Mahakumbh Blog
- सब
- ख़बरें
-
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से एक यात्री की डायरी
- Tuesday February 18, 2025
- अपूर्व कृष्ण
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार को मची भगदड़ में 18 लोगों को मौत हो गई थी. मरने वालों में महिलाएं और बच्चे अधिक थे. एक आम आदमी के लिए कैसी होती है नई दिल्ली से ट्रेन की यात्रा, बता रहे हैं अपूर्व कृष्ण.
-
ndtv.in
-
महाकुंभ की खातिर लोगों की इतनी विशाल भीड़ क्या बताती है?
- Friday February 14, 2025
- अमरेश सौरभ
महाकुंभ में उमड़ती भीड़ यह बताती है कि आज के भौतिकतावादी दौर में भी धर्म और अध्यात्म हमारे लिए संजीवनी शक्ति की तरह हैं. केवल भौतिक संसाधनों से समृद्ध होना एक बात है, जबकि विचारों, मान्यताओं और भावनाओं से भी उन्नत होना दूसरी बात.
-
ndtv.in
-
महाकुंभ 2025 का हिस्सा बनने से पहले कुछ संकल्प लेना बेहद ज़रूरी
- Friday December 13, 2024
- अमरेश सौरभ
महाकुंभ विशाल उत्सव जैसा है, जो हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है. प्रयागराज महाकुंभ के दौरान देश-दुनिया की नजर इस ओर बराबर बनी रहेगी. बड़ी तादाद में विदेशी श्रद्धालु और सैलानी भी मौजूद रहेंगे. यह एक बड़ा मौका होगा, जब हम अपनी गौरवशाली परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर की अद्भुत झलक सबके सामने पेश कर सकेंगे. ऐसे में सबको अपनी-अपनी जिम्मेदारी समझनी और संभालनी चाहिए.
-
ndtv.in
-
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से एक यात्री की डायरी
- Tuesday February 18, 2025
- अपूर्व कृष्ण
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार को मची भगदड़ में 18 लोगों को मौत हो गई थी. मरने वालों में महिलाएं और बच्चे अधिक थे. एक आम आदमी के लिए कैसी होती है नई दिल्ली से ट्रेन की यात्रा, बता रहे हैं अपूर्व कृष्ण.
-
ndtv.in
-
महाकुंभ की खातिर लोगों की इतनी विशाल भीड़ क्या बताती है?
- Friday February 14, 2025
- अमरेश सौरभ
महाकुंभ में उमड़ती भीड़ यह बताती है कि आज के भौतिकतावादी दौर में भी धर्म और अध्यात्म हमारे लिए संजीवनी शक्ति की तरह हैं. केवल भौतिक संसाधनों से समृद्ध होना एक बात है, जबकि विचारों, मान्यताओं और भावनाओं से भी उन्नत होना दूसरी बात.
-
ndtv.in
-
महाकुंभ 2025 का हिस्सा बनने से पहले कुछ संकल्प लेना बेहद ज़रूरी
- Friday December 13, 2024
- अमरेश सौरभ
महाकुंभ विशाल उत्सव जैसा है, जो हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है. प्रयागराज महाकुंभ के दौरान देश-दुनिया की नजर इस ओर बराबर बनी रहेगी. बड़ी तादाद में विदेशी श्रद्धालु और सैलानी भी मौजूद रहेंगे. यह एक बड़ा मौका होगा, जब हम अपनी गौरवशाली परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर की अद्भुत झलक सबके सामने पेश कर सकेंगे. ऐसे में सबको अपनी-अपनी जिम्मेदारी समझनी और संभालनी चाहिए.
-
ndtv.in