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जब नहीं मिला भीख मांगने वाली की अर्थी को कंधा, तो विधायक ने बेटे-भतीजे संग किया अंतिम संस्कार
- Sunday August 5, 2018
- NDTVKhabar News Desk
ओडिशा के झारसुगुडा में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसके दो पक्ष हैं. एक पक्ष जहां मानवता और इंसानियत की मिसाल पेश करती है, वहीं दूसरा पक्ष समाज की असंवेदनशीलता का काला स्याह उजागर करती है. दरअसल, ओडिशा के झारसुगुडा में बीजेडी विधायक रमेश पटुआ ने मानवता की मिसाल पेश की है. बीजेडी विधायक रमेश ने वह काम किया, जिसे करने से समाज के लोगों ने जाति से बहिष्कृत होने की डर से मना कर दिया. विधायक रमेश पटुआ ने उस बेसहारा महिला के शव को कांधा दिया और उसका अंतिम संस्कार किया, जिसे कांधा देने से पूरे समाज के लोग इनकार कर चुके थे. वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्हें समाज से निकाले जाने का डर था कि अगर वह उस महिला के शव को कांधा देंगे और उसके जनाजे में शामिल होंगे तो उन्हें अपनी जाति और समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा.
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ndtv.in
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जब नहीं मिला भीख मांगने वाली की अर्थी को कंधा, तो विधायक ने बेटे-भतीजे संग किया अंतिम संस्कार
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ओडिशा के झारसुगुडा में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसके दो पक्ष हैं. एक पक्ष जहां मानवता और इंसानियत की मिसाल पेश करती है, वहीं दूसरा पक्ष समाज की असंवेदनशीलता का काला स्याह उजागर करती है. दरअसल, ओडिशा के झारसुगुडा में बीजेडी विधायक रमेश पटुआ ने मानवता की मिसाल पेश की है. बीजेडी विधायक रमेश ने वह काम किया, जिसे करने से समाज के लोगों ने जाति से बहिष्कृत होने की डर से मना कर दिया. विधायक रमेश पटुआ ने उस बेसहारा महिला के शव को कांधा दिया और उसका अंतिम संस्कार किया, जिसे कांधा देने से पूरे समाज के लोग इनकार कर चुके थे. वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्हें समाज से निकाले जाने का डर था कि अगर वह उस महिला के शव को कांधा देंगे और उसके जनाजे में शामिल होंगे तो उन्हें अपनी जाति और समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा.
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