Astrazeneca Corona Vaccine
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"हमारी सहानुभूति उन लोगों के साथ..." : कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स की चिंताओं के बीच एस्ट्राजेनेका
- Wednesday May 1, 2024
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने टीके (Corona Vaccine) को "18 साल और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए सुरक्षित और प्रभावी" बताया है, जिसके प्रभाव की वजह से कानूनी कार्रवाई "बहुत दुर्लभ" हो गई है.
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कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स, वैक्सीन लेने वालों को कितना खतरा?
- Tuesday April 30, 2024
कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि इससे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) की समस्या हो सकती है. कोविशील्ड का निर्माण ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (Oxfoard University) के वैज्ञानिकों ने किया था.
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कोविशिल्ड टीका लगवाया है तो भी डरने की जरूरत नहीं है, सीरम इंस्टीट्यूट ने पहले ही दे दी थी यह जानकारी
- Tuesday April 30, 2024
भारत में कोविशिल्ड टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने अगस्त 2021 में ही यह जानकारी दे दी थी. कंपनी का कहना है कि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम एक लाख में से एक से भी कम व्यक्ति में पाए जाने की आशंका है.
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एस्ट्राजेनेका ने माना- कोविशील्ड वैक्सीन से लोगों को हो सकते हैं रेयर साइड इफेक्ट
- Tuesday April 30, 2024
कोरोना महामारी के दौरान एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया था और देश में व्यापक रूप से इसे लोगों को दिया गया था.
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एस्ट्राजेनेका टीके की तीसरी खुराक ओमिक्रॉन के खिलाफ प्रभावी: अध्ययन
- Thursday January 13, 2022
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित और भारत में कोविशील्ड के तौर पर लगाए जा रहे टीके के जारी परीक्षण में पता चला है कि इसकी तीसरी खुराक से SARS COv2 के बीटा, डेल्टा, अल्फा और गामा वेरिएंट्स के खिलाफ़ शरीर की इम्यूनिटी में इजाफा हुआ. परीक्षण के नमूनों का अलग से विश्लेषण करने पर ओमीक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ भी एंटीबॉडी तेजी से बनने की बात सामने आई. वैक्सजेवरिया या कोई mRNA टीका लगवा चुके लोगों में परिणामों का अध्ययन किया गया.
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कोरोना से लड़ने में एस्ट्राजेनेका, फाइजर टीकों के साथ अन्य टीकों का मिश्रण काफी कारगर : अध्ययन
- Tuesday December 7, 2021
अध्ययन में यह बात सामने आई कि एस्ट्राजेनेका या फाइजर टीकों की पहली खुराक के बाद दूसरी खुराक के रूप में मॉडर्ना या नोवावैक्स का टीका लगवाने से मजबूत प्रतिरोधक प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है जो कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में और मददगार हो सकती है.
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वैक्सीन की दो डोज के बाद कोविड बूस्टर की भी होगी जरूरत? AIIMS चीफ ने दिया यह जवाब
- Saturday August 21, 2021
Covid-19 Vaccine Booster: भारत में कोरोना वैक्सीन के बूस्टर जैब को लेकर एम्स प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अभी हमारे पास इसे लेकर पर्याप्त डेटा नहीं है.
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भारत सरकार के साथ मिलकर दुनिया में Covid-19 वैक्सीनेशन को रफ्तार देने की कोशिश में जुटा डब्ल्यूएचओ
- Saturday June 19, 2021
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca), सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) और भारत सरकार (Government of India) के साथ काम करने की ‘‘तत्काल’’ कोशिश कर रहा है ताकि उन देशों को कोविड-19 (Covid-19) टीकों की खेप पहुंचाना फिर से शुरू किया जा सके, जो आपूर्ति बाधित होने के कारण अपने देशवासियों को टीकों की दूसरी खुराक नहीं लगा पाए. संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
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टीके की एक खुराक Covid-19 की संचरण दर को आधा करती है : ब्रिटिश अध्ययन
- Wednesday April 28, 2021
इस अध्ययन के दौरान 24000 घरों के 57000 से ज्यादा लोगों से संपर्क किया गया जहां प्रयोगशाला से पुष्ट कोविड-19 का कम से कम एक मरीज था, जिसे टीके की एक खुराक दी जा चुकी थी, इन लोगों की तुलना टीका नहीं लगवाने वाले करीब 10 लाख लोगों से की गई.
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कोरोना वैक्सीन की एक डोज घरवालों में संक्रमण फैलने के खतरे को 50 फीसदी तक कम करने में मददगार: स्टडी
- Wednesday April 28, 2021
ब्रिटिश हेल्थ सेक्रेटरी मैट हैनकॉक ने कहा, "यह बहुत अच्छी खबर है- हम जानते हैं कि वैक्सीन लोगों की जान बचाती है और इस स्टडी के आंकड़ों से यह पता चलता है कि वैक्सीन घातक वायरस के ट्रांसमिशन को कम करने में भी मददगार है."
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रक्त के थक्के बनने की चिंता के बीच ब्रिटेन में 30 वर्ष से कम उम्र के लोगों को वैक्सीन का मिलेगा विकल्प
- Wednesday April 7, 2021
Astrazeneca की कोरोना वैक्सीन लेने के बाद खून का थक्का जमने की बढ़ती चिंताओं की बीच ये सलाह दी गई है. ब्रिटिश सरकार की वैक्सीन पर बनी सलाहकारी संस्थान ने ये सिफारिश की है.
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जर्मनी, इटली, फ्रांस ने भी रोका AstraZeneca कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल, WHO ने कहा - सुरक्षित है
- Tuesday March 16, 2021
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) तथा दवाओं पर नज़र रखने वाली यूरोपीय संस्था द्वारा एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन (AstraZeneca Corona Vaccine) के सुरक्षित होने की बात कहे जाने के बावजूद यूरोपीय यूनियन (EU) के सबसे बड़े देशों ने खून के थक्के जमने की आशंका के चलते कई अन्य मुल्कों की तरह सोमवार से एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन का इस्तेमाल बंद कर दिया है.
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कोविड-19 टीकाकरण के बाद खून के थक्के जमने पर आयरलैंड ने एस्ट्राजेनेका टीके पर लगाई रोक
- Monday March 15, 2021
बुल्गारिया के प्रधानमंत्री बोयको बोरिसोव ने मंत्रिमंडल की बैठक में कहा, ‘‘जब तक सारे संदेह दूर ना हो जाएं और विशेषज्ञ गारंटी ना दें कि लोगों को कोई खतरा नहीं है हम टीकाकरण रोक रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि यूरोपीय मेडिसीन एजेंसी द्वारा टीका को सुरक्षित बताए जाने पर ही देश में टीकाकरण शुरू किया जाएगा. थाइलैंड ने भी जांच पूरी होने तक टीके के इस्तेमाल पर रोक लगायी है जबकि रोमानिया और इटली ने खास बैच के टीके की खेप के इस्तेमाल को रोकने का फैसला किया है.
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डेनमार्क-नार्वे समेत कई देशों ने AstraZeneca की कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल पर लगाई रोक
- Thursday March 11, 2021
खून का थक्का जमने के कुछ मामलों के बाद डेनमार्क ने एस्ट्राजेनेका के इस्तेमाल पर सबसे पहले रोक लगाई थी. डेनमार्क के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसकी घोषणा की थी.
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ऑक्सफोर्ड के टीकों की खुराकों के बीच तीन महीने का अंतर बेहतर प्रभाव पैदा करता है : अध्ययन
- Saturday February 20, 2021
एक नए अध्ययन के अनुसार ऑक्सफोर्ड (Oxford) द्वारा विकसित कोविड-19 टीके (Oxford Covid Vaccine) की खुराकों के बीच अंतराल छह सप्ताह होने के बजाय तीन महीने होने से बेहतर प्रभाव पैदा होता है और इससे अधिक संख्या में लोगों को टीके लगाकर उन्हें तत्काल सुरक्षा प्रदान की जा सकती है.
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"हमारी सहानुभूति उन लोगों के साथ..." : कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स की चिंताओं के बीच एस्ट्राजेनेका
- Wednesday May 1, 2024
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने टीके (Corona Vaccine) को "18 साल और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए सुरक्षित और प्रभावी" बताया है, जिसके प्रभाव की वजह से कानूनी कार्रवाई "बहुत दुर्लभ" हो गई है.
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कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स, वैक्सीन लेने वालों को कितना खतरा?
- Tuesday April 30, 2024
कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि इससे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) की समस्या हो सकती है. कोविशील्ड का निर्माण ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (Oxfoard University) के वैज्ञानिकों ने किया था.
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कोविशिल्ड टीका लगवाया है तो भी डरने की जरूरत नहीं है, सीरम इंस्टीट्यूट ने पहले ही दे दी थी यह जानकारी
- Tuesday April 30, 2024
भारत में कोविशिल्ड टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने अगस्त 2021 में ही यह जानकारी दे दी थी. कंपनी का कहना है कि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम एक लाख में से एक से भी कम व्यक्ति में पाए जाने की आशंका है.
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एस्ट्राजेनेका ने माना- कोविशील्ड वैक्सीन से लोगों को हो सकते हैं रेयर साइड इफेक्ट
- Tuesday April 30, 2024
कोरोना महामारी के दौरान एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया था और देश में व्यापक रूप से इसे लोगों को दिया गया था.
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एस्ट्राजेनेका टीके की तीसरी खुराक ओमिक्रॉन के खिलाफ प्रभावी: अध्ययन
- Thursday January 13, 2022
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित और भारत में कोविशील्ड के तौर पर लगाए जा रहे टीके के जारी परीक्षण में पता चला है कि इसकी तीसरी खुराक से SARS COv2 के बीटा, डेल्टा, अल्फा और गामा वेरिएंट्स के खिलाफ़ शरीर की इम्यूनिटी में इजाफा हुआ. परीक्षण के नमूनों का अलग से विश्लेषण करने पर ओमीक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ भी एंटीबॉडी तेजी से बनने की बात सामने आई. वैक्सजेवरिया या कोई mRNA टीका लगवा चुके लोगों में परिणामों का अध्ययन किया गया.
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कोरोना से लड़ने में एस्ट्राजेनेका, फाइजर टीकों के साथ अन्य टीकों का मिश्रण काफी कारगर : अध्ययन
- Tuesday December 7, 2021
अध्ययन में यह बात सामने आई कि एस्ट्राजेनेका या फाइजर टीकों की पहली खुराक के बाद दूसरी खुराक के रूप में मॉडर्ना या नोवावैक्स का टीका लगवाने से मजबूत प्रतिरोधक प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है जो कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में और मददगार हो सकती है.
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वैक्सीन की दो डोज के बाद कोविड बूस्टर की भी होगी जरूरत? AIIMS चीफ ने दिया यह जवाब
- Saturday August 21, 2021
Covid-19 Vaccine Booster: भारत में कोरोना वैक्सीन के बूस्टर जैब को लेकर एम्स प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अभी हमारे पास इसे लेकर पर्याप्त डेटा नहीं है.
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भारत सरकार के साथ मिलकर दुनिया में Covid-19 वैक्सीनेशन को रफ्तार देने की कोशिश में जुटा डब्ल्यूएचओ
- Saturday June 19, 2021
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca), सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) और भारत सरकार (Government of India) के साथ काम करने की ‘‘तत्काल’’ कोशिश कर रहा है ताकि उन देशों को कोविड-19 (Covid-19) टीकों की खेप पहुंचाना फिर से शुरू किया जा सके, जो आपूर्ति बाधित होने के कारण अपने देशवासियों को टीकों की दूसरी खुराक नहीं लगा पाए. संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
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टीके की एक खुराक Covid-19 की संचरण दर को आधा करती है : ब्रिटिश अध्ययन
- Wednesday April 28, 2021
इस अध्ययन के दौरान 24000 घरों के 57000 से ज्यादा लोगों से संपर्क किया गया जहां प्रयोगशाला से पुष्ट कोविड-19 का कम से कम एक मरीज था, जिसे टीके की एक खुराक दी जा चुकी थी, इन लोगों की तुलना टीका नहीं लगवाने वाले करीब 10 लाख लोगों से की गई.
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- Wednesday April 28, 2021
ब्रिटिश हेल्थ सेक्रेटरी मैट हैनकॉक ने कहा, "यह बहुत अच्छी खबर है- हम जानते हैं कि वैक्सीन लोगों की जान बचाती है और इस स्टडी के आंकड़ों से यह पता चलता है कि वैक्सीन घातक वायरस के ट्रांसमिशन को कम करने में भी मददगार है."
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- Wednesday April 7, 2021
Astrazeneca की कोरोना वैक्सीन लेने के बाद खून का थक्का जमने की बढ़ती चिंताओं की बीच ये सलाह दी गई है. ब्रिटिश सरकार की वैक्सीन पर बनी सलाहकारी संस्थान ने ये सिफारिश की है.
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- Tuesday March 16, 2021
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कोविड-19 टीकाकरण के बाद खून के थक्के जमने पर आयरलैंड ने एस्ट्राजेनेका टीके पर लगाई रोक
- Monday March 15, 2021
बुल्गारिया के प्रधानमंत्री बोयको बोरिसोव ने मंत्रिमंडल की बैठक में कहा, ‘‘जब तक सारे संदेह दूर ना हो जाएं और विशेषज्ञ गारंटी ना दें कि लोगों को कोई खतरा नहीं है हम टीकाकरण रोक रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि यूरोपीय मेडिसीन एजेंसी द्वारा टीका को सुरक्षित बताए जाने पर ही देश में टीकाकरण शुरू किया जाएगा. थाइलैंड ने भी जांच पूरी होने तक टीके के इस्तेमाल पर रोक लगायी है जबकि रोमानिया और इटली ने खास बैच के टीके की खेप के इस्तेमाल को रोकने का फैसला किया है.
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डेनमार्क-नार्वे समेत कई देशों ने AstraZeneca की कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल पर लगाई रोक
- Thursday March 11, 2021
खून का थक्का जमने के कुछ मामलों के बाद डेनमार्क ने एस्ट्राजेनेका के इस्तेमाल पर सबसे पहले रोक लगाई थी. डेनमार्क के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसकी घोषणा की थी.
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- Saturday February 20, 2021
एक नए अध्ययन के अनुसार ऑक्सफोर्ड (Oxford) द्वारा विकसित कोविड-19 टीके (Oxford Covid Vaccine) की खुराकों के बीच अंतराल छह सप्ताह होने के बजाय तीन महीने होने से बेहतर प्रभाव पैदा होता है और इससे अधिक संख्या में लोगों को टीके लगाकर उन्हें तत्काल सुरक्षा प्रदान की जा सकती है.
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