Aparajita Sharma
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उसने कहा था, वह कभी उदास नहीं रहेगी
- Saturday October 16, 2021
- प्रियदर्शन
इन कुछ वर्षों में ही अपराजिता शर्मा के साथ आत्मीयता का एक मज़बूत धागा बहुत गहराई से जुड़ता चला गया. मैंने पाया कि वह बहुत प्रतिबद्ध क़िस्म की कलाकार है. मौजूदा राजनीतिक रुझानों के विपरीत उसने बहुत खुल कर अपनी राय बार-बार जाहिर की और अपने रेखांकनों के ज़रिए अपने हिस्से का प्रतिरोध लगातार जताया.
- ndtv.in
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कला का अपराजित संसार
- Tuesday April 17, 2018
- प्रियदर्शन
अपराजिता शर्मा हिंदी की लेखक या कवयित्री हो सकती थीं, लेकिन वे चित्रकार या कलाकार हैं. उनके मित्र उनसे पूछते भी हैं कि कुछ गंभीर साहित्य क्यों नहीं लिखती, चित्र-वित्र क्यों बनाती हो. यह दरअसल अपराजिता का नहीं, उस संसार का संकट है जो शब्दों को विचार और संवेदना की इकलौती पूंजी मानता है. बहरहाल, अपराजिता शर्मा के नाम पर पहली बार ध्यान तब गया जब उन्होंने हिंदी के लिए इमोजी की तर्ज पर हिमोजी बनाई. हालांकि तब मुझे यह ख़याल आया कि संकेत चिह्नों को भाषा की ज़रूरत क्यों हो. लेकिन धीरे-धीरे हिमोजी के संसार को ख़ुद अपराजिता पीछे छो़ड़ती दिखीं. उन्होंने वाणी प्रकाशन से प्रकाशित नीलिमा चौहान की किताब 'पतनशील पत्नियों के नोट्स' के लिए बड़ी मेहनत से इलस्ट्रेशन बनाए.
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उसने कहा था, वह कभी उदास नहीं रहेगी
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इन कुछ वर्षों में ही अपराजिता शर्मा के साथ आत्मीयता का एक मज़बूत धागा बहुत गहराई से जुड़ता चला गया. मैंने पाया कि वह बहुत प्रतिबद्ध क़िस्म की कलाकार है. मौजूदा राजनीतिक रुझानों के विपरीत उसने बहुत खुल कर अपनी राय बार-बार जाहिर की और अपने रेखांकनों के ज़रिए अपने हिस्से का प्रतिरोध लगातार जताया.
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कला का अपराजित संसार
- Tuesday April 17, 2018
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अपराजिता शर्मा हिंदी की लेखक या कवयित्री हो सकती थीं, लेकिन वे चित्रकार या कलाकार हैं. उनके मित्र उनसे पूछते भी हैं कि कुछ गंभीर साहित्य क्यों नहीं लिखती, चित्र-वित्र क्यों बनाती हो. यह दरअसल अपराजिता का नहीं, उस संसार का संकट है जो शब्दों को विचार और संवेदना की इकलौती पूंजी मानता है. बहरहाल, अपराजिता शर्मा के नाम पर पहली बार ध्यान तब गया जब उन्होंने हिंदी के लिए इमोजी की तर्ज पर हिमोजी बनाई. हालांकि तब मुझे यह ख़याल आया कि संकेत चिह्नों को भाषा की ज़रूरत क्यों हो. लेकिन धीरे-धीरे हिमोजी के संसार को ख़ुद अपराजिता पीछे छो़ड़ती दिखीं. उन्होंने वाणी प्रकाशन से प्रकाशित नीलिमा चौहान की किताब 'पतनशील पत्नियों के नोट्स' के लिए बड़ी मेहनत से इलस्ट्रेशन बनाए.
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