हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तानी बच्चे, और हिन्दी की हालत...

    जो बच्चा आज उनतालीस, उनचास, उनसठ, उनत्तर और उनासी के बीच फर्क नहीं समझेगा, उसके लिए आने वाले दिनों में आम देशवासियों से बात करना, और देश के गौरव को समझना क्योंकर मुमकिन होगा... सो, आइए, भाषागत राजनीति में उलझे बिना ऐसे काम करें, जिससे हिन्दी और समृद्ध, और सशक्त हो...

'Rajbhasha Hindi' - 6 News Result(s)
  • डॉक्टर अमरनाथ झा: अंग्रेजी का वो प्रोफेसर जिसके दिल में रहती थी हिंदी, जहां पढ़े वहीं के कुलपति रहे

    डॉक्टर अमरनाथ झा: अंग्रेजी का वो प्रोफेसर जिसके दिल में रहती थी हिंदी, जहां पढ़े वहीं के कुलपति रहे

    बिहार में पैदा हुए प्रोफेसर अमरनाथ झा की कर्मभूमि उत्तर प्रदेश रहा. वो प्रदेश में दो विश्वविद्यालयों के कुलपति रहे. उन्होंने हिंदी को राजभाषा बनाने के लिए बहुमूल्य योगदान दिया था.सरकार ने हिंदी को राजभाषा बनाने के उनके सुझाव को स्वीकार किया था.

  • खुद हिन्दी पढ़ें, और बच्चों को देखने दें - बस, सुधर जाएगी हिन्दी की हालत...

    खुद हिन्दी पढ़ें, और बच्चों को देखने दें - बस, सुधर जाएगी हिन्दी की हालत...

    भाषा से जुड़ा सबसे बड़ा सच यह है कि कोई भी शख्स आमतौर पर उसी भाषा को आत्मसात कर भली प्रकार प्रयोग कर सकता है, जिसमें वह सोचता है, गुनता है, शब्दों और वाक्यों को बुनता है... अगर वह इंग्लिश में सोचेगा, उसी में विचार करेगा, तो स्वाभाविक रूप से इंग्लिश में ही स्वयं को सरलता और सहजता से अभिव्यक्त कर पाएगा...

  • Hindi Diwas Speech: हिंदी दिवस पर दें ये भाषण

    Hindi Diwas Speech: हिंदी दिवस पर दें ये भाषण

    हिंदी दिवस (Hindi Diwas) 14 सितंबर को मनाया जाता है. देश में 14 सितंबर (14 September) 1953 को पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया और उसके बाद से ही हर साल 14 सितंबर को पूरे देश में हिंदी दिवस (Hindi Diwas) बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाने लगा. हिंदी दिवस के मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है. स्‍कूलों, कॉलेजों और  शैक्षणिक संस्‍थानों में निबंध प्रतिया,  वाद-विवाद प्रतियोगता, कविता पाठ, नाटक, और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है.

  • Hindi Diwas 2019: जानिए क्यों हिंदी को नहीं मिल पाया भारत की राष्ट्रीय भाषा का दर्जा

    Hindi Diwas 2019: जानिए क्यों हिंदी को नहीं मिल पाया भारत की राष्ट्रीय भाषा का दर्जा

    14 सितंबर को देश भर में हिंदी दिवस मनाया जाता है. भारत विभिन्‍न्‍ताओं वाला देश है. यहां हर राज्‍य की अपनी अलग सांस्‍कृतिक, राजनीतिक और ऐतिहासिक पहचान है. यही नहीं सभी जगह की बोली भी अलग है. इसके बावजूद हिंदी भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है. यही वजह है कि राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहा था. उन्‍होंने 1918 में आयोजित हिंदी साहित्‍य सम्‍मेलन में हिंदी को राष्‍ट्र भाषा बनाने के लिए कहा था.  Hindi Diwas 2019 know Why Hindi isn't the national language

  • Hindi Diwas 2019: क्‍यों मनाया जाता है हिंदी दिवस, जानिए इसका इतिहास और 8 दिलचस्प बातें

    Hindi Diwas 2019: क्‍यों मनाया जाता है हिंदी दिवस, जानिए इसका इतिहास और 8 दिलचस्प बातें

    हिंदी दिवस (Hindi Diwas) हर साल 14 सितंबर (14 September) को मनाया जाता है. हिंदी विश्व की प्राचीन, समृद्ध और सरल भाषा है. हिंदी (Hindi) भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में बोली जाती हिंदी हिन्दी हमारी 'राजभाषा' (Hindi Rajbhasha) है. दुनिया की भाषाओं का इतिहास रखने वाली संस्था एथ्नोलॉग (Ethnologue) के मुताबिक हिंदी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली तीसरी भाषा है. हिंदी हमें दुनिया भर में सम्मान दिलाती है.

  • हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तानी बच्चे, और हिन्दी की हालत...

    हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तानी बच्चे, और हिन्दी की हालत...

    जो बच्चा आज उनतालीस, उनचास, उनसठ, उनत्तर और उनासी के बीच फर्क नहीं समझेगा, उसके लिए आने वाले दिनों में आम देशवासियों से बात करना, और देश के गौरव को समझना क्योंकर मुमकिन होगा... सो, आइए, भाषागत राजनीति में उलझे बिना ऐसे काम करें, जिससे हिन्दी और समृद्ध, और सशक्त हो...