Gandhi Shanti Pratishthan
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तंगहाली से गुजर रही गांधीवादी मूल्यों को जिंदा रखने वाली संस्था गांधी शांति प्रतिष्ठान
- Saturday October 2, 2021
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: सूर्यकांत पाठक
गांधी जयंती के मौके पर फूल माला चढ़ाते तमाम नेताओं के कार्यक्रमों के अलावा गांधी शांति प्रतिष्ठान पर भी लोगों को नजर डाल लेनी चाहिए. गांधी जी पर रिसर्च, कॉन्फ्रेंस और गांधीवादी मूल्यों को जिंदा रखने वाली संस्थान गांधी शांति प्रतिष्ठान घोर आर्थिक तंगहाली से गुजर रही है. देश भर के 150 सेंटर पहले ही बंद हो चुके हैं. गांधीवादी संस्थान की हालत खराब क्यों है? दिल्ली में गांधी शांति प्रतिष्ठान है. यहां गांधी जयंती के मौके पर गोष्ठी कराई जा रही है. पहले ही तंगहाली से गुजर रहे इस संस्थान को कोरोना ने बुरे आर्थिक दौर में पहुंचा दिया है. हालात इतने खराब हैं कि अब सालाना एक से डेढ़ करोड़ रुपये भी जुटाना इस संस्थान को भारी पड़ रहा है.
- ndtv.in
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विवेकानंद केंद्र ने गांधी शांति पुरस्कार के एक करोड़ रुपये पुलवामा के शहीदों के परिवारों को दिए
- Tuesday February 26, 2019
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को 2015 से 2018 तक के गांधी शांति पुरस्कार (Gandhi shanti Puraskar) प्रदान किए गए. यह पुरस्कार एक समाजसेवी और चार संस्थाओं को प्रदान किए गए. पुरस्कार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदान किए. विवेकानंद केंद्र (Vivekananda Center) कन्याकुमारी को 2015 का गांधी शांति पुरस्कार मिला. केंद्र पुरस्कार राशि एक करोड़ रुपये पुलवामा हमले में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के परिवारों को दान देगा.
- ndtv.in
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एक-एक रुपये के चंदे से बना गांधी दर्शन का प्रसार करने वाला यह संस्थान आर्थिक संकट में
- Wednesday October 3, 2018
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: सूर्यकांत पाठक
महात्मा गांधी की जयंती पर स्वच्छता दिवस मनाया गया और कई बड़े आयोजन हुए. लेकिन समर्पण के साथ गांधी दर्शन का प्रसार करने वाले गांधी शांति प्रतिष्ठान की सुध लेने वाला कोई नहीं है. राजधानी दिल्ली में ही स्थित यह संस्थान आर्थिक संकट से गुजर रहा है.
- ndtv.in
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"जो समाज ने किया, उसे शब्दों में पिरोने वाला महज़ क्लर्क हूं मैं..."
- Tuesday December 20, 2016
- राकेश दीवान
हमारे समाज को अभी अनुपम की कम से कम 20 साल और ज़रूरत थी, क्योकि जो काम उन्होंने शुरू किया था, अब जाकर समाजों, सरकारों, नीति निर्माताओं और मीडिया ने समझना शुरू किया है... ऐसे समय में अनुपम जैसे लोगों की ज़्यादा ज़रूरत थी, ताकि उनकी पहल मूर्त रूप ले सके...
- ndtv.in
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जीवित आदर्श का साथ अचानक छूट जाना...
- Tuesday December 20, 2016
- सुधीर जैन
उनके लिए कोई उपमा नहीं सोची जा सकती. वह वाकई अनुपम थे. उनसे मेरी पहचान प्रभाष जोशी ने करवाई थी. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के लिए भारतीय जल प्रबंधन पर शोध के सिलसिले में अनुपम जी से पहली मुलाकात हुई, और फिर उनसे राग हो गया.
- ndtv.in
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तंगहाली से गुजर रही गांधीवादी मूल्यों को जिंदा रखने वाली संस्था गांधी शांति प्रतिष्ठान
- Saturday October 2, 2021
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: सूर्यकांत पाठक
गांधी जयंती के मौके पर फूल माला चढ़ाते तमाम नेताओं के कार्यक्रमों के अलावा गांधी शांति प्रतिष्ठान पर भी लोगों को नजर डाल लेनी चाहिए. गांधी जी पर रिसर्च, कॉन्फ्रेंस और गांधीवादी मूल्यों को जिंदा रखने वाली संस्थान गांधी शांति प्रतिष्ठान घोर आर्थिक तंगहाली से गुजर रही है. देश भर के 150 सेंटर पहले ही बंद हो चुके हैं. गांधीवादी संस्थान की हालत खराब क्यों है? दिल्ली में गांधी शांति प्रतिष्ठान है. यहां गांधी जयंती के मौके पर गोष्ठी कराई जा रही है. पहले ही तंगहाली से गुजर रहे इस संस्थान को कोरोना ने बुरे आर्थिक दौर में पहुंचा दिया है. हालात इतने खराब हैं कि अब सालाना एक से डेढ़ करोड़ रुपये भी जुटाना इस संस्थान को भारी पड़ रहा है.
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विवेकानंद केंद्र ने गांधी शांति पुरस्कार के एक करोड़ रुपये पुलवामा के शहीदों के परिवारों को दिए
- Tuesday February 26, 2019
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को 2015 से 2018 तक के गांधी शांति पुरस्कार (Gandhi shanti Puraskar) प्रदान किए गए. यह पुरस्कार एक समाजसेवी और चार संस्थाओं को प्रदान किए गए. पुरस्कार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदान किए. विवेकानंद केंद्र (Vivekananda Center) कन्याकुमारी को 2015 का गांधी शांति पुरस्कार मिला. केंद्र पुरस्कार राशि एक करोड़ रुपये पुलवामा हमले में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के परिवारों को दान देगा.
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एक-एक रुपये के चंदे से बना गांधी दर्शन का प्रसार करने वाला यह संस्थान आर्थिक संकट में
- Wednesday October 3, 2018
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: सूर्यकांत पाठक
महात्मा गांधी की जयंती पर स्वच्छता दिवस मनाया गया और कई बड़े आयोजन हुए. लेकिन समर्पण के साथ गांधी दर्शन का प्रसार करने वाले गांधी शांति प्रतिष्ठान की सुध लेने वाला कोई नहीं है. राजधानी दिल्ली में ही स्थित यह संस्थान आर्थिक संकट से गुजर रहा है.
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"जो समाज ने किया, उसे शब्दों में पिरोने वाला महज़ क्लर्क हूं मैं..."
- Tuesday December 20, 2016
- राकेश दीवान
हमारे समाज को अभी अनुपम की कम से कम 20 साल और ज़रूरत थी, क्योकि जो काम उन्होंने शुरू किया था, अब जाकर समाजों, सरकारों, नीति निर्माताओं और मीडिया ने समझना शुरू किया है... ऐसे समय में अनुपम जैसे लोगों की ज़्यादा ज़रूरत थी, ताकि उनकी पहल मूर्त रूप ले सके...
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जीवित आदर्श का साथ अचानक छूट जाना...
- Tuesday December 20, 2016
- सुधीर जैन
उनके लिए कोई उपमा नहीं सोची जा सकती. वह वाकई अनुपम थे. उनसे मेरी पहचान प्रभाष जोशी ने करवाई थी. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के लिए भारतीय जल प्रबंधन पर शोध के सिलसिले में अनुपम जी से पहली मुलाकात हुई, और फिर उनसे राग हो गया.
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