Dharmendra Kumar Singh Blog
- सब
- ख़बरें
-
‘रेवड़ी राजनीति’ की गिरफ्त में क्यों हैं वोटर, किस पार्टी का होगा बेड़ा पार?
- Tuesday November 21, 2023
- धर्मेंद्र सिंह
इस बार के विधानसभा चुनाव मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में वोटरों को लुभाने के लिए घोषणाओं की बरसात हो गई है. सारी पार्टी की घोषणाओं का लब्बोलुआब है, किसान की कर्ज माफी, धान और गेहूं की खरीदारी की कीमत बढ़ाना, सस्ता सिलेंडर, मुफ्त बिजली, किसान सम्मान निधि बढ़ाने, मुफ्त राशन बढ़ाने का है.
- ndtv.in
-
मैं और मेरा प्रिय रंग
- Tuesday October 31, 2017
- धर्मेंद्र सिंह
रंगों का प्रबल आकर्षण मनुष्य के लिए कितनी सहज परिघटना है. उसकी सौन्दर्यानुभूति का स्थूल प्रकटन रंगों में उसकी रुचि से अभिन्न है. हर रंग एक मनोदशा है. आशा-निराशा, उल्लास-अवसाद, पराक्रम-पराजय, करुणा-क्रूरता, राग-विराग, सबका एक रंग है. प्रेम में होना दरसअल किसी रंग में होना है. घृणा और युयुत्सा में होना भी किसी रंग में होना है. शायद तभी कलाविदों ने अभिव्यक्ति के अभिनय-रूप को रंगमंच कहा होगा.
- ndtv.in
-
दुष्यंत कुमार की स्मृति में : साधारण जन-जीवन की असाधारण शायरी
- Friday September 1, 2017
- धर्मेंद्र सिंह
दुष्यंत की गजलों और कविताओं में भारतीय समाज की अभाव-वेदना और दुर्बल वर्गों की निरुपायता के इतने 'मंजर' भरे पड़े हैं कि लगता है कि खुद दुष्यंत कुमार ने अपने दौर को उन्हीं की नजरों से जिया था. यही कारण है कि सरल हिंदी में कलमबद्ध उनकी गजलें हर उस व्यक्ति और समूह के लिए नारों में तब्दील हो गईं जो परिवर्तनकामी था. अपने परिवेश की बुनियाद को हिलाने की आरजू लिए था.
- ndtv.in
-
जवाहर बाग को लेकर रवीश कुमार के विचारों पर एक IPS अफसर का जवाबी खत
- Monday June 6, 2016
- Dharmendra Singh
'धीरे-धीरे' की गति का उत्तरदायी कौन है। शायद अकेली कोई एक इकाई तो नहीं ही होगी। विश्लेषण आप करें। हमें इसका 'अधिकार' नहीं है। जो लिख दिया, वह भी जोखिम भरा है, पर मुकुल और संतोष के जोखिम के आगे तो नगण्य ही है।
- ndtv.in
-
‘रेवड़ी राजनीति’ की गिरफ्त में क्यों हैं वोटर, किस पार्टी का होगा बेड़ा पार?
- Tuesday November 21, 2023
- धर्मेंद्र सिंह
इस बार के विधानसभा चुनाव मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में वोटरों को लुभाने के लिए घोषणाओं की बरसात हो गई है. सारी पार्टी की घोषणाओं का लब्बोलुआब है, किसान की कर्ज माफी, धान और गेहूं की खरीदारी की कीमत बढ़ाना, सस्ता सिलेंडर, मुफ्त बिजली, किसान सम्मान निधि बढ़ाने, मुफ्त राशन बढ़ाने का है.
- ndtv.in
-
मैं और मेरा प्रिय रंग
- Tuesday October 31, 2017
- धर्मेंद्र सिंह
रंगों का प्रबल आकर्षण मनुष्य के लिए कितनी सहज परिघटना है. उसकी सौन्दर्यानुभूति का स्थूल प्रकटन रंगों में उसकी रुचि से अभिन्न है. हर रंग एक मनोदशा है. आशा-निराशा, उल्लास-अवसाद, पराक्रम-पराजय, करुणा-क्रूरता, राग-विराग, सबका एक रंग है. प्रेम में होना दरसअल किसी रंग में होना है. घृणा और युयुत्सा में होना भी किसी रंग में होना है. शायद तभी कलाविदों ने अभिव्यक्ति के अभिनय-रूप को रंगमंच कहा होगा.
- ndtv.in
-
दुष्यंत कुमार की स्मृति में : साधारण जन-जीवन की असाधारण शायरी
- Friday September 1, 2017
- धर्मेंद्र सिंह
दुष्यंत की गजलों और कविताओं में भारतीय समाज की अभाव-वेदना और दुर्बल वर्गों की निरुपायता के इतने 'मंजर' भरे पड़े हैं कि लगता है कि खुद दुष्यंत कुमार ने अपने दौर को उन्हीं की नजरों से जिया था. यही कारण है कि सरल हिंदी में कलमबद्ध उनकी गजलें हर उस व्यक्ति और समूह के लिए नारों में तब्दील हो गईं जो परिवर्तनकामी था. अपने परिवेश की बुनियाद को हिलाने की आरजू लिए था.
- ndtv.in
-
जवाहर बाग को लेकर रवीश कुमार के विचारों पर एक IPS अफसर का जवाबी खत
- Monday June 6, 2016
- Dharmendra Singh
'धीरे-धीरे' की गति का उत्तरदायी कौन है। शायद अकेली कोई एक इकाई तो नहीं ही होगी। विश्लेषण आप करें। हमें इसका 'अधिकार' नहीं है। जो लिख दिया, वह भी जोखिम भरा है, पर मुकुल और संतोष के जोखिम के आगे तो नगण्य ही है।
- ndtv.in