India | Reported by: भाषा |शनिवार मई 23, 2020 05:20 PM IST अजीत (48) ने कहा कि वह हालात बेहतर होने और आश्रय स्थल से सभी प्रवासी मजदूरों के चले जाने के बाद ही देवघर वापस जाएंगे. अजीत ने पीटीआई-भाषा से कहा, '''' मेट्रो बंद है और लॉकडाउन के बाद मेरे पास कोई काम नहीं था. मैं यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्थित आश्रय स्थल अप्रैल के दूसरे सप्ताह में वापस अपने गांव जाने की उम्मीद के साथ आया था. जब मैंने यहां लोगों की दशा देखी, तो मेरी अन्तरात्मा ने वहां से जाने की इजाजत नहीं दी.''''