India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: राहुल चौहान |शनिवार दिसम्बर 18, 2021 12:45 AM IST पीठ ने कहा है कि मानसिक दिव्यांग होना सक्षम शरीर वाले व्यक्तियों की तुलना में कार्यस्थल मानकों का पालन करने की क्षमता को कम करती है. ऐसे व्यक्तियों को अधिक हानि होती है और अनुशासनिक कार्रवाई की चपेट में आ जाते हैं.