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Political Downfall

'Political Downfall' - 2 News Result(s)
  • UP Crime News: '2027 में होगा सपा का पतन', सुसाइड नोट में श्राप देकर सरकारी कर्मचारी ने दी जान, 5 लोगों पर FIR

    UP Crime News: '2027 में होगा सपा का पतन', सुसाइड नोट में श्राप देकर सरकारी कर्मचारी ने दी जान, 5 लोगों पर FIR

    Rajiv Yadav Suicide Case Update: इटावा में नगर पालिका के सीनियर क्लर्क राजीव यादव का शव यमुना से 29 घंटे बाद बरामद कर लिया गया है. उन्होंने अपने सुसाइड नोट में सपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए 2027 में पतन का 'श्राप' भी दिया है. पढ़ें क्या है पूरा मामला.

  • नीतीश कुमार के राजनीतिक पतन के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराना कितना सही

    नीतीश कुमार के राजनीतिक पतन के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराना कितना सही

    बिहार में एनडीए के नेता के रूप में नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री हैं. लेकिन ये भी सच है कि नीतीश कुमार के नाम और काम पर जो एनडीए चुनाव में गई उसमें सबका प्रदर्शन उम्मीदों के विपरीत निराशाजनक रहा. खासकर जनता दल यूनाइटेड का जो अब बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी है. इस बात से भी कोई इनकार नहीं कर सकता कि नीतीश कुमार आज जनता से अधिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिन्हें पिछले चुनाव तक वो सामने से चुनौती देते थे, की कृपा से आज मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं. साथ ही ये भी एक कड़वा सच है कि भाजपा ने उन्हें हाशिये पर ले जाने का जो भी प्रयास किया उसमें उसको आंशिक सफलता तो मिली. लेकिन जैसा अधिकांश राज्यों में अपने सहयोगियों को निपटा कर सत्ता में अपनी पकड़ मज़बूत करने का उनका लक्ष्य कामयाब होता रहा है, वो बिहार में अभी तक अधूरा है.

'Political Downfall' - 2 News Result(s)
  • UP Crime News: '2027 में होगा सपा का पतन', सुसाइड नोट में श्राप देकर सरकारी कर्मचारी ने दी जान, 5 लोगों पर FIR

    UP Crime News: '2027 में होगा सपा का पतन', सुसाइड नोट में श्राप देकर सरकारी कर्मचारी ने दी जान, 5 लोगों पर FIR

    Rajiv Yadav Suicide Case Update: इटावा में नगर पालिका के सीनियर क्लर्क राजीव यादव का शव यमुना से 29 घंटे बाद बरामद कर लिया गया है. उन्होंने अपने सुसाइड नोट में सपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए 2027 में पतन का 'श्राप' भी दिया है. पढ़ें क्या है पूरा मामला.

  • नीतीश कुमार के राजनीतिक पतन के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराना कितना सही

    नीतीश कुमार के राजनीतिक पतन के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराना कितना सही

    बिहार में एनडीए के नेता के रूप में नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री हैं. लेकिन ये भी सच है कि नीतीश कुमार के नाम और काम पर जो एनडीए चुनाव में गई उसमें सबका प्रदर्शन उम्मीदों के विपरीत निराशाजनक रहा. खासकर जनता दल यूनाइटेड का जो अब बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी है. इस बात से भी कोई इनकार नहीं कर सकता कि नीतीश कुमार आज जनता से अधिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिन्हें पिछले चुनाव तक वो सामने से चुनौती देते थे, की कृपा से आज मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं. साथ ही ये भी एक कड़वा सच है कि भाजपा ने उन्हें हाशिये पर ले जाने का जो भी प्रयास किया उसमें उसको आंशिक सफलता तो मिली. लेकिन जैसा अधिकांश राज्यों में अपने सहयोगियों को निपटा कर सत्ता में अपनी पकड़ मज़बूत करने का उनका लक्ष्य कामयाब होता रहा है, वो बिहार में अभी तक अधूरा है.