Motor Vehicles Bill 2019
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बोले, राज्य चाहें तो जुर्माना घटा दें, लेकिन क्या ये सच्चाई नहीं है...
- Wednesday September 11, 2019
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यों से यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुमार्ने में ढील देने की अपील की है. उनका यह बयान ऐसे मौके पर आया है जब एक दिन पहले ही भाजपा शासित गुजरात ने जुर्माने में कटौती का फैसला किया था.
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मोटर वाहन बिल: अब और महंगा पड़ेगा ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन, बढ़ाया गया जुर्माना, जानें- और क्या हैं प्रावधान
- Thursday August 1, 2019
राज्यसभा ने विधेयक (Motor vehicles bill) को चर्चा के बाद 13 के मुकाबले 108 मतों से पारित कर दिया. विधेयक पर लाये गये विपक्षी सदस्यों के संशोधन प्रस्तावों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया. यह विधेयक गत सप्ताह लोकसभा में पारित हुआ था. किंतु विधेयक में ‘मुद्रण की कुछ मामूली त्रुटि’ रह जाने के कारण सरकार को उसे ठीक करने के लिए तीन संशोधन लाने पड़े. इन संशोधनों के कारण अब यह विधेयक फिर से लोकसभा में जाएगा. उच्च सदन में विधेयक पर हुयी चर्चा का जवाब देते हुए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि सरकार का मोटर यान संशोधन विधेयक के माध्यम से राज्यों के अधिकार में दखल देने का कोई इरादा नहीं है. इसके प्रावधानों को लागू करना राज्यों की मर्जी पर निर्भर है और केंद्र की कोशिश राज्यों के साथ सहयोग करने, परिवहन व्यवस्था (Motor vehicles bill) में आमूलचूल बदलाव लाने और दुर्घटनाओं को कम करने की है.
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...जब संसद में बोले गडकरी- मेरे ड्राइवर को मोतियाबिंद था, एक CM के ड्राइवर को तो दिखता ही नहीं था वह आवाज सुनकर गाड़ी चलाता था
- Tuesday July 23, 2019
- NDTVKhabar News Desk
गडकरी ने कहा कि यह एक आम धारणा है कि आधिकारिक मशीनरी के सही से काम नहीं करने की वजह से भारत में ड्राइविंग लाइसेंस पाना सबसे आसान है. मंत्री ने सरकारी विभागों में ड्राइवरों की नियुक्तियों में ढिलाई दिखाने के लिए खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें महाराष्ट्र में एक सड़क दुर्घटना का सामना करना पड़ा क्योंकि उनके चालक को एक आंख में मोतियाबिंद था, जिसकी वजह से वह उस आंख से साफ नहीं देख पाते थे. उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि उनका ड्राइवर दोनों आंखों से नहीं देख सकता था. वह सुनने की शक्ति पर भरोसा करके गाड़ी चलाता था.
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बोले, राज्य चाहें तो जुर्माना घटा दें, लेकिन क्या ये सच्चाई नहीं है...
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यों से यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुमार्ने में ढील देने की अपील की है. उनका यह बयान ऐसे मौके पर आया है जब एक दिन पहले ही भाजपा शासित गुजरात ने जुर्माने में कटौती का फैसला किया था.
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राज्यसभा ने विधेयक (Motor vehicles bill) को चर्चा के बाद 13 के मुकाबले 108 मतों से पारित कर दिया. विधेयक पर लाये गये विपक्षी सदस्यों के संशोधन प्रस्तावों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया. यह विधेयक गत सप्ताह लोकसभा में पारित हुआ था. किंतु विधेयक में ‘मुद्रण की कुछ मामूली त्रुटि’ रह जाने के कारण सरकार को उसे ठीक करने के लिए तीन संशोधन लाने पड़े. इन संशोधनों के कारण अब यह विधेयक फिर से लोकसभा में जाएगा. उच्च सदन में विधेयक पर हुयी चर्चा का जवाब देते हुए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि सरकार का मोटर यान संशोधन विधेयक के माध्यम से राज्यों के अधिकार में दखल देने का कोई इरादा नहीं है. इसके प्रावधानों को लागू करना राज्यों की मर्जी पर निर्भर है और केंद्र की कोशिश राज्यों के साथ सहयोग करने, परिवहन व्यवस्था (Motor vehicles bill) में आमूलचूल बदलाव लाने और दुर्घटनाओं को कम करने की है.
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गडकरी ने कहा कि यह एक आम धारणा है कि आधिकारिक मशीनरी के सही से काम नहीं करने की वजह से भारत में ड्राइविंग लाइसेंस पाना सबसे आसान है. मंत्री ने सरकारी विभागों में ड्राइवरों की नियुक्तियों में ढिलाई दिखाने के लिए खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें महाराष्ट्र में एक सड़क दुर्घटना का सामना करना पड़ा क्योंकि उनके चालक को एक आंख में मोतियाबिंद था, जिसकी वजह से वह उस आंख से साफ नहीं देख पाते थे. उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि उनका ड्राइवर दोनों आंखों से नहीं देख सकता था. वह सुनने की शक्ति पर भरोसा करके गाड़ी चलाता था.
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