Blogs | सुधीर जैन |गुरुवार दिसम्बर 7, 2017 01:35 PM IST चुनावी आंकड़ों के इस सांख्यिकीय विश्लेषण को सैफोलॉजी कहते हैं, और यह काम करने वाले खुद को विज्ञानी कहते हैं. वे खुद को सांख्यिकी और राजनीति विज्ञान का विशेषज्ञ कहलाना चाहते हैं. उनकी मुद्रा किसी भौतिक विज्ञानी या रसायनशास्त्री से कम नहीं होती. लेकिन दिक्कत यह है कि उनके आकलन विज्ञान के आकलन की तरह शुद्ध नहीं होते.