Avalanche In Siachen
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सियाचिन: तापमान में इजाफा होने के साथ ही जवानों के लिए बढ़ रहा खतरा
- Wednesday July 20, 2016
- Reported by: सुधी रंजन सेन, Translated by: अतुल चतुर्वेदी
दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध के मैदान सियाचिन चोटी पर सैन्य बलों के जवानों को अपनी चौकियों (पोस्ट) के स्थान को बदलना पड़ रहा है। दरअसल तापमान में लगातार बदलाव के चलते ग्लेशियर के सबसे सुरक्षित स्थानों पर भी हिमस्खलन की घटनाएं हो रही हैं।
- ndtv.in
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बर्फ के नीचे से मिला सियाचिन हिमस्खलन में दबे दूसरे जवान का शव
- Sunday March 27, 2016
- Reported by: Bhasha
लद्दाख क्षेत्र में सियाचिन के तुरतुक सेक्टर में एक गश्ती दल के हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद से लापता सेना के एक जवान का शव शनिवार को बर्फ के नीचे दबा मिला। हिमस्खलन में एक और जवान लांस नायक भवन तमांग की जान चली गई, जिनका शव जल्द ही मिल गया था।
- ndtv.in
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मैंने खुद बचाया है जवानों को सियाचिन में... भुलाए नहीं भूलता वह मंजर...
- Friday February 5, 2016
- Air Vice Marshal Manmohan Bahadur VM (retd.)
जब जवान मिल जाएंगे, चीतल फिर उड़कर वहां जाएंगे, और इस बार अपने साथियों के पार्थिव शरीरों को लेने के लिए। मैं समझ सकता हूं कि उस वक्त उन पायलटों के दिमाग में क्या चल रहा होगा - वे भी उस दृश्य को कभी नहीं भूल पाएंगे, जैसे मैं 1995 में देखे उस नागा युवक के चेहरे को नहीं भूल सका हूं।
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सियाचिन: तापमान में इजाफा होने के साथ ही जवानों के लिए बढ़ रहा खतरा
- Wednesday July 20, 2016
- Reported by: सुधी रंजन सेन, Translated by: अतुल चतुर्वेदी
दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध के मैदान सियाचिन चोटी पर सैन्य बलों के जवानों को अपनी चौकियों (पोस्ट) के स्थान को बदलना पड़ रहा है। दरअसल तापमान में लगातार बदलाव के चलते ग्लेशियर के सबसे सुरक्षित स्थानों पर भी हिमस्खलन की घटनाएं हो रही हैं।
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बर्फ के नीचे से मिला सियाचिन हिमस्खलन में दबे दूसरे जवान का शव
- Sunday March 27, 2016
- Reported by: Bhasha
लद्दाख क्षेत्र में सियाचिन के तुरतुक सेक्टर में एक गश्ती दल के हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद से लापता सेना के एक जवान का शव शनिवार को बर्फ के नीचे दबा मिला। हिमस्खलन में एक और जवान लांस नायक भवन तमांग की जान चली गई, जिनका शव जल्द ही मिल गया था।
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मैंने खुद बचाया है जवानों को सियाचिन में... भुलाए नहीं भूलता वह मंजर...
- Friday February 5, 2016
- Air Vice Marshal Manmohan Bahadur VM (retd.)
जब जवान मिल जाएंगे, चीतल फिर उड़कर वहां जाएंगे, और इस बार अपने साथियों के पार्थिव शरीरों को लेने के लिए। मैं समझ सकता हूं कि उस वक्त उन पायलटों के दिमाग में क्या चल रहा होगा - वे भी उस दृश्य को कभी नहीं भूल पाएंगे, जैसे मैं 1995 में देखे उस नागा युवक के चेहरे को नहीं भूल सका हूं।
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