Helpless Prisoners
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्यों कहा, जिंदगी से बड़ी सजा ही नहीं?
- Saturday August 10, 2024
- Edited by: ख़बर न्यूज़ डेस्क
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जेल की सलाखों के पीछे गुमनाम जीवन जी रहे समाज के कमजोर वर्ग के लोगों की दयनीय दशा पर गहरी चिंता व्यक्त की है. हाईकोर्ट ने इस बात पर अफसोस जताया कि देश “आजादी का अमृत काल” मना रहा है और देश के नागरिकों का एक वर्ग “जेलों की अंधेरी दीवारों” के पीछे गुमनाम जिंदगी बिता रहा है, जहां तक संवैधानिक स्वतंत्रता की रोशनी ही नहीं पहुंच पा रही है. कोर्ट ने कहा कि आज़ादी की सुबह सभी भारतीयों के लिए असीमित आशा लेकर आई. “उस सुबह में जीवित रहना आनंदमय था, लेकिन युवा होना स्वर्ग से भी बढ़कर था.”
- ndtv.in
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जेल की सलाखों के पीछे गुमनाम जीवन जी रहे समाज के कमजोर वर्ग के लोगों की दयनीय दशा पर गहरी चिंता व्यक्त की है. हाईकोर्ट ने इस बात पर अफसोस जताया कि देश “आजादी का अमृत काल” मना रहा है और देश के नागरिकों का एक वर्ग “जेलों की अंधेरी दीवारों” के पीछे गुमनाम जिंदगी बिता रहा है, जहां तक संवैधानिक स्वतंत्रता की रोशनी ही नहीं पहुंच पा रही है. कोर्ट ने कहा कि आज़ादी की सुबह सभी भारतीयों के लिए असीमित आशा लेकर आई. “उस सुबह में जीवित रहना आनंदमय था, लेकिन युवा होना स्वर्ग से भी बढ़कर था.”
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