नई दिल्ली:
एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि अगर आप पेड़ों, झाड़ियों और चिड़ियों की चहचहाहट वाले पड़ोस में रहते हैं तो आपके तनावग्रस्त या बैचैन होने की संभावना कम हो जाती है. एक्सेस्टर यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश ट्रस्ट फॉर ऑर्निथोलॉजी व क्वींसलैंड यूनिविर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, जिन लोगों ने अपराह्न में कई पक्षियों को देखा उनमें अवसाद तनाव और बैचैनी देखी गई.
बायोसाइंस पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन से पता चला कि जो अपने घरों के आसपास पक्षियों, झाड़ियों और पेड़ों को देखने में सक्षम हैं उनके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलता है.
एक्सेस्टर यूनिवर्सिटी के डेनियल कॉक्स ने कहा, "इस अध्ययन से पता चलता है कि प्रकृति के कुछ घटक हमारे मानसिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. घर के आसपास मौजूद पक्षी और सामान्य प्रकृति हमारे स्वास्थ्य को सही रखने, शहरों में स्वस्थ वातावरण रखने और रहने वाले माहौल को खुशनुमा बनाए रखने का प्रमुख संकेत दर्शाती है."
कॉक्स द्वावा किए गए हालिया अध्ययन से यह भी पता चला कि पक्षियों को निहारने से लोग सुकून महसूस करते हैं और प्रकृति से जुड़ाव महसूस करते हैं.
बायोसाइंस पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन से पता चला कि जो अपने घरों के आसपास पक्षियों, झाड़ियों और पेड़ों को देखने में सक्षम हैं उनके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलता है.
एक्सेस्टर यूनिवर्सिटी के डेनियल कॉक्स ने कहा, "इस अध्ययन से पता चलता है कि प्रकृति के कुछ घटक हमारे मानसिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. घर के आसपास मौजूद पक्षी और सामान्य प्रकृति हमारे स्वास्थ्य को सही रखने, शहरों में स्वस्थ वातावरण रखने और रहने वाले माहौल को खुशनुमा बनाए रखने का प्रमुख संकेत दर्शाती है."
कॉक्स द्वावा किए गए हालिया अध्ययन से यह भी पता चला कि पक्षियों को निहारने से लोग सुकून महसूस करते हैं और प्रकृति से जुड़ाव महसूस करते हैं.
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