Dushyant Kumar Death Anniversary
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आज का इतिहास: 30 दिसंबर को ही संसार से विदा हुए थे दुष्यंत कुमार, कई प्रमुख घटनाएं हैं दर्ज
- Monday December 30, 2019
इतिहास में 30 दिसंबर (December 30) का दिन कई घटनाओं के साथ दर्ज है. सन 1975 में आज ही के दिन हिन्दी कवि, कथाकार और ग़ज़लकार दुष्यंत कुमार (Dushyant Kumar) इस संसार से विदा हुए थे. दुष्यंत कुमार ही थे जिन्होंने हिंदी ग़ज़ल को नई पहचान दी और उसे शिखर तक पहुंचाया. 1975 में प्रकाशित हुआ उनका ग़ज़ल संग्रह 'साये में धूप' आज भी काफी लोकप्रिय है. इसकी ग़ज़लें इतनी लोकप्रिय हैं कि उसके कई शेरों का लोग आज भी इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा आज के इतिहास में कई और महत्वपूर्ण घटनाएं दर्ज हैं, इनमें एक मजेदार घटना भी शामिल है.
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वास्तविकता के धरातल से कल्पनाओं के आसमां को छू लेते थे दुष्यंत कुमार...
- Friday September 1, 2017
हाथों में अंगारों को लिये उनकी तासरी पूछने वाला, पीर पर्वत से किसी गंगा के निकलने की उम्मीद रखने वाला, हिंदी का कवि और शायर दुष्यंत कुमार उस समय में पाठकों के मन-मष्तिष्क में जगह बनाने में सक्षम हुआ था, जब शायरी में क़ैफ़ भोपाली, गूढ़ हिन्दी कविताओं में अज्ञेय और मुक्तिबोध, नागार्जुन और धूमिल तो आम जनता के काव्य पर राज करते थे. दुष्यंत हिंदी ग़ज़ल का सशक्त हस्ताक्षर हैं.
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आज का इतिहास: 30 दिसंबर को ही संसार से विदा हुए थे दुष्यंत कुमार, कई प्रमुख घटनाएं हैं दर्ज
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इतिहास में 30 दिसंबर (December 30) का दिन कई घटनाओं के साथ दर्ज है. सन 1975 में आज ही के दिन हिन्दी कवि, कथाकार और ग़ज़लकार दुष्यंत कुमार (Dushyant Kumar) इस संसार से विदा हुए थे. दुष्यंत कुमार ही थे जिन्होंने हिंदी ग़ज़ल को नई पहचान दी और उसे शिखर तक पहुंचाया. 1975 में प्रकाशित हुआ उनका ग़ज़ल संग्रह 'साये में धूप' आज भी काफी लोकप्रिय है. इसकी ग़ज़लें इतनी लोकप्रिय हैं कि उसके कई शेरों का लोग आज भी इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा आज के इतिहास में कई और महत्वपूर्ण घटनाएं दर्ज हैं, इनमें एक मजेदार घटना भी शामिल है.
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