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Aditya L1 Spacecraft

'Aditya L1 Spacecraft' - 4 News Result(s)
  • आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान अपने अंतिम चरण के निकट : ISRO प्रमुख सोमनाथ

    आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान अपने अंतिम चरण के निकट : ISRO प्रमुख सोमनाथ

    इसरो के अनुसार, ‘आदित्य-एल1’ सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला है. अंतरिक्ष यान 125 दिन में पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करने के बाद लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1’ के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित होगा.

  • Aditya-L1 ने चौथी बार सफलतापूर्वक कक्षा परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी की: ISRO

    Aditya-L1 ने चौथी बार सफलतापूर्वक कक्षा परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी की: ISRO

    अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) से ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘चौथी बार पृथ्वी की कक्षा परिवर्तन की प्रक्रिया (ईबीएन-4) को सफलतापूर्वक निष्पादित किया गया. मॉरीशस, बेंगलुरु, एसडीएससी-एसएचएआर और पोर्ट ब्लेयर में इसरो के ‘ग्राउंड स्टेशनों’ ने इस अभियान (Mission) के दौरान उपग्रह की निगरानी की.’’

  • इसरो का सूर्य मिशन आदित्य-एल1, लक्ष्‍य तक पहुंचने में लगेंगे 125 दिन

    इसरो का सूर्य मिशन आदित्य-एल1, लक्ष्‍य तक पहुंचने में लगेंगे 125 दिन

    भारत ने आज अपने पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ को लॉन्‍च कर दिया है. यह प्रक्षेपण इसरो के विश्वसनीय रॉकेट पीएसएलवी के माध्यम से पूर्वाह्न 11.50 बजे श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से किया गया.

  • आदित्य L1 मिशन : लैग्रेंज प्वाइंट 1 क्या है, किस स्थान से ISRO करेगा सूर्य का अध्ययन?

    आदित्य L1 मिशन : लैग्रेंज प्वाइंट 1 क्या है, किस स्थान से ISRO करेगा सूर्य का अध्ययन?

    चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) दो सितंबर को सुबह 11:50 बजे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से अपना पहला अंतरिक्ष-आधारित सौर मिशन आदित्य एल1 लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है. आदित्य एल1 सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज बिंदु एल1 पर एक दूरस्थ स्थान से सौर कोरोना का निरीक्षण करेगा, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 किलोमीटर दूर है.

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  • आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान अपने अंतिम चरण के निकट : ISRO प्रमुख सोमनाथ

    आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान अपने अंतिम चरण के निकट : ISRO प्रमुख सोमनाथ

    इसरो के अनुसार, ‘आदित्य-एल1’ सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला है. अंतरिक्ष यान 125 दिन में पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करने के बाद लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1’ के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित होगा.

  • Aditya-L1 ने चौथी बार सफलतापूर्वक कक्षा परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी की: ISRO

    Aditya-L1 ने चौथी बार सफलतापूर्वक कक्षा परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी की: ISRO

    अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) से ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘चौथी बार पृथ्वी की कक्षा परिवर्तन की प्रक्रिया (ईबीएन-4) को सफलतापूर्वक निष्पादित किया गया. मॉरीशस, बेंगलुरु, एसडीएससी-एसएचएआर और पोर्ट ब्लेयर में इसरो के ‘ग्राउंड स्टेशनों’ ने इस अभियान (Mission) के दौरान उपग्रह की निगरानी की.’’

  • इसरो का सूर्य मिशन आदित्य-एल1, लक्ष्‍य तक पहुंचने में लगेंगे 125 दिन

    इसरो का सूर्य मिशन आदित्य-एल1, लक्ष्‍य तक पहुंचने में लगेंगे 125 दिन

    भारत ने आज अपने पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ को लॉन्‍च कर दिया है. यह प्रक्षेपण इसरो के विश्वसनीय रॉकेट पीएसएलवी के माध्यम से पूर्वाह्न 11.50 बजे श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से किया गया.

  • आदित्य L1 मिशन : लैग्रेंज प्वाइंट 1 क्या है, किस स्थान से ISRO करेगा सूर्य का अध्ययन?

    आदित्य L1 मिशन : लैग्रेंज प्वाइंट 1 क्या है, किस स्थान से ISRO करेगा सूर्य का अध्ययन?

    चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) दो सितंबर को सुबह 11:50 बजे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से अपना पहला अंतरिक्ष-आधारित सौर मिशन आदित्य एल1 लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है. आदित्य एल1 सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज बिंदु एल1 पर एक दूरस्थ स्थान से सौर कोरोना का निरीक्षण करेगा, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 किलोमीटर दूर है.

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