Baloch Movement
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"जैसे ही ट्रेन रुकी...": पाकिस्तान के हाईजैक ट्रेन ड्राइवर ने एक-एक बात बताई
- Friday March 14, 2025
- Edited by: विजय शंकर पांडेय
उग्रवाद से प्रभावित बलूचिस्तान में चीन के नेतृत्व वाली प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाएं हैं. जबकि बलूच विद्रोही लंबे समय से सुरक्षा बलों, प्रतिष्ठानों और विदेशी परियोजनाओं को निशाना बनाते रहे हैं,
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कश्मीरियों के मानवाधिकार की बात करने पर पाकिस्तान को शर्म आनी चाहिए : संयुक्त राष्ट्र में बलोच
- Thursday September 12, 2019
- Written by: नीता शर्मा, Translated by: विवेक रस्तोगी
जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के बाहर बलोच आंदोलनकारियों ने टैन्ट लगा लिया, और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाज़ी की. रज़्ज़ाक बलोच ने कहा कि इस इलाके पर पाकिस्तानी सेना ने कब्ज़ा कर रखा है, और बलोचिस्तान के लोग संप्रभुता से कम पर समझौता नहीं करेंगे.
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बलूचिस्तान के संघर्ष और पाकिस्तान के फौजी दमन की पूरी कहानी
- Tuesday August 16, 2016
- हरिमोहन मिश्र
बलूचिस्तान 1948 में बेमन से या जबरन पाकिस्तान में शामिल किए जाने के बाद अपने अकूत प्राकृतिक संसाधनों की वजह से निरंतर टकराव का क्षेत्र बना हुआ है. पाकिस्तानी हुक्मरानों के प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और बाहरी आबादी को वहां बसाने के नजरिए की वजह से हाल के दौर में 2003 से यह टकराव अपने चरम पर है.
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उग्रवाद से प्रभावित बलूचिस्तान में चीन के नेतृत्व वाली प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाएं हैं. जबकि बलूच विद्रोही लंबे समय से सुरक्षा बलों, प्रतिष्ठानों और विदेशी परियोजनाओं को निशाना बनाते रहे हैं,
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कश्मीरियों के मानवाधिकार की बात करने पर पाकिस्तान को शर्म आनी चाहिए : संयुक्त राष्ट्र में बलोच
- Thursday September 12, 2019
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जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के बाहर बलोच आंदोलनकारियों ने टैन्ट लगा लिया, और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाज़ी की. रज़्ज़ाक बलोच ने कहा कि इस इलाके पर पाकिस्तानी सेना ने कब्ज़ा कर रखा है, और बलोचिस्तान के लोग संप्रभुता से कम पर समझौता नहीं करेंगे.
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- Tuesday August 16, 2016
- हरिमोहन मिश्र
बलूचिस्तान 1948 में बेमन से या जबरन पाकिस्तान में शामिल किए जाने के बाद अपने अकूत प्राकृतिक संसाधनों की वजह से निरंतर टकराव का क्षेत्र बना हुआ है. पाकिस्तानी हुक्मरानों के प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और बाहरी आबादी को वहां बसाने के नजरिए की वजह से हाल के दौर में 2003 से यह टकराव अपने चरम पर है.
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