World | Reported by: सुकीर्ति द्विवेदी, Edited by: वर्तिका |गुरुवार मार्च 3, 2022 02:04 PM IST यह पूछने पर कि क्या उन्हें यूक्रेन में भारतीय दूतावास से कोई मदद मिली, उन्होंने NDTV को बताया, "हमें केवल हंगरी का बॉर्डर पार करने के बाद मदद मिली." उसके पहले कोई मदद नहीं मिली. हमने जो भी किया. अपने आप किया. हमने दस का समूह बनाया और ट्रेनों में चढ़ गए. ट्रेनें खचाखच भरी हुईं थीं."