Meghalaya Coal Mining
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मेघालय में 11 साल बाद वैज्ञानिक तरीके से कोयला खनन शुरू, रैट होल माइनिंग के चलते लगा था बैन
- Friday August 8, 2025
- Reported by: मनोज्ञा लोईवाल, Edited by: मनोज शर्मा
2014 में NGT ने मेघालय में अवैज्ञानिक और खतरनाक rat-hole mining के चलते कोयला खनन पर रोक लगा दी थी. अब मंत्रालय ने वैज्ञानिक और नियंत्रित तरीके से कोयला खनन की शुरुआत की है.
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पता नहीं मजदूर जीवित हैं या नहीं मगर चमत्कार होते रहते हैं, काम जारी रखें: मेघालय मामले पर सुप्रीम कोर्ट
- Friday January 11, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव
मेघालय में कोयला खदान में फंसे मजदूरों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार को राहत बचाव कार्य जारी रखने को कहा है.
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मेघालय को मिली कोयला खनन न रोक पाने की सजा, एनजीटी ने लगाया 100 करोड़ रुपये का जुर्माना
- Saturday January 5, 2019
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
बचाव कार्य में लगी टीम बीते कई दिनों से खदान से पानी निकालने की कोशिश कर रही है. लेकिन खदान की गहराई ज्यादा होने के कारण उन्हें इसमें दिक्कत आ रही है. अब वह इस काम के लिए छोटे मोटर की जगह बड़े मोटर पंप का इस्तेमाल करने की तैयारी में है. ताकि बचे हुए पानी को जल्द से जल्द निकाला जा सके. गौरतलब है कि कमेटी ने दो दिन पहले ही एनजीटी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.
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जिंदा या मृत, उन्हें बाहर निकालें: सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार- मेघालय में मजदूरों का क्या हुआ, हम बचाव कार्य से संतुष्ट नहीं
- Thursday January 3, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव
जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच ने कहा कि अगर सरकार कदम उठा रही है तो खदान के मजदूरों का क्या हुआ? बेंच ने कहा, 'मजदूरों को खदान में फंसे हुए कितने दिन हो गए? क्या इस मामले में केंद्र, राज्य और एजेंसियों के बीज समन्वय नहीं है? क्या कोर्ट सेना को कदम उठाने के लिए आग्रह नहीं कर सकता? हम अभी तक उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं हैं. मजदूरों को बाहर निकालने के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है. अगर ये भी माना जा रहा है कि वो जिंदा हैं या नहीं तो भी उन्हें बाहर निकाला जाना चाहिए.' साथ ही जस्टिस सीकरी ने कहा कि हम प्रार्थना करते हैं कि वे सब जिंदा हैं.
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Meghalaya Rescue Operation: खदान में फंसे हैं 15 मजदूर, एयरफोर्स की मदद से बचाव कार्य तेज, 10 बातें
- Friday December 28, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
मेघालय में एक कोयले की खदान से पानी भरने से उसमें पिछले दो सप्ताह से फंसे 15 लोगों को निकालने की कोशिशें जारी हैं. कोयला खदान में फंसे लोगों को बचाने के लिए अब एयरफोर्स भी आगे आ गया है. इतना ही नहीं, इस बचाव कार्य में मदद करने के लिए निजी पंप निर्माता कंपनी मौके पर पहुंच गए हैं. भारतीय वायु सेना और कोल इंडिया के बचावकर्मी ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में स्थित इस खदान में अब उपकरणों के साथ बचाव कार्य में जुट गए हैं. मेघालय की खदान में पिछले 15 दिनों से फंसे हुए खनिकों को बचाने के कार्य में पंप उत्पादन करने वाली दिग्गज भारतीय कंपनी किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड ने मदद की पेशकश की है. कंपनी ने खदान से पानी निकालने में जरूरी उपकरण उपलब्ध कराने को कहा है. इससे पहले किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड की दो टीम मदद के लिए बृस्पतिवार को यहां पहुंची.
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मेघालय में अवैध कोयला खदान में अब भी फंसे हैं 13 मजदूर
- Saturday December 15, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के 60 से अधिक सदस्यों वाले दो दल शुक्रवार की सुबह यहां पहुंचे जबकि राज्य आपदा मोचन बल के 12 सदस्य पहले से ही घटनास्थल पर मौजूद थे.पुलिस उपमहानिरीक्षक (पूर्वी क्षेत्र) ए आर माथोह ने से कहा, ‘‘हम खदान से पानी बाहर निकालने की कोशिश में हैं जो कि 370 फुट गहरी है. एनडीआरएफ के अनुसार पानी का स्तर 70 फुट है.''
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मेघालय में 11 साल बाद वैज्ञानिक तरीके से कोयला खनन शुरू, रैट होल माइनिंग के चलते लगा था बैन
- Friday August 8, 2025
- Reported by: मनोज्ञा लोईवाल, Edited by: मनोज शर्मा
2014 में NGT ने मेघालय में अवैज्ञानिक और खतरनाक rat-hole mining के चलते कोयला खनन पर रोक लगा दी थी. अब मंत्रालय ने वैज्ञानिक और नियंत्रित तरीके से कोयला खनन की शुरुआत की है.
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पता नहीं मजदूर जीवित हैं या नहीं मगर चमत्कार होते रहते हैं, काम जारी रखें: मेघालय मामले पर सुप्रीम कोर्ट
- Friday January 11, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव
मेघालय में कोयला खदान में फंसे मजदूरों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार को राहत बचाव कार्य जारी रखने को कहा है.
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मेघालय को मिली कोयला खनन न रोक पाने की सजा, एनजीटी ने लगाया 100 करोड़ रुपये का जुर्माना
- Saturday January 5, 2019
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बचाव कार्य में लगी टीम बीते कई दिनों से खदान से पानी निकालने की कोशिश कर रही है. लेकिन खदान की गहराई ज्यादा होने के कारण उन्हें इसमें दिक्कत आ रही है. अब वह इस काम के लिए छोटे मोटर की जगह बड़े मोटर पंप का इस्तेमाल करने की तैयारी में है. ताकि बचे हुए पानी को जल्द से जल्द निकाला जा सके. गौरतलब है कि कमेटी ने दो दिन पहले ही एनजीटी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.
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जिंदा या मृत, उन्हें बाहर निकालें: सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार- मेघालय में मजदूरों का क्या हुआ, हम बचाव कार्य से संतुष्ट नहीं
- Thursday January 3, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव
जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच ने कहा कि अगर सरकार कदम उठा रही है तो खदान के मजदूरों का क्या हुआ? बेंच ने कहा, 'मजदूरों को खदान में फंसे हुए कितने दिन हो गए? क्या इस मामले में केंद्र, राज्य और एजेंसियों के बीज समन्वय नहीं है? क्या कोर्ट सेना को कदम उठाने के लिए आग्रह नहीं कर सकता? हम अभी तक उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं हैं. मजदूरों को बाहर निकालने के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है. अगर ये भी माना जा रहा है कि वो जिंदा हैं या नहीं तो भी उन्हें बाहर निकाला जाना चाहिए.' साथ ही जस्टिस सीकरी ने कहा कि हम प्रार्थना करते हैं कि वे सब जिंदा हैं.
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Meghalaya Rescue Operation: खदान में फंसे हैं 15 मजदूर, एयरफोर्स की मदद से बचाव कार्य तेज, 10 बातें
- Friday December 28, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
मेघालय में एक कोयले की खदान से पानी भरने से उसमें पिछले दो सप्ताह से फंसे 15 लोगों को निकालने की कोशिशें जारी हैं. कोयला खदान में फंसे लोगों को बचाने के लिए अब एयरफोर्स भी आगे आ गया है. इतना ही नहीं, इस बचाव कार्य में मदद करने के लिए निजी पंप निर्माता कंपनी मौके पर पहुंच गए हैं. भारतीय वायु सेना और कोल इंडिया के बचावकर्मी ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में स्थित इस खदान में अब उपकरणों के साथ बचाव कार्य में जुट गए हैं. मेघालय की खदान में पिछले 15 दिनों से फंसे हुए खनिकों को बचाने के कार्य में पंप उत्पादन करने वाली दिग्गज भारतीय कंपनी किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड ने मदद की पेशकश की है. कंपनी ने खदान से पानी निकालने में जरूरी उपकरण उपलब्ध कराने को कहा है. इससे पहले किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड की दो टीम मदद के लिए बृस्पतिवार को यहां पहुंची.
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मेघालय में अवैध कोयला खदान में अब भी फंसे हैं 13 मजदूर
- Saturday December 15, 2018
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राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के 60 से अधिक सदस्यों वाले दो दल शुक्रवार की सुबह यहां पहुंचे जबकि राज्य आपदा मोचन बल के 12 सदस्य पहले से ही घटनास्थल पर मौजूद थे.पुलिस उपमहानिरीक्षक (पूर्वी क्षेत्र) ए आर माथोह ने से कहा, ‘‘हम खदान से पानी बाहर निकालने की कोशिश में हैं जो कि 370 फुट गहरी है. एनडीआरएफ के अनुसार पानी का स्तर 70 फुट है.''
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