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Panipat Battle

'Panipat Battle' - 2 News Result(s)
  • 21 अप्रैल का इतिहास: पानीपत की पहली लड़ाई में बाबर की जीत से भारत में मुगल शासन की पड़ी थी नींव

    21 अप्रैल का इतिहास: पानीपत की पहली लड़ाई में बाबर की जीत से भारत में मुगल शासन की पड़ी थी नींव

    21 अप्रैल का दिन देश के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ लेकर आया. 1526 में वह 21 अप्रैल का ही दिन था, जब काबुल के शासक जहीरूद्दीन मोहम्मद बाबर और दिल्ली की सल्तनत के सम्राट इब्राहिम लोदी के बीच पानीपत की पहली लड़ाई हुई. इस लड़ाई में बाबर ने जहां तोपों का इस्तेमाल किया वहीं लोदी ने हाथियों की परंपरागत ताकत के दम पर जंग लड़ी, लेकिन बाबर की सेना संख्या में कम होने के बावजूद लोदी की सेना पर भारी पड़ी. इस लड़ाई में लोदी मारा गया और भारत में मुगल साम्राज्य की नींव पड़ी.

  • आज का इतिहास: 14 जनवरी के दिन ही हुई थी पानीपत की तीसरी लड़ाई

    आज का इतिहास: 14 जनवरी के दिन ही हुई थी पानीपत की तीसरी लड़ाई

    भारत के इतिहास में 14 जनवरी की तारीख का एक खास महत्व है. 1761 में 14 जनवरी के दिन अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली की सेना और मराठों के बीच पानीपत की तीसरी लड़ाई (Third Battle of Panipat) हुई थी. इस युद्ध को 18वीं सदी के सबसे भयंकर युद्ध के रूप में याद किया जाता है, जिसमें मराठों को हार का सामना करना पड़ा.

'Panipat Battle' - 2 News Result(s)
  • 21 अप्रैल का इतिहास: पानीपत की पहली लड़ाई में बाबर की जीत से भारत में मुगल शासन की पड़ी थी नींव

    21 अप्रैल का इतिहास: पानीपत की पहली लड़ाई में बाबर की जीत से भारत में मुगल शासन की पड़ी थी नींव

    21 अप्रैल का दिन देश के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ लेकर आया. 1526 में वह 21 अप्रैल का ही दिन था, जब काबुल के शासक जहीरूद्दीन मोहम्मद बाबर और दिल्ली की सल्तनत के सम्राट इब्राहिम लोदी के बीच पानीपत की पहली लड़ाई हुई. इस लड़ाई में बाबर ने जहां तोपों का इस्तेमाल किया वहीं लोदी ने हाथियों की परंपरागत ताकत के दम पर जंग लड़ी, लेकिन बाबर की सेना संख्या में कम होने के बावजूद लोदी की सेना पर भारी पड़ी. इस लड़ाई में लोदी मारा गया और भारत में मुगल साम्राज्य की नींव पड़ी.

  • आज का इतिहास: 14 जनवरी के दिन ही हुई थी पानीपत की तीसरी लड़ाई

    आज का इतिहास: 14 जनवरी के दिन ही हुई थी पानीपत की तीसरी लड़ाई

    भारत के इतिहास में 14 जनवरी की तारीख का एक खास महत्व है. 1761 में 14 जनवरी के दिन अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली की सेना और मराठों के बीच पानीपत की तीसरी लड़ाई (Third Battle of Panipat) हुई थी. इस युद्ध को 18वीं सदी के सबसे भयंकर युद्ध के रूप में याद किया जाता है, जिसमें मराठों को हार का सामना करना पड़ा.