Godhra Train Burning Case
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क्या है गोधरा कांड, जिसमें आज सुप्रीम कोर्ट से 8 दोषियों को मिली है राहत
- Friday April 21, 2023
वर्ष 2002 में 27 फरवरी को गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन से कुछ ही दूरी पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की एक बोगी को बंद कर आग लगा देने वाले 8 दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ज़मानत दे दी है. उम्रकैद की सज़ा काट रहे इन दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत दी गई है, क्योंकि ये सभी 17 से 20 साल की सज़ा काट चुके हैं. लेकिन कोर्ट ने इसी केस के उन चार दोषियों को ज़मानत देने से इनकार कर दिया, जिन्हें निचली अदालत ने फांसी की सज़ा सुनाई थी, लेकिन फिर हाईकोर्ट ने सज़ा को उम्रकैद में बदल दिया था. आइए जानते हैं, क्या था गोधरा कांड.
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सुप्रीम कोर्ट: गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले के दोषियों की जमानत पर सुनवाई 10 अप्रैल के लिए टली
- Friday March 24, 2023
गुजरात सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया था कि यह केवल पथराव का मामला नहीं था. दोषियों ने साबरमती एक्सप्रेस की एक बोगी को बंद कर दिया था, जिससे ट्रेन में सवार 59 यात्रियों की मौत हो गई थी.
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गोधरा अग्निकांड के दोषियों की जमानत अर्जी का गुजरात सरकार ने किया विरोध
- Monday February 20, 2023
सुनवाई के सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें समय से पहले रिहाई की पॉलिसी का लाभ नहीं मिल सकता क्योंकि मामले में TADA लगा है. 59 लोगों को ज़िंदा बोगी में जला दिया गया, उनमें बच्चे, महिलाएं शामिल थे. कोच को बाहर से बंद कर बाहर से पत्थर बरसाए गए ताकि लोग बाहर नहीं निकल पाएं.
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गुजरात सरकार की किताब में दावा, गोधरा ट्रेन अग्निकांड कांग्रेस की ‘साजिश’ का हिस्सा
- Saturday November 23, 2019
यूजीएनबी ने इस गुजराती पुस्तक का प्रकाशन किया है. कांग्रेस ने कहा कि वह गोधरा ट्रेन अग्निकांड में अदालत के फैसले को “तोड़ने-मरोड़ने” को लेकर लेखक के खिलाफ कानूनी राय लेगी. ‘गुजरात नी राजकीय गाथा’ शीर्षक वाली किताब का प्रकाशन दिसंबर 2018 में हुआ था और इसका संपादन पूर्व भाजपा सांसद और बोर्ड की मौजूदा उपाध्यक्ष भावनाबेन दवे ने किया है.
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