'Lord kartikeya'
- 6 न्यूज़ रिजल्ट्स- Faith | Written by: शालिनी सेंगर |मंगलवार फ़रवरी 8, 2022 07:42 AM ISTकार्तिगाई दीपम (Masik Karthigai) पर भगवान शिव (Lord Shiva) के इसी ज्योति स्वरूप का पूजन किया जाता है. मान्यता है कि मासिक कार्तिगाई दक्षिण भारत में मनाए जाने वाला सबसे पुराना पर्व है. इस उत्सव को कार्तिकाई बह्मोत्सव के नाम से भी जाना जाता है. चलिए जानते हैं कि कार्तिगाई दीपम पर क्यों कि जाती है शिव के ज्योति स्वरूप की पूजा और क्या है इसका महत्व.
- Faith | Written by: शालिनी सेंगर |मंगलवार फ़रवरी 8, 2022 07:25 AM ISTहर माह दक्षिण भारत में कार्तिगाई दीपम मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव शंकर और भगवान मुरुगन की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन तिल के तेल या घी का दीपक जलाने की परंपरा है. आइए जानते हैं मासिक कार्तिगाई दीपम की पूजा की तिथि, शुभ मुहर्त और विधि.
- Faith | Written by: शालिनी सेंगर |शुक्रवार फ़रवरी 4, 2022 04:36 PM ISTkanda Sashti 2022: स्कंद षष्ठी का व्रत भक्त भगवान शिव के ज्येष्ठ पुत्र भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) को समर्पित माना जाता है. स्कन्द षष्ठी दक्षिणी भारत में मनाये जाने वाला एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है. स्कन्द षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय का विधि-विधान से पूजन किया जाता है. आइए जानते हैं स्कन्द षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा का महत्व, शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजा विधि.
- Faith | Written by: शालिनी सेंगर |शुक्रवार जनवरी 7, 2022 02:55 PM ISTशास्त्रों के अनुसार, षष्ठी तिथि को कार्तिकेय भगवान जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन उनकी पूजा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन भगवान कार्तिकेय का विधि-विधान से पूजन और व्रत करने से भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. यह व्रत संतान षष्ठी नाम से भी जाना जाता है.
- Faith | Written by: रेणु चौहान |शुक्रवार सितम्बर 28, 2018 04:30 PM ISTकेरल के सबसे प्रसिद्ध और विवादित सबरीमाला मंदिर में औरतों के प्रेवश को लेकर सुनवाई हो चुकी है. अब इस मंदिर में हर उम्र की महिलाएं प्रवेश कर सकेंगी.
- Faith | Written by: Shyamnandan |गुरुवार अप्रैल 7, 2016 03:35 PM ISTहिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में ट्रेकिंग के लिए प्रसिद्ध कुगती के कार्तिक स्वामी मंदिर के कपाट इस महीने की 13 अप्रैल से खुलेंगे। परंपरा के अनुसार, कपाट खुलने से पहले की रात यानी 12 अप्रैल को जागरण होगा, फिर उसके अगले दिन विधिवत कपाट खोले जाएंगे।