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East Jaintia Hills

'East Jaintia Hills' - 8 News Result(s)
  • पता नहीं मजदूर जीवित हैं या नहीं मगर चमत्कार होते रहते हैं, काम जारी रखें: मेघालय मामले पर सुप्रीम कोर्ट

    पता नहीं मजदूर जीवित हैं या नहीं मगर चमत्कार होते रहते हैं, काम जारी रखें: मेघालय मामले पर सुप्रीम कोर्ट

    मेघालय में कोयला खदान में फंसे मजदूरों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार को राहत बचाव कार्य जारी रखने को कहा है.

  • जिंदा या मृत, उन्हें बाहर निकालें: सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार- मेघालय में मजदूरों का क्या हुआ, हम बचाव कार्य से संतुष्ट नहीं

    जिंदा या मृत, उन्हें बाहर निकालें: सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार- मेघालय में मजदूरों का क्या हुआ, हम बचाव कार्य से संतुष्ट नहीं

    जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच ने कहा कि अगर सरकार कदम उठा रही है तो खदान के मजदूरों का क्या हुआ? बेंच ने कहा, 'मजदूरों को खदान में फंसे हुए कितने दिन हो गए? क्या इस मामले में केंद्र, राज्य और एजेंसियों के बीज समन्वय नहीं है? क्या कोर्ट सेना को कदम उठाने के लिए आग्रह नहीं कर सकता? हम अभी तक उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं हैं. मजदूरों को बाहर निकालने के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है. अगर ये भी माना जा रहा है कि वो जिंदा हैं या नहीं तो भी उन्हें बाहर निकाला जाना चाहिए.' साथ ही जस्टिस सीकरी ने कहा कि हम प्रार्थना करते हैं कि वे सब जिंदा हैं.

  • मेघालय खदान: 19 दिन से फंसे हैं मजदूर, नेवी के गोताखोर तह तक जाने में हुए कामयाब, 10 बड़ीं बातें

    मेघालय खदान: 19 दिन से फंसे हैं मजदूर, नेवी के गोताखोर तह तक जाने में हुए कामयाब, 10 बड़ीं बातें

    भारतीय नौसेना के गोताखोर सोमवार को फिर से मेघालय की उस बाढ़ग्रस्त खदान में घुसे जहां 15 खदानकर्मी फंसे हुए हैं. नेवी के गोताखोर खदान की तह तक पहुंचने में कामयाब रहे, लेकिन उन्हें वहां फंसा हुआ कोई भी मजदूर नजर नहीं आया. गोताखोरों का कहना है कि शाफ्ट के अंदर जलस्तर 30 मीटर की सुरक्षित गोताखोरी सीमा तक घटने के बाद ही खोजबीन सहज हो पाएगी. अभियान के प्रवक्ता आर सुस्नगी ने कहा कि अभियान के 18वें दिन नौसेना के गोताखोर उच्च तकनीकी उपकरण ‘अंडर वॉटर रिमोटली ऑपरेटिड व्हीकल’ (यूडब्ल्यूआरओवी) के साथ तीन घंटे तक शाफ्ट के अंदर रहे लेकिन इसमें दृश्यता एक फुट रही जो बहुत कम है.

  • मेघालय: मजदूरों को बचाने आए गोताखोर भी नहीं उतर पा रहे हैं खदान में, जानें 10 बड़ी बातें

    मेघालय: मजदूरों को बचाने आए गोताखोर भी नहीं उतर पा रहे हैं खदान में, जानें 10 बड़ी बातें

    एनडीआरएफ के कर्मी हादसे के एक दिन बाद 14 दिसंबर से खदान में बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं. पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित इस खदान में 13 दिसंबर को पानी भर गया था जब पास की लितेन नदी का पानी इसमें घुस गया था जिससे 15 खनिक अंदर ही फंसे रह गए. राहत और बचाव कार्य में कई संस्थाओं ने आगे हाथ बढ़ाया लेकिन समय बीतने के साथ श्रामिकों को बचाने की चुनौती बढ़ती जा रही है.

  • मेघालय में फंसे श्रामिकों को निकालने का ऑपरेशन जारी, NDRF को मिले 3 हेलमेट,मजदूरों के कोई सुराग नहीं

    मेघालय में फंसे श्रामिकों को निकालने का ऑपरेशन जारी, NDRF को मिले 3 हेलमेट,मजदूरों के कोई सुराग नहीं

    एनडीआरएफ की टीम को खनिकों के 3 हेलमेट मिले हैं. इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल 3 हेलमेट मिले हैं बचाव अभियान जारी है. उन्होंने बरामद हुए हेलमेट की तस्वीरें भी जारी की हैं.

  • Meghalaya Rescue Operation: खदान में फंसे हैं 15 मजदूर, एयरफोर्स की मदद से बचाव कार्य तेज, 10 बातें

    Meghalaya Rescue Operation: खदान में फंसे हैं 15 मजदूर, एयरफोर्स की मदद से बचाव कार्य तेज, 10 बातें

    मेघालय में एक कोयले की खदान से पानी भरने से उसमें पिछले दो सप्ताह से फंसे 15 लोगों को निकालने की कोशिशें जारी हैं. कोयला खदान में फंसे लोगों को बचाने के लिए अब एयरफोर्स भी आगे आ गया है. इतना ही नहीं, इस बचाव कार्य में मदद करने के लिए निजी पंप निर्माता कंपनी मौके पर पहुंच गए हैं. भारतीय वायु सेना और कोल इंडिया के बचावकर्मी ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में स्थित इस खदान में अब उपकरणों के साथ बचाव कार्य में जुट गए हैं. मेघालय की खदान में पिछले 15 दिनों से फंसे हुए खनिकों को बचाने के कार्य में पंप उत्पादन करने वाली दिग्गज भारतीय कंपनी किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड ने मदद की पेशकश की है. कंपनी ने खदान से पानी निकालने में जरूरी उपकरण उपलब्ध कराने को कहा है. इससे पहले किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड की दो टीम मदद के लिए बृस्पतिवार को यहां पहुंची. 

  • राहुल गांधी का निशाना: खदान में 15 मजदूर फंसे हैं और पीएम मोदी फोटो के लिए पोज दे रहे हैं, प्लीज उन्हें बचाइए

    राहुल गांधी का निशाना: खदान में 15 मजदूर फंसे हैं और पीएम मोदी फोटो के लिए पोज दे रहे हैं, प्लीज उन्हें बचाइए

    इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, '11 दिनों से 15 खनिक मेघालय के जयंतिया हिल्स में मुश्किल हालात में फंसे हुए हैं. पानी निकालने का काम तत्काल तेज किया जाना चाहिए. एक-एक मिनट महत्वपूर्ण है. मोदी सरकार की ओर से देर से प्रतिक्रिया की गई. मैं खनिकों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करने खुद को राष्ट्र के साथ शामिल करता हूं.'

  • मेघालय: दो सप्ताह से खदान में फंसे हैं 15 मजदूर, अभी तक नहीं हो पाया कोई संपर्क, बढ़ रहे पानी की वजह से रोकना पड़ा बचाव कार्य

    मेघालय: दो सप्ताह से खदान में फंसे हैं 15 मजदूर, अभी तक नहीं हो पाया कोई संपर्क, बढ़ रहे पानी की वजह से रोकना पड़ा बचाव कार्य

    जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम पिछले तीन दिनों से 100 हाउसपावर वाले पंप आने का इंतजार कर रही हैं. अधिकारियों का कहना है कि सरकार ने अभी तक पंप नहीं भेजे हैं.एनडीआरएफ के कमांडेंट एसके शास्त्री ने एनडीटीवी को बताया, 'हमें अभी तक कोई भी जिंदा और मृत नहीं मिला है. हम लोग राहत कार्य के लिए सरकार की मदद का इंतजार कर रहे हैं.' अभी तक खनिकों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है, लेकिन उनके परिवारों ने अभी भी उम्मीद नहीं खोई है.

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  • पता नहीं मजदूर जीवित हैं या नहीं मगर चमत्कार होते रहते हैं, काम जारी रखें: मेघालय मामले पर सुप्रीम कोर्ट

    पता नहीं मजदूर जीवित हैं या नहीं मगर चमत्कार होते रहते हैं, काम जारी रखें: मेघालय मामले पर सुप्रीम कोर्ट

    मेघालय में कोयला खदान में फंसे मजदूरों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार को राहत बचाव कार्य जारी रखने को कहा है.

  • जिंदा या मृत, उन्हें बाहर निकालें: सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार- मेघालय में मजदूरों का क्या हुआ, हम बचाव कार्य से संतुष्ट नहीं

    जिंदा या मृत, उन्हें बाहर निकालें: सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार- मेघालय में मजदूरों का क्या हुआ, हम बचाव कार्य से संतुष्ट नहीं

    जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच ने कहा कि अगर सरकार कदम उठा रही है तो खदान के मजदूरों का क्या हुआ? बेंच ने कहा, 'मजदूरों को खदान में फंसे हुए कितने दिन हो गए? क्या इस मामले में केंद्र, राज्य और एजेंसियों के बीज समन्वय नहीं है? क्या कोर्ट सेना को कदम उठाने के लिए आग्रह नहीं कर सकता? हम अभी तक उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं हैं. मजदूरों को बाहर निकालने के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है. अगर ये भी माना जा रहा है कि वो जिंदा हैं या नहीं तो भी उन्हें बाहर निकाला जाना चाहिए.' साथ ही जस्टिस सीकरी ने कहा कि हम प्रार्थना करते हैं कि वे सब जिंदा हैं.

  • मेघालय खदान: 19 दिन से फंसे हैं मजदूर, नेवी के गोताखोर तह तक जाने में हुए कामयाब, 10 बड़ीं बातें

    मेघालय खदान: 19 दिन से फंसे हैं मजदूर, नेवी के गोताखोर तह तक जाने में हुए कामयाब, 10 बड़ीं बातें

    भारतीय नौसेना के गोताखोर सोमवार को फिर से मेघालय की उस बाढ़ग्रस्त खदान में घुसे जहां 15 खदानकर्मी फंसे हुए हैं. नेवी के गोताखोर खदान की तह तक पहुंचने में कामयाब रहे, लेकिन उन्हें वहां फंसा हुआ कोई भी मजदूर नजर नहीं आया. गोताखोरों का कहना है कि शाफ्ट के अंदर जलस्तर 30 मीटर की सुरक्षित गोताखोरी सीमा तक घटने के बाद ही खोजबीन सहज हो पाएगी. अभियान के प्रवक्ता आर सुस्नगी ने कहा कि अभियान के 18वें दिन नौसेना के गोताखोर उच्च तकनीकी उपकरण ‘अंडर वॉटर रिमोटली ऑपरेटिड व्हीकल’ (यूडब्ल्यूआरओवी) के साथ तीन घंटे तक शाफ्ट के अंदर रहे लेकिन इसमें दृश्यता एक फुट रही जो बहुत कम है.

  • मेघालय: मजदूरों को बचाने आए गोताखोर भी नहीं उतर पा रहे हैं खदान में, जानें 10 बड़ी बातें

    मेघालय: मजदूरों को बचाने आए गोताखोर भी नहीं उतर पा रहे हैं खदान में, जानें 10 बड़ी बातें

    एनडीआरएफ के कर्मी हादसे के एक दिन बाद 14 दिसंबर से खदान में बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं. पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित इस खदान में 13 दिसंबर को पानी भर गया था जब पास की लितेन नदी का पानी इसमें घुस गया था जिससे 15 खनिक अंदर ही फंसे रह गए. राहत और बचाव कार्य में कई संस्थाओं ने आगे हाथ बढ़ाया लेकिन समय बीतने के साथ श्रामिकों को बचाने की चुनौती बढ़ती जा रही है.

  • मेघालय में फंसे श्रामिकों को निकालने का ऑपरेशन जारी, NDRF को मिले 3 हेलमेट,मजदूरों के कोई सुराग नहीं

    मेघालय में फंसे श्रामिकों को निकालने का ऑपरेशन जारी, NDRF को मिले 3 हेलमेट,मजदूरों के कोई सुराग नहीं

    एनडीआरएफ की टीम को खनिकों के 3 हेलमेट मिले हैं. इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल 3 हेलमेट मिले हैं बचाव अभियान जारी है. उन्होंने बरामद हुए हेलमेट की तस्वीरें भी जारी की हैं.

  • Meghalaya Rescue Operation: खदान में फंसे हैं 15 मजदूर, एयरफोर्स की मदद से बचाव कार्य तेज, 10 बातें

    Meghalaya Rescue Operation: खदान में फंसे हैं 15 मजदूर, एयरफोर्स की मदद से बचाव कार्य तेज, 10 बातें

    मेघालय में एक कोयले की खदान से पानी भरने से उसमें पिछले दो सप्ताह से फंसे 15 लोगों को निकालने की कोशिशें जारी हैं. कोयला खदान में फंसे लोगों को बचाने के लिए अब एयरफोर्स भी आगे आ गया है. इतना ही नहीं, इस बचाव कार्य में मदद करने के लिए निजी पंप निर्माता कंपनी मौके पर पहुंच गए हैं. भारतीय वायु सेना और कोल इंडिया के बचावकर्मी ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में स्थित इस खदान में अब उपकरणों के साथ बचाव कार्य में जुट गए हैं. मेघालय की खदान में पिछले 15 दिनों से फंसे हुए खनिकों को बचाने के कार्य में पंप उत्पादन करने वाली दिग्गज भारतीय कंपनी किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड ने मदद की पेशकश की है. कंपनी ने खदान से पानी निकालने में जरूरी उपकरण उपलब्ध कराने को कहा है. इससे पहले किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड की दो टीम मदद के लिए बृस्पतिवार को यहां पहुंची. 

  • राहुल गांधी का निशाना: खदान में 15 मजदूर फंसे हैं और पीएम मोदी फोटो के लिए पोज दे रहे हैं, प्लीज उन्हें बचाइए

    राहुल गांधी का निशाना: खदान में 15 मजदूर फंसे हैं और पीएम मोदी फोटो के लिए पोज दे रहे हैं, प्लीज उन्हें बचाइए

    इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, '11 दिनों से 15 खनिक मेघालय के जयंतिया हिल्स में मुश्किल हालात में फंसे हुए हैं. पानी निकालने का काम तत्काल तेज किया जाना चाहिए. एक-एक मिनट महत्वपूर्ण है. मोदी सरकार की ओर से देर से प्रतिक्रिया की गई. मैं खनिकों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करने खुद को राष्ट्र के साथ शामिल करता हूं.'

  • मेघालय: दो सप्ताह से खदान में फंसे हैं 15 मजदूर, अभी तक नहीं हो पाया कोई संपर्क, बढ़ रहे पानी की वजह से रोकना पड़ा बचाव कार्य

    मेघालय: दो सप्ताह से खदान में फंसे हैं 15 मजदूर, अभी तक नहीं हो पाया कोई संपर्क, बढ़ रहे पानी की वजह से रोकना पड़ा बचाव कार्य

    जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम पिछले तीन दिनों से 100 हाउसपावर वाले पंप आने का इंतजार कर रही हैं. अधिकारियों का कहना है कि सरकार ने अभी तक पंप नहीं भेजे हैं.एनडीआरएफ के कमांडेंट एसके शास्त्री ने एनडीटीवी को बताया, 'हमें अभी तक कोई भी जिंदा और मृत नहीं मिला है. हम लोग राहत कार्य के लिए सरकार की मदद का इंतजार कर रहे हैं.' अभी तक खनिकों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है, लेकिन उनके परिवारों ने अभी भी उम्मीद नहीं खोई है.

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