Amalaki Ekadashi Date And Time
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Ekadashi 2022: 14 मार्च को इन उपायों से खुल सकता है आपकी बंद किस्मत का ताला
- Thursday March 10, 2022
- Written by: शालिनी सेंगर
Ekadashi 2022 Date: फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को अमालकी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन श्री हरि के पूजन के साथ-साथ कुछ उपाय किए जाते हैं. मान्यता है कि इन उपायों को करने से जातक दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की करता है.
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Rangbhari Ekadashi: रंगभरी एकादशी पर बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि योग, जानें इस दिन क्यों होती है भोलेनाथ की पूजा
- Monday February 21, 2022
- Written by: शालिनी सेंगर, Edited by: अनु चौहान
एकादशी तिथि भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित होती है, लेकिन यह एक मात्र ऐसी एकादशी है, जिसका संबंध भगवान शिव से भी है. इस दिन भगवान श्री हरि के साथ-साथ आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है. यही नहीं रंगभरी एकादशी के दिन काशी विश्वानाथ की नगरी वाराणसी में भगवान भोलेनाथ समेत माता पार्वती की आराधना की जाती है.
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Amalaki Ekadashi 2022: आमलकी एकादशी पर क्यों की जाती है आंवले की पूजा, जानिए इसका महत्व
- Thursday March 3, 2022
- Written by: शालिनी सेंगर
पद्म पुराण के अनुसार, आंवले का वृक्ष भगवान श्री हरि विष्णु को अत्यंत प्रिय होता है. इस बार आमलकी एकादशी का व्रत 14 मार्च को रखा जाएगा. मान्यता है कि आमलकी एकादशी के दिन आंवले का उबटन, आंवले के जल से स्नान, आंवला पूजन, आंवले का भोजन और आंवले का दान करना चाहिए.
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Amalaki Ekadashi 2022: आमलकी एकादशी के दिन इस विधि से करें श्री हरि की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त
- Friday February 18, 2022
- Written by: शालिनी सेंगर
साल 2022 में आमलकी एकादशी व्रत (Amalaki Ekadashi Vrat) 14 मार्च को रखा जाएगा. इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु (Lord Vishnu) के साथ-साथ आंवला के पेड़ की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से एक हजार गौदान के फल के बराबर पुण्य मिलता है.
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Amalaki Ekadashi 2021: आमलकी एकादशी पर क्यों की जाती है आंवले की पूजा, जानिए पूजा विधि और व्रत कथा
- Thursday March 25, 2021
- Written by: नेहा फरहीन
Amalaki Ekadashi 2021 Puja Vidhi: हिन्दू पंचांग के अनुसार, आमलकी एकादशी फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष को आती है. इस बार आमलकी एकादशी 25 मार्च को है. आमलकी एकादशी का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. आमलकी यानी कि आंवला. आपको बता दें कि शास्त्रों में आंवला को श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है. मान्यता है कि श्री हरि विष्णु ने जब सृष्टि की रचना के लिए ब्रह्मा को जन्म दिया, उसी समय उन्होंने आंवले के वृक्ष को भी जन्म दिया. आंवले को भगवान विष्णु ने आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया है. इसके हर अंग में ईश्वर का स्थान माना गया है. मान्यता है कि आमलकी एकादशी के दिन आंवला और श्री हरि विष्णु की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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Amalaki Ekadashi 2021: 24 या 25 मार्च, कब है आमलकी एकादशी? जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
- Wednesday March 24, 2021
- Written by: नेहा फरहीन
Amalaki Ekadashi 2021: हिन्दू पंचांग के अनुसार, आमलकी एकादशी फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष को आती है. इस बार आमलकी एकादशी 25 मार्च को है. आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi) का हिन्दू पुराणों में विशेष महत्व है. होली (Holi) से चार दिन पहले मनाई जाने वाले इस एकादशी (Ekadashi) का पौराणिक महत्व बहुत ज्यादा है. मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. पौराणिक मान्यता है कि श्री हरि विष्णु को समर्पित इस एकादशी का व्रत करने वाले भक्त को हर कार्य में सफलता मिलती है और अंत में वे विष्णुलोक को जाते हैं. इस दिन भगवान विष्णु के साथ ही आंवले के वृक्ष की भी पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है.
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Ekadashi 2022: 14 मार्च को इन उपायों से खुल सकता है आपकी बंद किस्मत का ताला
- Thursday March 10, 2022
- Written by: शालिनी सेंगर
Ekadashi 2022 Date: फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को अमालकी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन श्री हरि के पूजन के साथ-साथ कुछ उपाय किए जाते हैं. मान्यता है कि इन उपायों को करने से जातक दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की करता है.
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Rangbhari Ekadashi: रंगभरी एकादशी पर बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि योग, जानें इस दिन क्यों होती है भोलेनाथ की पूजा
- Monday February 21, 2022
- Written by: शालिनी सेंगर, Edited by: अनु चौहान
एकादशी तिथि भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित होती है, लेकिन यह एक मात्र ऐसी एकादशी है, जिसका संबंध भगवान शिव से भी है. इस दिन भगवान श्री हरि के साथ-साथ आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है. यही नहीं रंगभरी एकादशी के दिन काशी विश्वानाथ की नगरी वाराणसी में भगवान भोलेनाथ समेत माता पार्वती की आराधना की जाती है.
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Amalaki Ekadashi 2022: आमलकी एकादशी पर क्यों की जाती है आंवले की पूजा, जानिए इसका महत्व
- Thursday March 3, 2022
- Written by: शालिनी सेंगर
पद्म पुराण के अनुसार, आंवले का वृक्ष भगवान श्री हरि विष्णु को अत्यंत प्रिय होता है. इस बार आमलकी एकादशी का व्रत 14 मार्च को रखा जाएगा. मान्यता है कि आमलकी एकादशी के दिन आंवले का उबटन, आंवले के जल से स्नान, आंवला पूजन, आंवले का भोजन और आंवले का दान करना चाहिए.
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Amalaki Ekadashi 2022: आमलकी एकादशी के दिन इस विधि से करें श्री हरि की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त
- Friday February 18, 2022
- Written by: शालिनी सेंगर
साल 2022 में आमलकी एकादशी व्रत (Amalaki Ekadashi Vrat) 14 मार्च को रखा जाएगा. इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु (Lord Vishnu) के साथ-साथ आंवला के पेड़ की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से एक हजार गौदान के फल के बराबर पुण्य मिलता है.
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Amalaki Ekadashi 2021: आमलकी एकादशी पर क्यों की जाती है आंवले की पूजा, जानिए पूजा विधि और व्रत कथा
- Thursday March 25, 2021
- Written by: नेहा फरहीन
Amalaki Ekadashi 2021 Puja Vidhi: हिन्दू पंचांग के अनुसार, आमलकी एकादशी फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष को आती है. इस बार आमलकी एकादशी 25 मार्च को है. आमलकी एकादशी का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. आमलकी यानी कि आंवला. आपको बता दें कि शास्त्रों में आंवला को श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है. मान्यता है कि श्री हरि विष्णु ने जब सृष्टि की रचना के लिए ब्रह्मा को जन्म दिया, उसी समय उन्होंने आंवले के वृक्ष को भी जन्म दिया. आंवले को भगवान विष्णु ने आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया है. इसके हर अंग में ईश्वर का स्थान माना गया है. मान्यता है कि आमलकी एकादशी के दिन आंवला और श्री हरि विष्णु की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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Amalaki Ekadashi 2021: 24 या 25 मार्च, कब है आमलकी एकादशी? जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
- Wednesday March 24, 2021
- Written by: नेहा फरहीन
Amalaki Ekadashi 2021: हिन्दू पंचांग के अनुसार, आमलकी एकादशी फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष को आती है. इस बार आमलकी एकादशी 25 मार्च को है. आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi) का हिन्दू पुराणों में विशेष महत्व है. होली (Holi) से चार दिन पहले मनाई जाने वाले इस एकादशी (Ekadashi) का पौराणिक महत्व बहुत ज्यादा है. मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. पौराणिक मान्यता है कि श्री हरि विष्णु को समर्पित इस एकादशी का व्रत करने वाले भक्त को हर कार्य में सफलता मिलती है और अंत में वे विष्णुलोक को जाते हैं. इस दिन भगवान विष्णु के साथ ही आंवले के वृक्ष की भी पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है.
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