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शर्ट के 3 बटन खुले देख मेट्रो में चढ़ने से रोका, सोशल मीडिया पर फूटा पब्लिक का गुस्सा
- Wednesday April 10, 2024
- Written by: शालिनी सेंगर
हाल ही में एक यात्री को मेट्रो में चढ़ने से रोका दिया गया, इसके पीछे की वजह थी शर्ट के खुले तीन बटन. पोस्ट के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा.
- ndtv.in
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"गंदे कपड़ों" की वजह से किसान को बेंगलुरु मेट्रो में चढ़ने से रोका, मानवाधिकार आयोग ने नोटिस जारी कर मांगी रिपोर्ट
- Wednesday February 28, 2024
- Edited by: सचिन झा शेखर
NHRC ने इस घटना का जिक्र करते हुए अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X अकाउंट पर लिखा है, "एनएचआरसी ने एक किसान को उसके गंदे कपड़ों की वजह से एक अधिकारी द्वारा मेट्रो ट्रेन में चढ़ने से रोकने की घटना का स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग का मानना है कि किसी को उसके कपड़ों की वजह से पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल से नहीं रोका जा सकता"
- ndtv.in
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धोती पहने और सिर पर गठरी लिए था बुजुर्ग, सिक्योरिटी ने मेट्रो के लायक न बताकर चढ़ने से रोका, जब Video वायरल हुआ तो...
- Tuesday February 27, 2024
- Written by: संज्ञा सिंह
बेंगलुरु (Bengaluru) में हिंदी भाषा बोलने वाले एक बुजुर्ग को उसके कपड़ों की वजह से मेट्रो (Metro) में चढ़ने से रोक दिया गया. स्टाफ का कहना था कि, बुजुर्ग शख्स (Elderly Man) के कपड़े मेट्रो में चढ़ने के लिए सही नहीं थे.
- ndtv.in
-
बेंगलुरु में निर्माणाधीन मेट्रो का पिलर कैसे गिरा? किसकी लापरवाही? पढ़ें NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट
- Tuesday January 10, 2023
- Reported by: नेहाल किदवई, Written by: अंजलि कर्मकार
NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे मामले में बीएमआरसी की बड़ी लापरवाही सामने आई है. पिलर खड़ा करने के बाद इसकी मजबूती और बाकी चीजों की जांच की गई थी. इसके बाद भी ये पिलर कैसे गिरा, ये बड़ा सवाल है.
- ndtv.in
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बेंगलुरु : कन्नड़ संगठनों की धमकी के बाद मेट्रो स्टेशन का हिंदी में लिखा नाम छुपाया गया
- Monday July 3, 2017
- Reported by: नेहाल किदवई, Edited by: सूर्यकांत पाठक
बेंगलुरु के कुछ मेट्रो स्टेशनों पर हिंदी में उस जगह के नाम को कागज और टेप की मदद से छुपा दिया गया है. चिकपेट मेट्रो स्टेशन हाल ही में खुला है. दूसरे स्टेशनों की ही तरह इसका नाम भी हिंदी, अंग्रेजी और कन्नड़ भाषा में लिखा हुआ था. लेकिन रविवार की शाम को अचानक हिंदी में लिखी इबारत कागज और टेप की मदद से छुपा दी गई.
- ndtv.in
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शर्ट के 3 बटन खुले देख मेट्रो में चढ़ने से रोका, सोशल मीडिया पर फूटा पब्लिक का गुस्सा
- Wednesday April 10, 2024
- Written by: शालिनी सेंगर
हाल ही में एक यात्री को मेट्रो में चढ़ने से रोका दिया गया, इसके पीछे की वजह थी शर्ट के खुले तीन बटन. पोस्ट के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा.
- ndtv.in
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"गंदे कपड़ों" की वजह से किसान को बेंगलुरु मेट्रो में चढ़ने से रोका, मानवाधिकार आयोग ने नोटिस जारी कर मांगी रिपोर्ट
- Wednesday February 28, 2024
- Edited by: सचिन झा शेखर
NHRC ने इस घटना का जिक्र करते हुए अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X अकाउंट पर लिखा है, "एनएचआरसी ने एक किसान को उसके गंदे कपड़ों की वजह से एक अधिकारी द्वारा मेट्रो ट्रेन में चढ़ने से रोकने की घटना का स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग का मानना है कि किसी को उसके कपड़ों की वजह से पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल से नहीं रोका जा सकता"
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धोती पहने और सिर पर गठरी लिए था बुजुर्ग, सिक्योरिटी ने मेट्रो के लायक न बताकर चढ़ने से रोका, जब Video वायरल हुआ तो...
- Tuesday February 27, 2024
- Written by: संज्ञा सिंह
बेंगलुरु (Bengaluru) में हिंदी भाषा बोलने वाले एक बुजुर्ग को उसके कपड़ों की वजह से मेट्रो (Metro) में चढ़ने से रोक दिया गया. स्टाफ का कहना था कि, बुजुर्ग शख्स (Elderly Man) के कपड़े मेट्रो में चढ़ने के लिए सही नहीं थे.
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बेंगलुरु में निर्माणाधीन मेट्रो का पिलर कैसे गिरा? किसकी लापरवाही? पढ़ें NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट
- Tuesday January 10, 2023
- Reported by: नेहाल किदवई, Written by: अंजलि कर्मकार
NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे मामले में बीएमआरसी की बड़ी लापरवाही सामने आई है. पिलर खड़ा करने के बाद इसकी मजबूती और बाकी चीजों की जांच की गई थी. इसके बाद भी ये पिलर कैसे गिरा, ये बड़ा सवाल है.
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बेंगलुरु : कन्नड़ संगठनों की धमकी के बाद मेट्रो स्टेशन का हिंदी में लिखा नाम छुपाया गया
- Monday July 3, 2017
- Reported by: नेहाल किदवई, Edited by: सूर्यकांत पाठक
बेंगलुरु के कुछ मेट्रो स्टेशनों पर हिंदी में उस जगह के नाम को कागज और टेप की मदद से छुपा दिया गया है. चिकपेट मेट्रो स्टेशन हाल ही में खुला है. दूसरे स्टेशनों की ही तरह इसका नाम भी हिंदी, अंग्रेजी और कन्नड़ भाषा में लिखा हुआ था. लेकिन रविवार की शाम को अचानक हिंदी में लिखी इबारत कागज और टेप की मदद से छुपा दी गई.
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