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Ins Jalashv

'Ins Jalashv' - 3 News Result(s)
  • नौसेना का युद्धपोत INS जलाश्व 588 भारतीयों को लेकर दूसरी बार कोच्चि के लिए रवाना हुआ

    नौसेना का युद्धपोत INS जलाश्व 588 भारतीयों को लेकर दूसरी बार कोच्चि के लिए रवाना हुआ

    जलाश्व कोच्चि तक का 700 किलोमीटर तक का सफर करीब 35 घंटे में पूरा करेगा. पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक जलाश्व को शुक्रवार शाम को माले से निकलना था लेकिन खराब मौसम और भारी बारिश व तूफान की वजह से वो रवाना नही हो सका ताकि युद्धपोत में बैठे महिलाएं और बच्चों को परेशानी ना हो. ऑपेरशन समुद्र सेतु के तहत नौसेना विदेशो में फंसे भारतीय लोगो को निकाल रही है. इससे पहले INS जलाश्व और मगर माले से ही 900 लोगो को सुरक्षित स्वदेश ला चुका है.  

  • Lockdown: मालदीव में फंसे 698 भारतीयों को लेकर नौसेना का युद्धपोत आईएनएस जलाश्व कोच्ची रवाना

    Lockdown: मालदीव में फंसे 698 भारतीयों को लेकर नौसेना का युद्धपोत आईएनएस जलाश्व कोच्ची रवाना

    Lockdown: कोरोना वायरस की वजह से लाॉकडाउन के कारण मालदीव में फंसे 698 भारतीयों को लेकर नौसेना का युद्धपोत आईएनएस जलाश्व माले से कोच्ची के लिए रवाना हुआ. शनिवार को हिन्द महासागर में नौसेना के पांच युद्धपोतों ने जलाश्व के साथ कुछ देर तक सेल किया. यह पांचों युद्धपोत पहले से हिन्द महासागर में ऑपरेशनल ड्यूटी में तैनात हैं. आईएनएस जलाश्व के साथ पांचों युद्धपोतों का आना यह दिखाता है कि कोरोना संकट में भी नौसेना अपनी जिम्मेदारी को लेकर चौकस है. 

  • मालदीव में फंसे 698 भारतीयों को लेकर नौसेना का युद्धपोत आईएनएस जलाश्व कोच्चि के लिए रवाना

    मालदीव में फंसे 698 भारतीयों को लेकर नौसेना का युद्धपोत आईएनएस जलाश्व कोच्चि के लिए रवाना

    कोरोना की वजह से मालदीव में फंसे 698 भारतीयों को लेकर नौसेना का युद्धपोत आईएनएस जलाश्व माले से कोच्चि के लिये रवाना हो गया है. 698 यात्रियों में 19 गर्भवती महिलाएं और 14 बच्चे शामिल हैं. युद्धपोत में पहले गर्भवती महिलाओं और बच्चों को चढ़ाया गया. इसमें 595 पुरुष और 103 महिलाएं हैं. यह युद्धपोत 10 मई को कोच्चि पहुंचेगा.  दूसरा युद्धपोत आईएनएस मगर भी माले के रास्ते में है. वह भी माले से 250 से 300 यात्रियों को लेकर भारत आएगा. इससे पहले माले पहुंचने पर आईएनएस जलाश्व युद्धपोत को पूरी तरह से सेनेटाइज किया गया. ऐसे व्यवस्था की गई जिसमें लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आ सकें. 

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  • नौसेना का युद्धपोत INS जलाश्व 588 भारतीयों को लेकर दूसरी बार कोच्चि के लिए रवाना हुआ

    नौसेना का युद्धपोत INS जलाश्व 588 भारतीयों को लेकर दूसरी बार कोच्चि के लिए रवाना हुआ

    जलाश्व कोच्चि तक का 700 किलोमीटर तक का सफर करीब 35 घंटे में पूरा करेगा. पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक जलाश्व को शुक्रवार शाम को माले से निकलना था लेकिन खराब मौसम और भारी बारिश व तूफान की वजह से वो रवाना नही हो सका ताकि युद्धपोत में बैठे महिलाएं और बच्चों को परेशानी ना हो. ऑपेरशन समुद्र सेतु के तहत नौसेना विदेशो में फंसे भारतीय लोगो को निकाल रही है. इससे पहले INS जलाश्व और मगर माले से ही 900 लोगो को सुरक्षित स्वदेश ला चुका है.  

  • Lockdown: मालदीव में फंसे 698 भारतीयों को लेकर नौसेना का युद्धपोत आईएनएस जलाश्व कोच्ची रवाना

    Lockdown: मालदीव में फंसे 698 भारतीयों को लेकर नौसेना का युद्धपोत आईएनएस जलाश्व कोच्ची रवाना

    Lockdown: कोरोना वायरस की वजह से लाॉकडाउन के कारण मालदीव में फंसे 698 भारतीयों को लेकर नौसेना का युद्धपोत आईएनएस जलाश्व माले से कोच्ची के लिए रवाना हुआ. शनिवार को हिन्द महासागर में नौसेना के पांच युद्धपोतों ने जलाश्व के साथ कुछ देर तक सेल किया. यह पांचों युद्धपोत पहले से हिन्द महासागर में ऑपरेशनल ड्यूटी में तैनात हैं. आईएनएस जलाश्व के साथ पांचों युद्धपोतों का आना यह दिखाता है कि कोरोना संकट में भी नौसेना अपनी जिम्मेदारी को लेकर चौकस है. 

  • मालदीव में फंसे 698 भारतीयों को लेकर नौसेना का युद्धपोत आईएनएस जलाश्व कोच्चि के लिए रवाना

    मालदीव में फंसे 698 भारतीयों को लेकर नौसेना का युद्धपोत आईएनएस जलाश्व कोच्चि के लिए रवाना

    कोरोना की वजह से मालदीव में फंसे 698 भारतीयों को लेकर नौसेना का युद्धपोत आईएनएस जलाश्व माले से कोच्चि के लिये रवाना हो गया है. 698 यात्रियों में 19 गर्भवती महिलाएं और 14 बच्चे शामिल हैं. युद्धपोत में पहले गर्भवती महिलाओं और बच्चों को चढ़ाया गया. इसमें 595 पुरुष और 103 महिलाएं हैं. यह युद्धपोत 10 मई को कोच्चि पहुंचेगा.  दूसरा युद्धपोत आईएनएस मगर भी माले के रास्ते में है. वह भी माले से 250 से 300 यात्रियों को लेकर भारत आएगा. इससे पहले माले पहुंचने पर आईएनएस जलाश्व युद्धपोत को पूरी तरह से सेनेटाइज किया गया. ऐसे व्यवस्था की गई जिसमें लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आ सकें.