Byline Renu Chouhan

31/08/2024

कौन था 'हेमू' वजीर जो सिर्फ 1 तीर से मुगलों को बाहर खदेड़ने से चूक गया

Image credit: Openart

समय था हुमायूं के बाद मुगल साम्राज्य को नया शासक यानी अकबर का, जिसे बहुत ही कठिन विरासत मिली.

Image credit: Openart

क्योंकि इस दौरान मुगलों के हालात हिंदुस्तान में बहुत ही बुरे थे, इसी के साथ विनाशकारी अकाल भी था और महामारी भी फैल चुकी थी.

Image credit: Openart

इसी दौरान अदली या आदिल शाह मिर्जापुर का एक सिपाही हेमू ने भी मुगलों को कई जगहों से हराकर बाहर कर फेंका था. सिर्फ आगरा और दिल्ली ही बचे थे.

Image credit: Openart

लेकिन अकबर के शिक्षक और उसके पिता हुमायूं के प्रिय अधिकारी बैरम खान ने हेमू के खतरे को समझा और मुगल सेना को फिर से एकजुट करने का काम किया.

Image credit: Openart

हेमू, शेरशाह सूरी के ही भतीजे आदिल शाह का एक वफादार वजीर था. जिसने इस्लाम शाह के समय में बाज़ार अधीक्षक के रूप में काम शुरू किया था.

Image credit: Openart

हेमू ने इस वक्त तक 22 लड़ाइयां लड़ीं और सभी जीतीं. इसी वजह से आदिल शाह ने उसे 'विक्रमाजीत' की उपाधि देकर वजीर बनाया.

Image credit: Openart

हेमू को ही मुगलों को बाहर निकालने का काम सौंपा गया था.

Image credit: Openart

हेमू ने ही मुगलों को आगरा से बाहर निकाला और अपने 50 हज़ार सवारों, 5 हज़ार हाथियों की सेना और एक शक्तिशाली तोपखाना लेकर दिल्ली की ओर बढ़ा.

Image credit: Openart

यहां मुगलों और हेमू की सेना के बीच पानीपत में युद्ध (5 नवंबर 1556) हुआ,  इस युद्ध का पूरा झुकाव उसके पक्ष में ही था.

Image credit: Openart

लेकिन एक तीर उसकी आंख में आकर लगा और वह बेहोश होकर गिर गया. ऐसे हेमू की सेना की हार हुई और उसे मार डाला गया.

Image credit: Openart

और इसी तरह अकबर ने अपना साम्राज्य लगभग (यानी सिर्फ दिल्ली) फिर से जीता.

और देखें

सितंबर महीने में कहां घूम सकते हैं आप?

एक्ट्रेस नहीं, ये हैं IAS ऑफिसर परी बिश्नोई

सिक्किम की सबसे खूबसूरत 7 जगहें

इस 'हिंदू' राजा के घर में हुआ था अकबर का जन्म

Click Here