'Mutual Fund investment'
- 35 न्यूज़ रिजल्ट्स- Utility News | Reported by: भाषा |सोमवार फ़रवरी 27, 2023 05:09 PM ISTभारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी इस साल जनवरी में 9.3 प्रतिशत बढ़कर 23.4 लाख करोड़ रुपये हो गई है. भारतीय म्यूचुअल फंड संघ (एम्फी) के हालिया आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. जनवरी, 2022 में म्यूचुअल फंड में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी 21.40 लाख करोड़ रुपये थी.
- Business | Reported by: भाषा, Edited by: अनिशा कुमारी |सोमवार फ़रवरी 13, 2023 06:12 PM ISTगोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) से निकासी के बावजूद गोल्ड ईटीएफ के नेट एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) दिसंबर अंत के 21,455 करोड़ रुपये से बढ़कर जनवरी अंत में 21,836 करोड़ रुपये हो गईं.
- Business | Written by: राजीव मिश्र |गुरुवार फ़रवरी 9, 2023 02:59 PM ISTदेश में लोगों को निवेश का महत्व समझ आने लगा है और लोग निवेश के विकल्प के रूप में म्यूचुअल फंड के महत्व को भी समझने लगे हैं. वैसे तो म्यूचुअल फंड अनेक प्रकार के होते हैं लेकिन शेयर बाजार में ज्यादा निवेश करने वाले फंड में निवेश के मामलों में 72 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है. वहीं एसआईपी निवेश में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है. बीते महीने में SIP (Systematic investment Plan) योगदान में वृद्धि देखी गई है. जनवरी मासिक डेटा दिसंबर 2022 के महीने में 13,573.08 करोड़ रुपये की तुलना में 13,856.18 करोड़ रुपये का SIP योगदान दिखाता है. SIP महीने दर महीने ऊपर की ओर रुझान दिखाता है.
- Utility News | Written by: राजीव मिश्र |शुक्रवार मार्च 10, 2023 10:16 AM ISTआज हम बात केवल 500 रुपये की बचत कर निवेश किसी एसआईपी SIP (Systematic Investment Plan) में करनी की कर रहे हैं. SIP एक ऐसा निवेश है जिसे हर महीने किसी फंड में निवेश किया जा सकता है. 100 रुपसे लेकर आप अपनी सीमा तक कुछ भी इसमें निवेश कर सकते हैं. बेहतर SIP के लिए चुनाव जरूरी है. किसी अच्छे वित्तीय जानकारी या बाजार के जानकार से सलाह लेने के बाद ही निवेश करना चाहिए. यह बात बेहद जरूरी है कि आप ऐसे किसी भी निवेश के लिए समझ के चलें कि आपको लंबी अवधि के लिए निवेश करना है.
- Utility News | Reported by: भाषा |शुक्रवार जनवरी 27, 2023 02:40 PM ISTव्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी SIP) के जरिये म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश पर बीते साल 2022 में बाजार अनिश्चितता बने रहने का भी कोई असर नहीं पड़ा. इस दौरान एसआईपी से 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया.
- Utility News | Reported by: भाषा, Edited by: राजीव मिश्र |शुक्रवार जनवरी 27, 2023 01:44 PM ISTब्याज दर बढ़ने और इक्विटी शेयर में बेहतर रिटर्न से बीते वर्ष म्यूचुअल फंड की निश्चित आय वाली योजनाओं पर विपरीत असर पड़ा है और इस खंड से शुद्ध रूप से 2.3 लाख करोड़ रुपये निकाले गये हैं. हालांकि ब्याज दर में वृद्धि की गति धीमी पड़ने को देखते हुए इस साल स्थिति पलटने की संभावना है. म्यूचुअल फंड की निश्चित आय वाली योजनाओं के तहत बॉन्ड, प्रतिभूतियों जैसे वित्तीय उत्पादों में निवेश किया जाता है.
- Utility News | Written by: राजीव मिश्र |मंगलवार जनवरी 17, 2023 10:15 AM ISTMutual Fund Investment TATA NFO: टाटा की एसेट मैनेजमेंट कंपनी Tata Asset Management ने कंपनी का नया मल्टीकैप फंड लॉन्च किया है. यह मल्टीकैप फंड लार्ज, मिड और स्माल कैप में निवेश किया जाएगा और यह एक ओपन एंडेड इक्विटी फंड स्कीम है. यानि इस फंड में किसी निश्चित समय के लिए रुपया लगाए रखने की बाध्यता नहीं है. यह हमेशा से शॉर्ट टर्म के लिए उपयुक्त होता है.
- Utility News | Written by: राजीव मिश्र |बुधवार जनवरी 4, 2023 06:16 PM ISTअगर कोई तीन साल तक के लिए निवेश करना चाहते हैं और रिस्क लेने को तैयार नहीं हैं तो फिर पहला विकल्प 'फिक्स्ड डिपॉजिट' का माना जाता है, लेकिन अगर फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) से थोड़ा ज्यादा रिटर्न चाहते हैं तो फिर डेट फंड (Debt Funds) में निवेश कर सकते हैं.
- Utility News | Written by: राजीव मिश्र |मंगलवार दिसम्बर 27, 2022 10:38 AM ISTअच्छा तो यह होता कि बैंक बैलेंस, प्रॉपर्टी के साथ-साथ अलग-अलग खातों में निवेश और रकम दिखे जो साल दर साल बढ़ती जाए और जब आप उसे देखें तो आपके माथे के बल मिटते चले जाएं. इसके लिए जरूरी है कि आप स्मार्ट सेविंग और इनवेस्टमेंट प्लान बनाएं. यह कोई लुका-छुपा फॉर्मूला नहीं है. ज़रा सी समझदारी होनी चाहिए और आप जिंदगी के उस कुचक्र से बच जाएंगे जिसमें ज्यादातर लोग फंस के आधी उम्र बीत जाने के बाद अफसोस करते हैं.
- Utility News | Written by: राजीव मिश्र |शुक्रवार दिसम्बर 23, 2022 01:32 PM ISTम्यूचुअल फंड में एक फंड टैक्स सेविंग फंड भी होता है जिसे आम तौर पर ELSS (Equity Link Saving scheme) कहते हैं. चूंकि यह एक टैक्स सेविंग स्कीम है तो इसके साथ कुछ पाबंदियां भी आती हैं. यानि इस योजना में कुछ लॉकिन इन समय है. इससे साफ है कि इस दौरान आप निवेश की गई राशि को निकाल नहीं सकते हैं. अमूमन यह लॉकइन समय कम से कम तीन साल का होता है.