Film Heritage Foundation
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70 साल बाद वेनिस में गूंजा भारतीय सिनेमा का जादू, बिमल रॉय की 'दो बीघा जमीन' ने रचा इतिहास
- Saturday September 6, 2025
- Written by: प्रशांत शिशौदिया, Edited by: शिखा यादव
बिमल रॉय की क्लासिक फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ का नया 4K रीस्टोर वर्जन 4 सितंबर को वेनिस फिल्म फेस्टिवल के क्लासिक्स सेक्शन में दिखाया गया. 1953 में बनी यह फिल्म उस दौर के किसानों की तकलीफ और बदलते समाज की तस्वीर पेश करती है.
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अमिताभ बच्चन को फिल्म धरोहर संरक्षण के क्षेत्र में दिया गया पुरस्कार
- Saturday March 20, 2021
- Written by: स्वाति सिंह
डिजिटल माध्यम से आयोजित एक समारोह में बच्चन को एफआईएएफ पुरस्कार प्रदान किया गया. यह पुरस्कार इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म अर्काइव द्वारा प्रदान किया जाता है. वीडियो संदेश में स्कॉर्सीज ने कहा कि बच्चन ने भारत की फिल्मी धरोहर को संजोने में उल्लेखनीय काम किया है.
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साहिर लुधियानवी की बेशकीमती हस्तलिखित नज्में, डायरियां कबाड़ की दुकान पर मिलीं, NGO ने 3 हजार में खरीदी
- Monday September 9, 2019
- Reported by: भाषा
संस्था के संस्थापक निदेशक शिवेंद्र सिंह डुंगरपुर ने कहा, ‘इन डायरियों में उनके रोजाना के कार्यक्रम जैसे गाने की रिकॉर्डिंग के लिए वे कहां जायेंगे और अन्य निजी बातें आदि हैं. कई नज्में और नोट भी हैं. इन नोटों का संबंध उनके प्रकाशन संगठन ‘पार्चियां’ से है.’
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70 साल बाद वेनिस में गूंजा भारतीय सिनेमा का जादू, बिमल रॉय की 'दो बीघा जमीन' ने रचा इतिहास
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- Written by: प्रशांत शिशौदिया, Edited by: शिखा यादव
बिमल रॉय की क्लासिक फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ का नया 4K रीस्टोर वर्जन 4 सितंबर को वेनिस फिल्म फेस्टिवल के क्लासिक्स सेक्शन में दिखाया गया. 1953 में बनी यह फिल्म उस दौर के किसानों की तकलीफ और बदलते समाज की तस्वीर पेश करती है.
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अमिताभ बच्चन को फिल्म धरोहर संरक्षण के क्षेत्र में दिया गया पुरस्कार
- Saturday March 20, 2021
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डिजिटल माध्यम से आयोजित एक समारोह में बच्चन को एफआईएएफ पुरस्कार प्रदान किया गया. यह पुरस्कार इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म अर्काइव द्वारा प्रदान किया जाता है. वीडियो संदेश में स्कॉर्सीज ने कहा कि बच्चन ने भारत की फिल्मी धरोहर को संजोने में उल्लेखनीय काम किया है.
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संस्था के संस्थापक निदेशक शिवेंद्र सिंह डुंगरपुर ने कहा, ‘इन डायरियों में उनके रोजाना के कार्यक्रम जैसे गाने की रिकॉर्डिंग के लिए वे कहां जायेंगे और अन्य निजी बातें आदि हैं. कई नज्में और नोट भी हैं. इन नोटों का संबंध उनके प्रकाशन संगठन ‘पार्चियां’ से है.’
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