'Ukraine Russia Ties'

- 7 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • World | Reported by: वर्तिका |मंगलवार मई 3, 2022 07:59 PM IST
    रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के मद्देनज़र अमेरिका (US) और यूरोप (Europe) लगातार लोकतंत्रिक देशों के एक साथ खड़े होने की ज़रूरत बता रहे हैं. इनका मकसद रूस (Russia) को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करना है. रूस को वैश्विक व्यवस्था से काटने के लिए यूरोप चाहता है कि भारत (India) रूस (Russia) से दूरी बना ले. भारत ने काफी दबाव के बावजूद यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) की अभी तक सीधी निंदा नहीं की है.
  • World | Edited by: वर्तिका |बुधवार मार्च 23, 2022 05:59 PM IST
    यूक्रेन पर हमले (Ukraine War) के बाद जहां रूस (Russia) दुनिया में अलग-थलग पड़ रहा है तो वहीं चीन (China) ने (Russia) को अहम कूटनीतिक संरक्षण दिया है. रूस की अर्थव्यवस्था प्रतिबंधों के बाद लगातार लड़खड़ा रही है.
  • World | Edited by: वर्तिका |सोमवार मार्च 7, 2022 02:14 PM IST
    Ukraine Crisis: रूस (Russia) के यूक्रेन (Ukraine) पर हमले  को 12 बीत चुके हैं और इस बीच लगभग 15 लाख से अधिक लोग यूक्रेन छोड़कर भाग चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इसे दूसरे विश्व युद्ध के बाद से यूरोप का सबसे तेजी से बढ़ता शरणार्थी संकट कहा है.
  • World | Reported by: एएफपी, Edited by: सूर्यकांत पाठक |मंगलवार फ़रवरी 22, 2022 11:11 PM IST
    रूसी संसद के ऊपरी सदन ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को देश के बाहर सैन्य बल प्रयोग की अनुमति दे दी है. संसद की मंजूरी के बाद रूस के लिए यूक्रेन पर व्यापक हमले का रास्ता साफ हो गया है. पुतिन ने इस संबंध में संसद के ऊपरी सदन को एक पत्र लिखा था. पुतिन ने एक दिन पहले यूक्रेन के विद्रोहियों वाले इलाकों की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी. इससे पहले पश्चिमी देशों के नेताओं ने कहा था कि रूस के सैनिक यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में पहुंच गए हैं. वहीं अमेरिका ने रूस के इस कदम को आक्रमण बताया है.
  • Blogs | रवीश कुमार |बुधवार फ़रवरी 23, 2022 12:01 AM IST
    यूक्रेन में तनाव है और युद्ध की आशंका ने दुनिया को अस्थिरता से घेर लिया है. युद्ध अपने साथ प्रोपेगैंडा लेकर आता है. इराक युद्ध के समय पश्चिमी देशों का प्रोपेगैंडा सच बनकर छाया हुआ था जिस पर ब्रिटेन की संसद की बनाई चिल्कॉट कमेटी ने बताया था कि इराक पर हमला करने से पहले ब्रिटेन ने अपनी जनता से झूठ बोला था कि सद्दाम हुसैन के पास रसायनिक हथियार हैं. इराक युद्ध में ब्रिटेन  की सेना भेजने वाले तबके प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था लेकिन इस दौरान रणनीति बनाने में हुई गलतियों को लेकर माफी भी मांगी थी. इस संदर्भ में हमें यह देखना ही चाहिए कि कौन सा देश कितना सही बोल रहा है और कितना हंगामा मचा रहा है. इस हंगामे का लाभ कौन उठाने वाला है और क्या करने वाला है. लेकिन हम और आप इससे प्रभावित ज़रूर हैं. आज रायटर समाचार एजेंसी ने ट्वीट किया है कि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत सितंबर 2014 के बाद सबसे अधिक स्तर पर पहुंच गई है. सितंबर 2014 में कच्चे तेल का भाव 99.38 डॉलर प्रति बैरल हो गया था जो सोमवार के दिन 98.87 डॉलर प्रति बैरल हो गया?
  • World | Reported by: एएफपी, Edited by: सूर्यकांत पाठक |रविवार फ़रवरी 20, 2022 07:57 PM IST
    पश्चिमी शक्तियों की ओर से यूक्रेन पर आसन्न रूसी हमले और विनाशकारी यूरोपीय युद्ध को रोकने के लिए रविवार को अंतिम राजनयिक प्रयास किए गए. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन को युद्धविराम की कोशिश के लिए बुलाते ही यूक्रेनी कमांडरों ने पूर्वी यूक्रेन में तीव्र गोलाबारी की खबर दी. मैक्रॉन गत 7 फरवरी को पुतिन से मुलाकात के बाद से जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ जैसे पश्चिमी देशों के साथी नेताओं के साथ पुतिन से युद्ध के कगार से पीछे हटने का आग्रह कर रहे हैं.
  • World | Edited by: वर्तिका |शुक्रवार जनवरी 28, 2022 06:19 PM IST
    पिछले एक दशक में, रूस और यूक्रेन इस बात पर भी अलग-अलग हो गए हैं कि वे अपने साझा अतीत को कैसे देखते हैं. उदाहरण के लिए 2015 में, कीव ने नाज़ीवाद के साथ साम्यवाद की बराबरी करने वाला कानून पारित किया, जबकि 2014 में, रूस ने द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ के कार्यों की आलोचना को अपराध करार देने वाला एक कानून अपनाया. आज, दोनों पक्षों के राजनेता अतीत को लेकर एक दूसरे पर जुमले उछालते रहते हैं.
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