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Blog On Nature

'Blog On Nature' - 2 News Result(s)
  • प्रकृति का सानिध्य और कोरोना काल

    प्रकृति का सानिध्य और कोरोना काल

    सुनामी रूपी कोरोना काल की इस दूसरी लहर में, मैंने अपने मानसिक दबाब को प्रकृति के नजदीक रखकर कैसे दूर किया? सरकार द्वारा जब पूर्ण लॉकडाउन की तिथि की घोषणा हुई, तो उस समय चारों तरफ बहुत ही भयाभय और पीड़ादायक स्थिति निर्मित हो रही थी, क्योंकि हम सक्षम होकर भी अपने लोगों की मदद नहीं कर पा रहे थे. यह सब देखकर मेरा मन भी काफी विचलित हुआ, जिसके कारण धीरे-धीरे मानसिक तनाव की स्थिति निर्मित हुई और यह हर किसी के साथ स्वाभाविक है क्योंकि इन्सान एक प्राणी है, जो मानवीय संवेदनाओं को भलीभांति महसूस कर सकता है. घर की चार-दीवारी में कैद होकर इन्सान मन ही मन कुंठित होता रहता है और परिणाम मानसिक तनाव की स्थिति निर्मित होती है.

  • एक राह जो ले जाती है प्रकृति से स्वयं की ओर

    एक राह जो ले जाती है प्रकृति से स्वयं की ओर

    अगर यह चेतना ईश्वर है तो यही ज्ञात होता है कि ईश्वर भी सर्वव्यापी है. वह फूलों, पेड़ों, जानवरों, नदियों, हवाओं, बादलों की गर्जन में, चिड़ियों के गीतों में, बहार में, मोर के नृत्य में, हम सभी में है. हम सभी परस्पर हैं.

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  • प्रकृति का सानिध्य और कोरोना काल

    प्रकृति का सानिध्य और कोरोना काल

    सुनामी रूपी कोरोना काल की इस दूसरी लहर में, मैंने अपने मानसिक दबाब को प्रकृति के नजदीक रखकर कैसे दूर किया? सरकार द्वारा जब पूर्ण लॉकडाउन की तिथि की घोषणा हुई, तो उस समय चारों तरफ बहुत ही भयाभय और पीड़ादायक स्थिति निर्मित हो रही थी, क्योंकि हम सक्षम होकर भी अपने लोगों की मदद नहीं कर पा रहे थे. यह सब देखकर मेरा मन भी काफी विचलित हुआ, जिसके कारण धीरे-धीरे मानसिक तनाव की स्थिति निर्मित हुई और यह हर किसी के साथ स्वाभाविक है क्योंकि इन्सान एक प्राणी है, जो मानवीय संवेदनाओं को भलीभांति महसूस कर सकता है. घर की चार-दीवारी में कैद होकर इन्सान मन ही मन कुंठित होता रहता है और परिणाम मानसिक तनाव की स्थिति निर्मित होती है.

  • एक राह जो ले जाती है प्रकृति से स्वयं की ओर

    एक राह जो ले जाती है प्रकृति से स्वयं की ओर

    अगर यह चेतना ईश्वर है तो यही ज्ञात होता है कि ईश्वर भी सर्वव्यापी है. वह फूलों, पेड़ों, जानवरों, नदियों, हवाओं, बादलों की गर्जन में, चिड़ियों के गीतों में, बहार में, मोर के नृत्य में, हम सभी में है. हम सभी परस्पर हैं.