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Bird Watching

'Bird Watching' - 4 News Result(s)
  • Explainer: शांति का प्रतीक और संदेश वाहक, लेकिन बीमारियां भी फैलाता है कबूतर

    Explainer: शांति का प्रतीक और संदेश वाहक, लेकिन बीमारियां भी फैलाता है कबूतर

    कुदरत यानी प्रकृति का अपना एक डिज़ाइन है, काम करने का नैसर्गिक तरीका जो लाखों करोड़ों साल में विकसित होता रहा. कुदरत के इस डिज़ाइन के साथ जाने-अनजाने हम जो छेड़छाड़ करते हैं वो देर सबेर पलटकर हमें ही परेशान करती है. इसके हज़ारों उदाहरण भरे पड़े हैं. हम ज़िक्र कर रहे हैं ऐसे ही एक उदाहरण का जिससे शायद ही कोई अनजान हो, ये हैं कबूतर. नीली आभा लिए स्लेटी रंग के कबूतर जिन्हें रॉक पीजन (Rock Pigeon) या वैज्ञानिक भाषा में Columba livia कहा जाता है. 

  • जब नन्हा हाथी भि‍ड़ गया छोटे-छोटे पक्षि‍यों से, खानी पड़ी मुंह की!

    जब नन्हा हाथी भि‍ड़ गया छोटे-छोटे पक्षि‍यों से, खानी पड़ी मुंह की!

    इस नन्हे हाथी की मां भी पास खड़ी उसे देख रही है. नन्हे हाथी का यह मस्ती भरा वीडियो आपको भी गुदगुदा देगा. वह पक्षि‍यों के पीछे तब तक भागता है, जब तक कि गिर नहीं जाता.

  • करनी है टेंशन दूर, तो लें पक्षियों का सहारा

    करनी है टेंशन दूर, तो लें पक्षियों का सहारा

    एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि अगर आप पेड़ों, झाड़ियों और चिड़ियों की चहचहाहट वाले पड़ोस में रहते हैं तो आपके तनावग्रस्त या बैचैन होने की संभावना कम हो जाती है. एक्सेस्टर यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश ट्रस्ट फॉर ऑर्निथोलॉजी व क्वींसलैंड यूनिविर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, जिन लोगों ने अपराह्न में कई पक्षियों को देखा उनमें अवसाद तनाव और बैचैनी देखी गई.

  • गौरव की गाथा : जी भर के देखा, न कुछ बात की

    बर्ड वॉचिंग... इन लफ्ज़ों का इस्तेमाल कॉलेज के ज़माने में हम खूब करते थे। तब छिछोरेपन का नफ़ासत से इज़हार करने का यही तरीक़ा था। फिर कॉलेज से निकलकर अख़बार में आया ही था कि एक दिन कहा गया बर्ड वॉचिंग कैंप की रिपोर्टिंग पर जाओ।

'Bird Watching' - 4 News Result(s)
  • Explainer: शांति का प्रतीक और संदेश वाहक, लेकिन बीमारियां भी फैलाता है कबूतर

    Explainer: शांति का प्रतीक और संदेश वाहक, लेकिन बीमारियां भी फैलाता है कबूतर

    कुदरत यानी प्रकृति का अपना एक डिज़ाइन है, काम करने का नैसर्गिक तरीका जो लाखों करोड़ों साल में विकसित होता रहा. कुदरत के इस डिज़ाइन के साथ जाने-अनजाने हम जो छेड़छाड़ करते हैं वो देर सबेर पलटकर हमें ही परेशान करती है. इसके हज़ारों उदाहरण भरे पड़े हैं. हम ज़िक्र कर रहे हैं ऐसे ही एक उदाहरण का जिससे शायद ही कोई अनजान हो, ये हैं कबूतर. नीली आभा लिए स्लेटी रंग के कबूतर जिन्हें रॉक पीजन (Rock Pigeon) या वैज्ञानिक भाषा में Columba livia कहा जाता है. 

  • जब नन्हा हाथी भि‍ड़ गया छोटे-छोटे पक्षि‍यों से, खानी पड़ी मुंह की!

    जब नन्हा हाथी भि‍ड़ गया छोटे-छोटे पक्षि‍यों से, खानी पड़ी मुंह की!

    इस नन्हे हाथी की मां भी पास खड़ी उसे देख रही है. नन्हे हाथी का यह मस्ती भरा वीडियो आपको भी गुदगुदा देगा. वह पक्षि‍यों के पीछे तब तक भागता है, जब तक कि गिर नहीं जाता.

  • करनी है टेंशन दूर, तो लें पक्षियों का सहारा

    करनी है टेंशन दूर, तो लें पक्षियों का सहारा

    एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि अगर आप पेड़ों, झाड़ियों और चिड़ियों की चहचहाहट वाले पड़ोस में रहते हैं तो आपके तनावग्रस्त या बैचैन होने की संभावना कम हो जाती है. एक्सेस्टर यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश ट्रस्ट फॉर ऑर्निथोलॉजी व क्वींसलैंड यूनिविर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, जिन लोगों ने अपराह्न में कई पक्षियों को देखा उनमें अवसाद तनाव और बैचैनी देखी गई.

  • गौरव की गाथा : जी भर के देखा, न कुछ बात की

    बर्ड वॉचिंग... इन लफ्ज़ों का इस्तेमाल कॉलेज के ज़माने में हम खूब करते थे। तब छिछोरेपन का नफ़ासत से इज़हार करने का यही तरीक़ा था। फिर कॉलेज से निकलकर अख़बार में आया ही था कि एक दिन कहा गया बर्ड वॉचिंग कैंप की रिपोर्टिंग पर जाओ।