Law Of Sedition
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CrPC की धारा 64 के प्रावधान को चुनौती देने का मामला: SC ने जांच के लिए केंद्र को और 3 महीने का समय दिया
- Thursday April 6, 2023
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने बताया कि CrPC और IPC प्रावधानों में संशोधन के लिए सरकार सक्रिय तौर पर विचार विमर्श कर रही है. इसमें राजद्रोह कानून भी विचार शामिल है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र को जांच के लिए तीन महीने का और समय दिया है.
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'हर सैनिक ये शपथ लेता है कि ....' : राजद्रोह कानून पर याचिका डालने वाले रिटायर्ड जनरल ने बताया सुप्रीम कोर्ट जाने का कारण
- Thursday May 12, 2022
- Reported by: विष्णु सोम
जनरल वोम्बतकेरे ने कहा कि मैंने देखा था कि बहुत सी चीजें गलत हो जाती हैं. मेरा मानना है कि अगर एक जगह अन्याय है, तो हर जगह अन्याय है. अन्याय का विरोध करना ही होगा.
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राजद्रोह कानून की समीक्षा होने तक किसी के खिलाफ FIR नहीं, मौजूदा आरोपी भी ज़मानत के लिए दें अर्ज़ी : SC का ऐतिहासिक फैसला
- Wednesday May 11, 2022
- Edited by: राहुल कुमार
Sedition Law: सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ हम उम्मीद करते हैं कि जब तक कानून के उक्त प्रावधान पर फिर से विचार नहीं किया जाता है, तब तक केंद्र तथा राज्य नई प्राथमिकियां दर्ज करने, भादंसं की धारा 124ए के तहत कोई जांच करने या कोई दंडात्मक कार्रवाई करने से बचेंगे.''
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"आतंकवाद और देश विरोधी गतिविधियों से निपटने के लिए दूसरे कानून मौजूद": राजद्रोह कानून पर बोले विशेषज्ञ
- Monday May 9, 2022
- Reported by: अखिलेश शर्मा, Edited by: राहुल चौहान
फैजान मुस्तफा ने कहा कि अंग्रेजों ने जब 1860 इंडियन पीनल कोर्ट बनाई थी, तो उसमें 124ए नहीं था. देवबंद से जब अंग्रेजों के खिलाफ जिहाद करने का फतवा जारी हुआ तो उसको खत्म करने के लिए इस तरीके का कानून आया.
- ndtv.in
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देशद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से इस हफ्ते तक मांगा जवाब, 5 मई को होगी मामले की सुनवाई
- Wednesday April 27, 2022
- Reported by: आशीष भार्गव
इस मामले में अदालत ने कहा था कि कानून का गलत इस्तेमाल हो रहा है. कोर्ट ने कहा था कि राजद्रोह कानून एक औपनिवेशिक कानून है और इसका इस्तेमाल अंग्रेजों द्वारा और हमारी आजादी का गला घोंटने के लिए किया गया था. इसका इस्तेमाल महात्मा गांधी और बाल गंगाधर तिलक के खिलाफ किया गया था. यह कहते हुए कि कोर्ट देशद्रोह कानून की वैधता की जांच करेगा, कोर्ट ने इस पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था.
- ndtv.in
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सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश जस्टिस आरएफ नरीमन ने की देशद्रोह कानून को रद्द करने की वकालत
- Sunday October 10, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन ने देशद्रोह कानून को रद्द करने की वकालत की है. जस्टिस नरीमन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को देशद्रोह कानून को रद्द करना चाहिए. गैरकानूनी गतिविधियों को लेकर UAPA कानून के भी कुछ हिस्सों को रद्द करने की मांग उन्होंने की है. विश्वनाथ पसायत स्मृति समिति द्वारा आयोजित एक समारोह में जस्टिस आरएफ नरीमन ने अपने भाषण में कहा कि ''मैं सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करूंगा कि वह उसके सामने लंबित देशद्रोह कानून के मामलों को वापस केंद्र के पास न भेजे. सरकारें आएंगी और जाएंगी, अदालत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह अपनी शक्ति का उपयोग करे और धारा 124 ए और यूएपीए के कुछ हिस्सों को खत्म करे, फिर यहां के नागरिक ज्यादा खुलकर सांस लेंगे.''
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असहमति को दबाने के लिए किसी भी आपराधिक कानून का दुरुपयोग न हो :जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
- Tuesday July 13, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव
जस्टिस चंद्रचूड़ (Supreme Court Judge Justice DY Chandrachud) ने कहा कि हमारी अदालतों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे नागरिकों को आजादी से वंचित करने के खिलाफ रक्षा की पहली पंक्ति बनी रहें. एक दिन के लिए भी स्वतंत्रता का नुकसान बहुत ज्यादा है. हमें अपने फैसलों में गहरे प्रणालीगत मुद्दों के प्रति हमेशा सचेत रहना चाहिए.
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CrPC की धारा 64 के प्रावधान को चुनौती देने का मामला: SC ने जांच के लिए केंद्र को और 3 महीने का समय दिया
- Thursday April 6, 2023
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने बताया कि CrPC और IPC प्रावधानों में संशोधन के लिए सरकार सक्रिय तौर पर विचार विमर्श कर रही है. इसमें राजद्रोह कानून भी विचार शामिल है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र को जांच के लिए तीन महीने का और समय दिया है.
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'हर सैनिक ये शपथ लेता है कि ....' : राजद्रोह कानून पर याचिका डालने वाले रिटायर्ड जनरल ने बताया सुप्रीम कोर्ट जाने का कारण
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- Reported by: विष्णु सोम
जनरल वोम्बतकेरे ने कहा कि मैंने देखा था कि बहुत सी चीजें गलत हो जाती हैं. मेरा मानना है कि अगर एक जगह अन्याय है, तो हर जगह अन्याय है. अन्याय का विरोध करना ही होगा.
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राजद्रोह कानून की समीक्षा होने तक किसी के खिलाफ FIR नहीं, मौजूदा आरोपी भी ज़मानत के लिए दें अर्ज़ी : SC का ऐतिहासिक फैसला
- Wednesday May 11, 2022
- Edited by: राहुल कुमार
Sedition Law: सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ हम उम्मीद करते हैं कि जब तक कानून के उक्त प्रावधान पर फिर से विचार नहीं किया जाता है, तब तक केंद्र तथा राज्य नई प्राथमिकियां दर्ज करने, भादंसं की धारा 124ए के तहत कोई जांच करने या कोई दंडात्मक कार्रवाई करने से बचेंगे.''
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"आतंकवाद और देश विरोधी गतिविधियों से निपटने के लिए दूसरे कानून मौजूद": राजद्रोह कानून पर बोले विशेषज्ञ
- Monday May 9, 2022
- Reported by: अखिलेश शर्मा, Edited by: राहुल चौहान
फैजान मुस्तफा ने कहा कि अंग्रेजों ने जब 1860 इंडियन पीनल कोर्ट बनाई थी, तो उसमें 124ए नहीं था. देवबंद से जब अंग्रेजों के खिलाफ जिहाद करने का फतवा जारी हुआ तो उसको खत्म करने के लिए इस तरीके का कानून आया.
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देशद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से इस हफ्ते तक मांगा जवाब, 5 मई को होगी मामले की सुनवाई
- Wednesday April 27, 2022
- Reported by: आशीष भार्गव
इस मामले में अदालत ने कहा था कि कानून का गलत इस्तेमाल हो रहा है. कोर्ट ने कहा था कि राजद्रोह कानून एक औपनिवेशिक कानून है और इसका इस्तेमाल अंग्रेजों द्वारा और हमारी आजादी का गला घोंटने के लिए किया गया था. इसका इस्तेमाल महात्मा गांधी और बाल गंगाधर तिलक के खिलाफ किया गया था. यह कहते हुए कि कोर्ट देशद्रोह कानून की वैधता की जांच करेगा, कोर्ट ने इस पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था.
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सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश जस्टिस आरएफ नरीमन ने की देशद्रोह कानून को रद्द करने की वकालत
- Sunday October 10, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन ने देशद्रोह कानून को रद्द करने की वकालत की है. जस्टिस नरीमन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को देशद्रोह कानून को रद्द करना चाहिए. गैरकानूनी गतिविधियों को लेकर UAPA कानून के भी कुछ हिस्सों को रद्द करने की मांग उन्होंने की है. विश्वनाथ पसायत स्मृति समिति द्वारा आयोजित एक समारोह में जस्टिस आरएफ नरीमन ने अपने भाषण में कहा कि ''मैं सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करूंगा कि वह उसके सामने लंबित देशद्रोह कानून के मामलों को वापस केंद्र के पास न भेजे. सरकारें आएंगी और जाएंगी, अदालत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह अपनी शक्ति का उपयोग करे और धारा 124 ए और यूएपीए के कुछ हिस्सों को खत्म करे, फिर यहां के नागरिक ज्यादा खुलकर सांस लेंगे.''
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असहमति को दबाने के लिए किसी भी आपराधिक कानून का दुरुपयोग न हो :जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
- Tuesday July 13, 2021
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जस्टिस चंद्रचूड़ (Supreme Court Judge Justice DY Chandrachud) ने कहा कि हमारी अदालतों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे नागरिकों को आजादी से वंचित करने के खिलाफ रक्षा की पहली पंक्ति बनी रहें. एक दिन के लिए भी स्वतंत्रता का नुकसान बहुत ज्यादा है. हमें अपने फैसलों में गहरे प्रणालीगत मुद्दों के प्रति हमेशा सचेत रहना चाहिए.
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